झारखंड: न्यूज़ 11 भारत के मालिक अरूप चटर्जी को हाई कोर्ट से मिली बेल

न्यूज़ 11 भारत के मालिक अरूप चटर्जी को झारखंड हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गयी है। हाईकोर्ट ने 50 हजार की बेल बांड पर उन्हें जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। अरूप को धनबाद पुलिस ने कोल बिजनसमैन राकेश ओझा से रंगदारी व ब्लैकमेलिंग मामले में अरेस्ट कर जेल भेजा था। 

झारखंड: न्यूज़ 11 भारत के मालिक अरूप चटर्जी को हाई कोर्ट से मिली बेल

रांची। न्यूज़ 11 भारत के मालिक अरूप चटर्जी को झारखंड हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गयी है। हाईकोर्ट ने 50 हजार की बेल बांड पर उन्हें जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। अरूप को धनबाद पुलिस ने कोल बिजनसमैन राकेश ओझा से रंगदारी व ब्लैकमेलिंग मामले में अरेस्ट कर जेल भेजा था। 

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हाई कोर्ट में जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में मंगलवार को मामले में सुनवा ई हुई। कोर्ट ने अरूप को मानत देते हुए  कहा कि 22 अगस्त को अगली सुनवाई होगी। कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को अवैध माना है। कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट से मामले में जबाव मांगा है। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी में सीआरपीसी के प्रवधानों का पालन नहीं किया गया है।हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की बेंच ने रूप चटर्जी की पत्नी बेबी चटर्जी के रीट पर सुनवाई करते हुए धनबाद पुलिस को लताड़ लगाते हुए उन्हें जेल से मुक्त करने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि अरूप को शनिवार देर रात उनके रांची आवास से धनबाद पुलिस की टीम ने अरेस्ट किया था।
धनबाद के बिजनसमैन व शिवम हार्डकोक भट्ठा के मालिक राकेश ओझा ने अरूप चटर्जी के खिलाफ गोविंदपुर पुलिस स्टेशन में रंगदारी व ब्लैकमेलिंग की एफआइआर दर्ज कराया था। इस मामले में कोर्ट ने अरूप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने डीएसपी अमर कुमार पांडे के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन कर रांची भेजा था। पुलिस की टीम शनिवार देर रात अरूप चटर्जी के चांदनी चौक स्थित अपार्टमेंट में गोंदा  पुलिस की मदद से रेड कर कर अरूप चटर्जी को अरेस्ट किया था। 
गोविंदपुर पुलिस स्टेशन में 27 जून को दर्ज हुआ था मामला
धनबाद के गोविंदपुर पुलिस स्टेशन में राकेश ओझा की कंपलेन पर में अरूप चटर्जी के खिलाफ केस एफआइआर दर्ज किया गया था। एफआइआर आरोप लगाया था कि अरूप चटर्जी ने अपने रिपोर्टर के माध्यम से ब्लैकमेल कर 11 लाख रुपयों की मांग की थी। छह लाख रुपये लेने के बाद भी झूठी खबर चलायी। फिर अधिक पैसे की मांग की गयी।  पैसा नहीं देने पर बर्बाद करने की धमकी दी गयी।