झारखंड: राज्यसभा चुनाव हार्स ट्रेडिंग मामले में सस्पेंड ADG अनुराग गुप्ता को हाई कोर्ट से राहत बरकरार

झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में एक्युज्ड व सस्पेंडेड एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने अनुराग गुप्ता की राहत को बरकरार रखा। पूर्व में कोर्ट ने अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी और रोक लगाई थी। 

झारखंड: राज्यसभा चुनाव हार्स ट्रेडिंग मामले में सस्पेंड ADG अनुराग गुप्ता को हाई कोर्ट से राहत बरकरार
  • पूर्व में कोर्ट ने अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी पर लगाई थी रोक

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में एक्युज्ड व सस्पेंडेड एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने अनुराग गुप्ता की राहत को बरकरार रखा। पूर्व में कोर्ट ने अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी और रोक लगाई थी। 
हाई कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट से जवाब मांगा है। इस मामले में छह सितंबर को सुनवाई होगी। कोर्ट ने  गवर्नमेंट से यह पूछा है कि फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई मूल डिवाइस की जांच रिपोर्ट में क्या मिला है उसे भी कोर्ट में पेश करें। मामला जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। इस मामले में अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक है। हालांकि कोर्ट  ने इस मामले में पीसी एक्ट जोड़ने पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई है और जांच भी जारी रखने की छूट दी है। 
दरअसल, एडीजी अनुराग गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में पीसी एक्ट जोड़े जाने को चुनौती दी है।पूर्व में सुनवाई के दौरान अनुराग गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर एडवोकेट सिद्धार्थ लुथरा ने कहा था कि स्टेट गवर्नमेंट एडीजी अनुराग गुप्ता को परेशान करने की मंशा से इस मामले में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए आवेदन दिया है। यह घटना वर्ष 2016 की है। एक सीडी के आधार पर चुनाव आयोग के निर्देश पर 29 मार्च 2018 को एफआइआर दर्ज की गई। जिसमें बेलेबल सेक्शन लगाई गई थी। फारेंसिक लैब ने सीडी को पूरी तरह से सही नहीं माना और मूल डिवाइस की मांग की।

फरवरी 2021 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद मूल डिवाइस को जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा गया है।वहां से रिपोर्ट आने से पहले ही अनुसंधान अधिकारी ने निचली अदालत में आवेदन देकर पीसी एक्ट जोड़ने की मांग की है। इसके बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले को निगरानी की विशेष कोर्ट में भेज दिया। इस मामले में सीआरपीसी के प्रविधानों का सही से पालन नहीं किया है। अगर पीसी एक्ट जोड़ा जाता है, तो अनुराग गुप्ता की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से विरोध जताते हुए कहा था कि जांच में इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर अनुसंधान अधिकारी ने पीसी एक्ट जोड़ने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है। इस पर कोर्ट ने सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया था।