Jharkhand: DGP नीरज सिन्हा हुए रिटायर, विदाई समारोह में बोले- नक्सलियों को पूरी तरह खत्म न कर पाने का मलाल

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा शनिवार 11 फरवरी को रिटायर हो गये। डीजीपी के रिटायरमेंट पर रांची के डोरंडा स्थित जैप वन कैंपस में झारखंड पुलिस ने विदाई समारोह का आयोजन किया। मौके पर डीजीपी के रूप में नीरज सिन्हा ने जवानों-अफसरों को अपने अंतिम संबोधन में शुभकामनाएं देते हुए उन्हें जनता के भरोसे को बरकरार रखने को कहा।

Jharkhand: DGP नीरज सिन्हा हुए रिटायर, विदाई समारोह में बोले- नक्सलियों को पूरी तरह खत्म न कर पाने का मलाल
  • बचे कार्यों को हमारे अनुज करेंगे पूरा
  • सीएम हेमंत सोरेन से की शिष्टाचार मुलाकात 

रांची। झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा शनिवार 11 फरवरी को रिटायर हो गये। डीजीपी के रिटायरमेंट पर रांची के डोरंडा स्थित जैप वन कैंपस में झारखंड पुलिस ने विदाई समारोह का आयोजन किया। मौके पर डीजीपी के रूप में नीरज सिन्हा ने जवानों-अफसरों को अपने अंतिम संबोधन में शुभकामनाएं देते हुए उन्हें जनता के भरोसे को बरकरार रखने को कहा।विदाई समारोह में पहुंचे डीजीपी ने जैप वन परिसर स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किए। परेड ग्राउंड में परेड का निरीक्षण भी किया और सलामी भी ली।

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नीरज सिन्हा ने कहा कि उन्हें मलाल है कि वे अपनी सेवानिवृत्ति की तिथि तक नक्सलियों को खत्म नहीं कर पाए, लेकिन उन्हें विश्वास है कि उनके ऊर्जावान अनुज साथी उनकी इस इच्छा को पूरा करेंगे। डीजीपी ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में सरेंडर पॉलिसी के तहत 34 नक्सलियों ने सरेंडर किया, जिनपर एक करोड़ 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस अवधि में 17 नक्सली भी मारे गये, जिनपर 17 लाख का इनाम था।
'अपने टारगेट के करीब पहुंची पुलिस'
उन्होंने झारखंड पुलिस ने बूढ़ा पहाड़, खूंटी, चाईबासा व सरायकेला के ट्राई जंक्शन क्षेत्र, लोहरदगा, लातेहार व गुमला के ट्राई जंक्शन क्षेत्र, लुगु, झुमरा क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करा लिया है। उग्रवादियों का भौगोलिक विस्तार सीमित हो गया है। अब नक्सली दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में ही सभी बड़े नेता जमे हैं। उनकी तीन तरफ से घेराबंदी हो चुकी है, एक हिस्सा बाकी है, जिसे किया जा रहा है। इसमें पुलिस को भी नुकसान सहना पड़ा है। लैंड माइंस विस्फोट में कुछ जवान जख्मी भी हुए हैं, लेकिन पुलिस अपने लक्ष्य के करीब पहुंच चुकी है।
डीजीपी ने कहा कि सरकारी सेवा में योगदान देने के बाद यह स्पष्ट होता है कि रिटायरमेंट  की सामान्य स्थिति क्या होगी। इसके लिए सभी मानसिक रूप से तैयार रहते हैं। इसके बावजूद यह विदाई बेला उनके लिए मार्मिक स्थिति है। उन्होंने अपने जीवन में मिलीं सभी सफलताओं के लिए अपने सहयोगियों व जवानों के प्रति आभार जताया और कहा कि उनकी आत्मशक्ति से ही वे ऊंचाइयों तक पहुंच सके हैं।उन्होंने कहा कि समाज का सुरक्षा कवच पुलिस ही बनती है, इसलिए पुलिस पर जनता का भरोसा बना रहे, यह बेहद जरूरी है। डीजीपी ने कहा कि डीजी-आइजी कांफ्रेंस में झारखंड की सक्सेस स्टोरी की पूरे देश में सराहना हो चुकी है। सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने झारखंड की सक्सेस स्टोरी को दूसरे नक्सल प्रभावित राज्यों के साथ शेयर करने के लिए भी कहा है, ताकि वहां इसका लाभ मिल सके।

बाजार आपके द्वार कार्यक्रम चलेगा
डीजीपी ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण भी नक्सलियों के प्रभाव से त्रस्त थे। उन्हें उनके उत्पादन का सही मूल्य नहीं मिल पाता था। उनके गांव विकास से कोसों दूर थे। नक्सल मुक्त होने के बाद ग्रामीणों में सुरक्षा का भाव उत्पन्न हुआ है। ऐसे क्षेत्रों में 32 सुरक्षा कैंप बनें हैं, ताकि ग्रामीणों में सुरक्षा का भाव उत्पन्न हो। सुरक्षा बलों के कैंप इन इलाकों में बनने से दूसरे विभागों से ग्रामीणों में मिलने वाली सरकारी सुविधाएं भी ग्रामीणों तक पहुंच रही हैं। कई क्षेत्रों में कैंप स्थापित होने से खासकर बूढ़ा पहाड़ पर जहां 30 वर्षों से नक्सलियों का वर्चस्व रहा, वहां लोगों ने पहली बार बिजली देखी। उन्होंने नये फारवर्ड आपरेटिंग बेस से ग्रामीणों को बाजार उनके दरवाजे पर पहुंचा है। ग्रामीणों को उनके उत्पादों को सही मूल्य मिल रहा है। ग्रामीणों में गाय, बकरी पालन के रास्ते खुल रहे हैं। इन सुरक्षा कैंपों के माध्यम से सरकार आपके द्वार के साथ-साथ बाजार आपके द्वार कार्यक्रम भी स्थापित होगा। जो नक्सल आतंक के कारण गांवों से विस्थापित होकर अन्यत्र चले गए थे, अब उनकी अपने गांवों में वापसी हो रही है।

शहर में बनेगा झारखंड पुलिस स्मारक
डीजीपी ने कहा कि उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वे झारखंड पुलिस को शहर में एक ऐसे भूखंड को आवंटित करें, जो शहर के बीच में हो और आम नागरिक वहां से गुजरें तो उनकी वहां नजर पड़े। वहां पर झारखंड पुलिस स्मारक बनेगा, जहां झारखंड अलग होने के बाद विभिन्न हमलों में बलिदान पुलिस के जवानों-पदाधिकारियों की स्मृतियां संजोई जाएंगी। वे कौन थे, कैसे बलिदान हुए, उसका विवरण होगा और आम नागरिक जब वहां से गुजरेगा तो वह अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए जाएगा।
सरकार ने किया था सेवा अवधि विस्तार
डीजीपी नीरज सिन्हा झारखंड कैडर के 1987 बैच के आइपीएस अफसर हैं। उनकी रिटायरमेंट 31 जनवरी 2022 थी, लेकिन राज्य सरकार ने उनके बेहतर कार्य को देखते हुए ही एक साल का अवधि विस्तार दिया था। अपने कार्यकाल में डीजीपी नीरज सिन्हा ने बेहतर पुलिसिंग, बेहतर नक्सल विरोधी अभियान तो चलाया ही, पुलिस परिवार के इतने बड़े विभाग व अपने सहयोगियों को साथ लेकर आगे बढ़े। इसका उन्हें लाभ भी मिला।

डीजीपी नीरज सिन्हा ने सीएम से की शिष्टाचार मुलाकात
डीजीपी नीरज सिन्हा ने मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में सीएम  हेमन्त सोरेन से शिष्टाचार मुलाकात की। नीरज सिन्हा का आज अंतिम कार्य दिवस था। इस अवसर पर सीएम ने  सिन्हा को शॉल और मोमेंटो प्रदान कर उन्हें लंबी उम्र, खुशहाल, सुखद और स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।सीएम ने कहा कि एक पुलिस अफसर के रूप में आपका लंबा कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है। आपके कार्य और अनुभव का लाभ यहां के पुलिस बल, आम जनता और राज्य को मिला है। अब आप जीवन के दूसरे दौर में प्रवेश कर रहे हैं। आपको सुखद सेवानिवृत्ति की शुभकामनाएं।