Jharkahnd : परमामेंट DGP या प्रभारी DGP, स्टेट पुलिस चीफ के नाम की घोषणा में देरी से तरह-तरह की चर्चा

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा शनिवार को रिटायर हो गये। स्टेट गवर्नमेंट ने रविवार तक स्टेट गवर्नमेंट ने नये डीजीपी के नामों की घोषणा नहीं की है। डीजी के नाम के एलान नहीं होने पर स्टेट पुलिस महकमें में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। ऐसे में क्या परमामेंट DGP की जगह किसी डीजी रैंक के अफसर को प्रभारी DGP बनाकर काम चलाने की चर्चा तेज है। 

Jharkahnd : परमामेंट DGP या प्रभारी DGP, स्टेट पुलिस चीफ के नाम की घोषणा में देरी से तरह-तरह की चर्चा
  • पुलिस महकमें में गॉशिप
  • झारखंड पुलिस चीफ का पोस्ट रहेगा प्रभार में !

रांची। झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा शनिवार को रिटायर हो गये। स्टेट गवर्नमेंट ने रविवार तक स्टेट गवर्नमेंट ने नये डीजीपी के नामों की घोषणा नहीं की है। डीजी के नाम के एलान नहीं होने पर स्टेट पुलिस महकमें में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। ऐसे में क्या परमामेंट DGP की जगह किसी डीजी रैंक के अफसर को प्रभारी DGP बनाकर काम चलाने की चर्चा तेज है। 

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UPSC की लिस्ट में अजय भटनागर ,अजय सिंह व  1990 अनिल पाल्टा के नाम
UPSC से झारखंड डीजीपी के लिए 1989 बैच के IPSअजय भटनागर व अजय सिंह तथा  1990 बैच अनिल पाल्टा के नामों का सलेक्शन किया गया है।  तीन अफसरों अजय भटनागर, अजय कुमार सिंह और अनिल पाल्टा का स्टेट गवर्नमेंट को भेजा गया है। नियमानुसार इन्ही तीन में से किसी आईपीएस को स्टेट गवर्नमेंट को डीजीपी नियुक्त करना है। आईपीएस अजय भटनागर सीबीआई में ज्वाइंट डायरेक्टर हैं। आइपीएस अजय कुमार सिंह वर्तमान में झारखंड पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी हैं। श्री सिंह के पास झारखंड एसीबी के एडीशनल डीजी का एडीशनल चार्ज है। 1990 बैच के अनिल पाल्टा वर्तमान में डीजी रेल हैं। वैसे अगर सब ठीक रहा तो इन तीन नामों में से कोई डीजीपी बन सकता है।

प्रभारी डीजीपी के लिए अनुराग गुप्ता का नाम की चर्चा
स्टेट के राजनीतिक गलियारे व पुलिस महकमें में चर्चा है कि उक्त तीन नामों के अलावा एक और समीकरण बन सकता है। इस समीकरण में  1990 बैच के आइपीएस डीजी ट्रेनिंग अनुराग गुप्ता होने की चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि अगले आदेश तक अनुराग गुप्ता को झारखंड का प्रभारी डीजी बनाया जा सकता है। झारखंड में यह फर्मूला पहले भी चल चुके है। डीजीपी कमल नयन चौबे को हटाकर एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। एमवी राव को हटाकर नीरज सिन्हा को डीजीपी की जिम्मेवारी दी गयी।
गुजरात में भी हैं प्रभारी डीजीपी
अजय भटनागर व अजय सिंह के भी स्टेट के नये डीजीपी बनाये जाने की चर्चा है। स्टेट में अटकलों का बाजार गर्म है। स्टेट के डीजीपी को लेकर पहली बार सरकार में उधेड़बुन की स्थिति बनी हुई है। एक तबका का कहना है कि गुजारत में 1989 बैच के आईपीएस अफसर विकास सहाय भी प्रभारी डीजीपी के रुप में काम कर रहे हैं। डीजीपी आशीष भाटिया के 31 जनवरी को रिटायरमेंट के बाद श्री सहाय को गुजरात पुलिस का प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया है।
एमवी राव रहे हैं प्रभारी डीजीपी
एमवी राव व नीरज सिन्हा को डीजीपी बनाये जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कहा गया कि रिटायरमेंट के बाद भी नीरज सिन्हा डीजीपी के पोस्ट पर बने हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट व यूपीएससी के नियम के खिलाफ श्री सिन्हा को सरकार डीजीपी की बनाये रखी है। झारखंड गवर्नमेंट ने 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एफीडिवीडट दिया है कि यूपीएससी ने डीजीपी पद के लिए तीन सीनीयर आईपीएस अफसरों के नाम का पैनल भेजा है। इनमें से किसी एक को सरकार 12 फरवरी तक नये डीजीपी की नियुक्ति कर देगी। 
डीजीपी के लेकर राजनीति व प्रशासनिक लॉबिंग
ऐसे में डीजी ट्रेनिंग अनुराग गुप्ता अगर डीजीपी बनते हैं, मामला राजनीति से प्रेरित कहा जा सकता है। एडीजी रहे आईपीएस अनुराग गुप्ता को हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार बनते ही सस्पेंड कर दिया था। आइपीएस अफसर अनुराग गुप्ता हार्स ट्रेडिंग मामले में आरोप लगे थे। चुनाव आयोग के आदेश पर एफआइआर दर्ज हुी थी। श्री गुप्ता लगभग दो साल तक  सस्पेंड रहे। कैट के आदेश पर उन्हें सस्पेंशन से मुक्त किया गया। इसके बाद डीजी रैंक में प्रमोशन हुआ। स्टेट में यह बात खूब चर्चा में भी थी, कि आइपीएस अनुराग गुप्ता और हेमंत सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। ऐसे में अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाया जाना राजनीतिक मामला बन सकता है। एक्स मिनिस्टर व निर्दलीय एमएलए सरयू राय अलग-अलग तथ्यों के साथ अनुराग गुप्ता पर आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस लीडर एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव, एक्स एमएलए निर्मला देवी व वर्तमान एमएलए अंबा प्रसाद भी आरोप लगाते रहे हैं।