विदेशी लड़कियों को नौकरी को झांसा देकर लाये इंडिया, सेक्स स्लेव बनाकर रखा, ड्रग्स देकर करते थे रेप

देश की राजधानी दिल्ली में विदेशी लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर लकार यहां उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर रखा जा रहा है। उनसे वेश्यावृति करवाया जाता है। मनाही करने पर विदेशी लड़कियों के साथ मारपीट की जाती है। कंपलेन क के बाद दिल्ली पुलिस ने इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को अरेस्ट किया है।

विदेशी लड़कियों को नौकरी को झांसा देकर लाये इंडिया, सेक्स स्लेव बनाकर रखा, ड्रग्स देकर करते थे रेप
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में विदेशी लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर लकार यहां उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर रखा जा रहा है। उनसे वेश्यावृति करवाया जाता है। मनाही करने पर विदेशी लड़कियों के साथ मारपीट की जाती है। कंपलेन क के बाद दिल्ली पुलिस ने इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को अरेस्ट किया है।
 
दिल्ली पुलिस ने चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में किडनैपिंग, तस्करी, आपराधिक षड्यंत्र, जबरन वसूली समेत कई सेक्शन में मामला दर्ज किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, उज्बेकिस्तान से 26 साल की साजिया (बदला हुआ नाम) काम की तलाश में अप्रैल 2019 में टूरिस्ट वीजा पर इंडिया आई थी। उसे लाने वाले बिचौलियों ने उसका पासपोर्ट और सामान छीन लिया। उसे साउथ दिल्ली के एक फ्लैट के एक कमरे में बंद कर दिया।बिना पासपोर्ट के इस युवती के पास बिचौलियों की बात मानने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था। बिचौलियों ने उससे फ्लैट में वेश्यावृति करायी।  लड़की का कहना है कि कस्टमर को मना करने या भागने की कोशिश करने पर उसे पीटा गया। उसे कोई पैसा नहीं दिया जाता था।
लोकल भाषा की जानकारी नहीं होने के का्रण विदेशी लड़कियों को परेशानी
लोकल भाषा की जानकारी नहीं होने के का्रण साजिया के लिए बड़ी परेशानी थी।  एक को छोड़कर सभी पीड़ितों के घर वापस बच्चे हैं। अधिकांश महिलाओं ने कहा कि कम उम्र में उनकी शादी हो गई। उनके बच्चे थे, हसबैंड उन्हें छोड़ दिया था। एक महिला ने बताया कि 17 साल की उम्र में उसे अक्टूबर 2019 में लाया गया था। एक 30 साल महिला को एक बच्चा है जिसके दिल में छेद है। 22 साल की एक अन्य युवती इसी साल जनवरी में दिल्ली आई थी।साजिया का एक बच्चा भी है। हसबैंड के छोड़ने के बाद, वह नौकरी की तलाश में थी। उसे दिल्ली से एक ऑफर आया। वह टूरिस्ट वीजा पर शहर आई थी। लेकिन बाद में उसे एक ऐसी जगह ले जाया गया, जिसका नाम वह नहीं जानती। उसने बताया, 'मेरे कमरे का दरवाजा हमेशा बंद रहता था। बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। अगर हम जाते थे तो साथ में दलाल रहते थे। वे हमें ड्रग्स देते थे और मना करने पर जबरन देते थे। कुछ कस्टमर्स ने भी उन्हें ड्रग्स दिया था। 
एफआइआर में महिलाओं की तस्करी का आरोप
साजिया उन सात लड़कियों में शामिल है जो उस सेक्स स्लेव के दलदल से भागकर चाणक्यपुरी स्थित उजबेकिस्तान दूतावास पहुंचने में सफल रही। हालांकि पहचान का कोई वैध दस्तावेज नहीं होने के कारण वह दूतावास परिसर में एंट्री नहीं कर पाई। हालांकि विदेशी महिलाओं एम्पॉवरिंग ह्यूमैनिटी एनजीओ ने बचा लिया। इस मामले को पुलिस के हवाले कर दिया गया। एम्पॉवरिंग ह्यूमैनिटी एनजीओ द्वारा बचाई गई महिलाओं को पुलिस से मामला दर्ज करने में मदद मिली। एफआइआर में कहा गया है कि महिलाओं की तस्करी इंडिया में की गई थी। इन्हें नेपाल में टूरिस्ट वीजा दिया गया।  इनमें से कुछ अलग-अलग समय पर मेडिकल वीजा पर इंडिया आई थीं। उनसे वीजा छीन लिया गया और नई दिल्ली लाकर वेश्यावृति के लिए मजबूर किया गया। कुछ महिलाओं ने बताया कि वे मेडिकल या अन्य वीजा पर सीधे इंडिया आई थीं। इंडिया पहुंचते ही उनके यात्रा दस्तावेज और पासपोर्ट ले लिए गये थे।