झारखंड: IAS पूजा सिंघल से 10 घंटे तक ED की पूछताछ, वाइफ-हसबैंड को रांची नहीं छोड़ने का निर्देश

भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति के मामलों में घिरी झारखंड के माइंस व इंडस्ट्री सेकरटेरी IAS पूजा सिंघल से मंगलवार को ईडी ने साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की। लंबी पूछताछ के बाद उन्हें रात नौ बजे छोड़ दिया गया। ईडी ने लगातार तीसरे दिन आइएएस अफसर के हसबैंड अभिषेक झा से पूछताछ की।

झारखंड: IAS पूजा सिंघल से 10 घंटे तक ED की पूछताछ, वाइफ-हसबैंड को रांची नहीं छोड़ने का निर्देश
  • हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका, सीबीआइ जांच की मांग

रांची। भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति के मामलों में घिरी झारखंड के माइंस व इंडस्ट्री सेकरटेरी IAS पूजा सिंघल से मंगलवार को ईडी ने साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की। लंबी पूछताछ के बाद उन्हें रात नौ बजे छोड़ दिया गया। ईडी ने लगातार तीसरे दिन आइएएस अफसर के हसबैंड अभिषेक झा से पूछताछ की।

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पूजा सिंघल अपने हसबैंड अभिषेक झा के साथ ईडी ऑफिस पहुंची। दोनों से अलग-अलग व आमने-सामने भी पूछताछ की गयी। पूजा सिंघल और उनके हसबैंड अभिषेक झा को ईडी की ओर से यह भी कहा गया है कि वे किसी भी सूरत में रांची स्थित हेडक्वार्टर छोड़कर कहीं नहीं जाएं। ईडी ने पूजा सिंघल व उनके हसबैंड अभिषेक झा को ईडी ने बुधवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। आइएएस पूजा‍ सिंघल से मंगलवार को ईडी ने दिनभर पूछताछ की। समन मिलने के बाद पूजा सिंघल अपने हसबैंड अभिषेक झा के साथ दिन के 11 बजे ईडी के रांची ऑफिस पहुंच गई। ईडी ने मनरेगा घोटाले के मामले में उनसे घंटों पूछताछ की। पूजा सिंघल को हसबैंड अभिषेक झा और सीए सुमन कुमार के साथ आमने-सामने बैठाकर सवाल पूछे गये।

पूछताछ में खुद को बताया निर्दोष

पूजा ने अपनी ओर से झारखंड सरकार की ओर से दी गई क्‍लीन चिट का हवाला देते हुए खुद को बेकसूर बताया है। जब ईडी ने पूछा कि पूर्व में गिरफ्तार जूनियर इंजडीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने बताया है कि पांच परसेंट कमीशन डीसी ऑफिस को पहुंचता था। इस पर पूजा सिंघल का कहना है कि क्या राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने उनका नाम लिया था? इस मामले में उनके नाम को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। वह इसमें कहीं नहीं थी। जब उनसे सवाल किया गया कि आप राम विनोद प्रसाद सिन्हा को बहुत प्रोटेक्ट करती थी, इतना आरोप लगने के बाद भी आपने उसे बचाने का प्रयास किया।पूजा सिंघल ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से किसी को बचाने का प्रयास नहीं किया, जो भी किया कानून सम्मत किया। जब उनसे पूछा गया कि राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ शिकायत के बावजूद आपने क्या करवाई की थी। इस पर पूजा सिंघल ने कहा कि वे फाइल देख कर ही आगे कुछ बता सकती हैं। उस समय का फाइल देखना पड़ेगा। ।

 पूजा सिंघल की छुट्टी स्वीकृत

झारखंड गवर्नमेंट ने माइंस व इंडस्ट्री सेकरटेरी पूजा सिंघल की छुट्टी का आवेदन विभाग ने स्वीकृत कर लिया है। और उनकी जगह पर दूसरे अफसरों को प्रभार देने की तैयारी की जा रही है। चीफ सेकरटेरी को सिंघल की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ था जिसे उन्होंने तत्काल स्वीकृति प्रदान कर दी। चर्चा है कि माइंस व इंडस्ट्री डिपार्टमेंट का एडीशनल चार्ज आइएएस अफसर राजीव अरुण एक्का और राजेश शर्मा को दिया जा सकता है। दोनों अधिकारी को इन विभागों में कार्य करने का अनुभव रहा है।

मीडिया के किसी भी सवाल के जवाब नहीं दिए पूजा सिंघल

पूजा सिंघल ने मीडिया से नहीं की बातचीत इस दौरान उन्‍होंने मीडिया के किसी भी सवाल के जवाब नहीं दिए।मीडियाकर्मियों की संभावित भीड़ को देखते हुए ईडी दफ्तर में व उसके सामने सीआरपीएफ के पुरुष व महिला सिपाहियों की भारी तैनाती की गई थी। पूजा सिंघल 11 बजे कार (जेएच 01बीवाई-3495: जैसे ही ईडी ऑफिस के गेट के पास पहुंची, पुख्ता सुरक्षा के बावजूद मीडियाकर्मियों ने उनसे सवालों की बौछार की।पूजा सिंघल के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। ईडी परिसर में अपनी कार से उतरकर वह सीधे कार्यालय के भीतर चलीं गईं। कार में उनकी दाहिनी तरफ उनके पति अभिषेक झा बैठे थे, वे भी पीछे-पीछे ईडी के ऑफिस तले गये। पूजा सिंघल का चेहरा मुरझाया हुआ था। वह बेहद घबराई हुईं थी। लाल बार्डर वाली हरी सलवार-कुर्ती और हाथों में हैंड बैग लिए चश्मा पहने पूजा सिंघल के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ पढ़ी जा सकती थी। उनसे मीडियाकर्मी उनका रिएक्शन पूछते रह गए, लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की। पूजा सिंघल के पहुंचने के बाद ईडी ऑफिस के मेन गेट को बंद कर दिया। किसी के भी अंदर जाने पर रोक लगा दी गई।

हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका, सीबीआइ जांच की मांग

झारखंड हाई कोर्ट में पूजा सिंघल प्रकरण की सीबीआइ जांच और ईडी अफसरों की सुरक्षा को लेकर याचिका दाखिल की गई है। प्रार्थी अरुण कुमार दुबे की ओर से एडवोकेट राजीव कुमार ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि उक्त मामले की जांच सीबीआइ से कराई जाए। पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग मामले की जांच करने वाले ईडी के अफसरों को सुरक्षा प्रदान की जाए।

झारखंड पुलिस पर संगीन आरोप

 याचिका में कहा गया है कि पूर्व में बिजली विभाग के अफसरों ने ईडी कार्यालय की बिजली काट दी थी। अभी तो ईडी अफसरों की सिक्युरिटी में सीआरपीएफ के जवानों के तैनात किया गया है। लेकिन कुछ दिनों पर उक्त सुरक्षा हटाये जाने के बाद राज्य की पुलिस ईडी अफसरों को परेशान कर सकती है। याचिका में यह भी कहा गया है कि खूंटी में डीसीरहने के दौरान पूजा सिंघल ने मनरेगा में 18 करोड़ का घोटाला किया था, लेकिन ईडी की कार्रवाई में अब तक लगभग दो सौ करोड़ की संपत्ति होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में उक्त संपत्ति किसकी है। जांच में शेल कंपनियों का भी खुलासा हुआ है।

 झारखंड के दूसरे आइएएस की भी करायी जाए जांच

 याचिका में राज्य के अन्य आईएएस की संपत्ति की जांच सीबीआइ और ईडी से कराए जाने की मांग की उल्लेखनीय कि अरुण कुमार दुबे ने हाई कोर्ट में खूंटी मनरेगा घोटाला मामले की जांच की मांग को लेकर पूर्व में जनहित याचिका दाखिल की गई है। फिलहाल यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। इसी मामले में उनकी ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर सीबीआइ जांच की मांग की है।

बैंक आफ इंडिया के दो अफसर भी आये

 ईडी ऑफिस में बैंक आफ इंडिया के भी दो अफसर भी आये थे। लगभग चार घंटे के बाद दोनों अफसर निकल कर चले गये। इन अफसरों ने भी मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।

दो पेटी दस्तावेज पहुंची ईडी ऑफिस

 ईडी ऑफिस में मंगलवार की शाम इनोवा कार से दो पेटी दस्तावेज पहुंचे। ऑफिस के भीतर आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके हसबैंड अभिषेक झा व चार्टर्ड अकाउंटें सुमन सिंह से पूछताछ चल रही थी। ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पेटियां सील थी, जिसमें पल्स हॉस्पिटल से जब्त दस्तावेज थे, जिसे ईडी ने सील किया था।

 ईडी की निगरानी कर रहा झारखंड का स्पेशल ब्रांच...

आइएएस पूजा को आज पूजा सिंघल को ईडी ने रांची ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था। वहां झारखंड के स्पेशल ब्रांच के अफसर घूमते देखे गए। ईडी ऑफिस के बाहर झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच की एक टीम मंगलवार को चक्कर लगाती हुई दिखी। सफेद बोलेरो में चार लोग सिविल ड्रेस वाले बैठे थे। सभी वायरलेस पर अपने अफसरों से संपर्क में थे। ऑफिस के बाहर की गतिविधियों की जानकारी दे रहे थे। ईडी के ऑफिस के बाहर सिर्फ मीडियाकर्मी व सुरक्षाकर्मी ही थे।