Jharkhand: BBMKU के VC डॉ. शुकदेव भोई को गवर्नर ने पोस्ट से हटाया

बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी (बीबीएमकेयू), धनबाद के वीसी डॉ. शुकदेव भोई को गवर्नर सह चांसलर सीपी राधाकृष्णन ने पद से हटा दिया है। राजभवन ने 13 अक्टूबर को प्रेस ब्रीफिंग कर इसकी सूचना दी है।

Jharkhand: BBMKU के VC डॉ. शुकदेव भोई को गवर्नर ने पोस्ट से हटाया
डॉ. शुकदेव भोई (फाइल फोटो)।

धनबाद। बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी (बीबीएमकेयू), धनबाद के वीसी डॉ. शुकदेव भोई को गवर्नर सह चांसलर सीपी राधाकृष्णन ने पद से हटा दिया है। राजभवन ने 13 अक्टूबर को प्रेस ब्रीफिंग कर इसकी सूचना दी है।

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बीबीएमकेयू के रजिस्ट्रार डॉ. कौशल कुमार ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 12 बजे राजभवन से नोटिस आने के बाद यूनिवर्सिटी की ओर से डॉ. शुकदेव भोई को रिलीविंग लेटर दे दिया गया। इसके बाद डॉ. भोई लाल बहादुर शास्त्री यूनिवर्सिटी, दिल्ली के लिए रवाना हो गये। गवर्नर को वीसी प्रोफेसर सुखदेव भोई के खिलाफ कई गंभीर कंपलेन मिली थीं। जांच में आरोप सही पाये गये। इसके बाद  गवर्नर ने वीसी को पदमुक्त करनेका आदेश दिया।

प्रोफेसर सुखदेव भोई के खिलाफ विभिन्न स्तरों से कई गंभीर कंपलेन गवर्नर को प्राप्त हुईं थी। कंपलेन के बाद राजभवन ने जांच का आदेश दिया। राजभवन के आदेश पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से आरोपों की जांच के लिए एक टीम गठित की गई। टीम ने 18 जुलाई को धनबाद पहुंच मामले की गहन जांच की और गवर्नर को जांच रिपोर्ट सौंप दिया। बीबीएमकेयू के वीसी द्वारा प्रशासनिक एवं वित्तीय अनियमितता बरतने की कई गंभीर शिकायतों की पुष्टि की गई।
स्टेट के यूनिवर्सिटी में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
मामले की समीक्षा के बाद बीबीएमकेयू धनबाद के वीसी सुखदेव भोई का आचरण और कृत्य विश्वविद्यालय के हित मेंनहीं पाया गया। इसके बाद गवर्नर ने प्रोफेसर सुखदेव भोई को वीसी पद की गरिमा के विरुद्ध कार्य करने के आरोप में पदमुक्त करनेका आदेश दिया। गवर्नर ने कहा कि स्टेट के किसी भी यूनिवर्सिटी द्वारा किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार क्षम्य नहीं है, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
20 सितंबर को बीबीएमकेयू सिंडिकेट की बैठक में हुआ था हंगामा
बीबीएमकेयू सिडिंकेट की बैठक में 20 सितंबर को  गवर्नर के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित डॉ. राजीव कुमार ने कुलपति डॉ. भोई पर कई आरोप लगाये थे। सिंडिकेट की बैठक में जमकर हंगामा भी हुआ था। डॉ. राजीव ने सिंडिकेट की रिपोर्ट राजभवन में जमा करने की बात कही थी। इसके बाद प्रोवीसी के राज्यपाल से मुलाकात के बाद वीसी के खिलाफ कार्रवाई बल मिला था। 
वीसी पर लगे थे ये आरोप
बीबीएमकेयू के वीसी डॉ. शुकदेव भोई पर कई गंभीर आरोप लगे थे। इनमें बीसीसीएल कैंपस के क्वार्टर में रहते हुए एचआरए लेने, टेंडर प्रक्रिया पूरी किए बगैर मैनपावर सप्लाई, छह कैंटीन का आवंटन करीबियों के बीच करने, बड़े पैमाने पर सामान की खरीद, बीएड कॉलेज से पैसे मांगने, कॉलेजों को फीस बढ़ाने की अनुमति देने, बिना उचित प्रक्रिया के खुले बाजार में उत्तर पुस्तिका बेचने, बिना लाइसेंस की कंपनी सिटी क्लैप को टेंडर देने, कई कॉलेजों में प्रिंसिपल के ट्रांसफर के बदले पैसे लेने, विकास कार्य को लेकर यूनिवर्सिटी विकास फंड में प्राचार्य, शिक्षक, एचओडी व डीन से पैसे लेने, 10 महीने में 46 ट्रांसफर करने, बिना प्रक्रिया के स्वीकृत पद से ज्यादा नई नियुक्ति करने, टेंडर के बिना कोटेशन के आधार पर कार्य आवंटन का आरोप शामिल है।

अनियमितताओं के आरोप
लॉ कॉलेज, बीएड कालेज सहित कई कालेजों से सहयोग राशि के नाम पर राशि वसूली की और उक्त राशि को प्राइवेट बैंकों में जमा रखा।
यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर सहित कई सामग्री की खरीद में टेंडर नियमों का अनुपालन नहीं किया गया।
बिना राजभवन की अनुमति के डिग्री कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई बंद कर दी।
कई क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई को बंद कर ओड़िया भाषा की पढ़ाई शुरू कर दी थी।
10 महीने की अवधि में कुलपति ने 46 ट्रांसफर किये,, 50-60 नई नियुक्तियों के आदेश जारी किए।
बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए कैंपस में मैनपावर सप्लाई और छह कैंटीन का टेंडर अपने लोगों को आवंटित कर दिया।
बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए उत्तर पुस्तिका को खुले बाजार में बेच दिया।