Jharkhand Cabinet:  मुफ्त अनाज समेत कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा, 25 प्रोपोजल को मिली मंजूरी

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में 25 प्रोपोजल को मंजूरी दी गयी है। स्टेट के 20 लाख गरीब परिवारों को सरकार जनवरी 2023 से दिसंबर तक हर महीने मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करायेगी। 

Jharkhand Cabinet:  मुफ्त अनाज समेत कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा, 25 प्रोपोजल को मिली मंजूरी
  • 20 लाख गरीब परिवारों को जनवरी 2023 से दिसंबर तक हर महीने मुफ्त खाद्यान्न मिलेगी
  • 22 जिलों के 226 सुखाड़ प्रभावित प्रखंडों के प्रत्येक पीड़ित किसान परिवारों को 3500 रुपये राहत राशि मिलेगी

रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में 25 प्रोपोजल को मंजूरी दी गयी है। स्टेट के 20 लाख गरीब परिवारों को सरकार जनवरी 2023 से दिसंबर तक हर महीने मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करायेगी। 

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सुखाड़ प्रभावित क्षेत्र के किसान परिवारों को राहत राशि
झारखंड गवर्नमेंट ने सेंट्रल के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुकों की तरह राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के भी इतने लाभुकों को यह लाभ देने का निर्णय लिया है। स्टेट के 22 जिलों के 226 सुखाड़ प्रभावित प्रखंडों के प्रत्येक पीड़ित किसान परिवारों को 3,500 रुपये राहत राशि के रूप में मिलेंगे। इसके लिए 264 करोड़ 14 लाख 33 हजार 500 रुपये राज्य आकस्मिकता निधि से निकाली जायेगी। 30 लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। कैबिनेट की बैठक में झारखंड विधानसभा के 27 फरवरी से 24 मार्च तक बजट सत्र के आयोजन की भी घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। अभी तक राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुकों को हर महीने पांच किलो खाद्यान्न एक रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाता रहा है। भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुकों को एक जनवरी 2023 के प्रभाव से एक साल तक दिसम्बर 2023 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने भी राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुकों को मुफ्त खाद्यान्न देने का निर्णय लिया।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत तीन रुपये की दर से चावल तथा दो रुपये की दर से गेंहू उपलब्ध कराया जाता था। इस पर राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने पर एक रुपये किलो खाद्यान्न लाभुकों को मिल रहा था।राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 20 लाख लाभुकों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर जन वितरण प्रणाली दुकानदार को देय डीलर कमीशन की राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा राज्य निधि से किया जायेगा।
20 मॉडल स्कूलों को आवासीय विद्यालय के रूप में किया जायेगा विकसित
कैबिनेट की बैठक में पूर्व से संचालित 20 मॉडल स्कूलों को आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित किये जाने पर भी सहमति प्रदान की गई। साथ ही तय किया गया कि राज्य के सरकारी एएनएम स्कूलों से पढ़ाई करनेवाली एएनएम तथा जीएनएम को राज्य के सरकारी हॉस्पिटल में एक साल तक अनिवार्य रूप से सेवा देना होगा। इसके लिए उन्हें एक लाख रुपये का बांड भरना होगा। सेवा नहीं देने पर यह राशि जब्त हो जाएगी।
एएनएम-जीएनएम को प्रतिमाह 10 हजार मानदेय
गवर्नमेंट हॉस्पिटल में सेवा देने के लिए एएनएम-जीएनएम को प्रतिमाह 10 हजार रुपये मानदेय देय होगा। स्टेट में पहले यह व्यवस्था सिर्फ रिम्स में लागू थी। अब यह सभी सदर अस्पतालों में संचालित एएनएम स्कूलों में लागू होगी।

कस्तूरबा विद्यालयों के कर्मियों का 20 परसेंट मानदेय बढ़ेगा 
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकेतर कर्मियों के मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसका वहन राज्य बजट से किया जायेगा। इसका लाभ इन विद्यालयों में कार्यरत लेखापाल, रसोइया, सहायक रसोइया तथा रात्रि प्रहरी को मिलेगा। इन विद्यालयोंं के शिक्षिकाओं के मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि पहले ही की गई थी।
उर्दू शिक्षकों को मिलेगा समय पर वेतन
4,401 उर्दू शिक्षकों को अब समय पर वेतन भुगतान हो सकेगा। अब इनका वेतन भुगतान योजना मद की बजाए अन्य शिक्षकों की तरह गैर योजना मद से हो सकेगा। कैबिनेट ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इस प्रस्ताव पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। योजना मद से वेतन भुगतान होने के कारण प्रत्येक वर्ष योजना की स्वीकृति लेनी पड़ती थी। इससे उर्दू शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान नहीं हो पाता था। उर्दू शिक्षक लगातार गैर योजना मद से वेतन भुगतान की मांग कर रहे थे।

पीपीपी मोड पर विकसित होंगे पर्यटन क्षेत्र
राज्य के कई पर्यटन क्षेत्र पीपीपी मोड पर विकसित किए जा सकेंगे। इसके लिए भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध 12 कंसलटेंट की सूची से ट्रांजेक्शन एडवाइजर के रूप में कंसलटेंट बहाल करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत निजी क्षेत्र को राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी। निजी क्षेत्र वहां पर्यटन से संबंधित संसाधनों को विकसित कर उसका संचालन करेगा।