झारखंड में भाषा विवाद और स्थानीय नीति का आंदोलन गवर्नमेंट प्रायोजित : बाबूलाल मरांडी

झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि स्टेट में भाषा विवाद और स्थानीय नीति को लेकर चल रहा आंदोलन गवर्नमेंट द्वारा प्रायोजित है। इस आंदोलन को लीड करने वाले लोगों के संबंध प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हेमंत गवर्नमेंट से हैं। बीजेपी गवर्नमेंट के समय कोई नयी नीति नहीं लायी गयी थी। बिहार में 1982 से चली आ रही नीति को अपनाया गया था।

झारखंड में भाषा विवाद और स्थानीय नीति का आंदोलन गवर्नमेंट प्रायोजित : बाबूलाल मरांडी
  • स्टेट गवर्नमेंट के संरक्षण में कोयला, लोहा, बालू, पत्थर की तस्करी
 बोकारो। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि स्टेट में भाषा विवाद और स्थानीय नीति को लेकर चल रहा आंदोलन गवर्नमेंट द्वारा प्रायोजित है। इस आंदोलन को लीड करने वाले लोगों के संबंध प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हेमंत गवर्नमेंट से हैं। बीजेपी गवर्नमेंट के समय कोई नयी नीति नहीं लायी गयी थी। बिहार में 1982 से चली आ रही नीति को अपनाया गया था। बाबूलाल शनिवार को गिरिडीह के एक्स एमपी रवींद्र कुमार पांडेय के फुसरो स्थित आवासीय कार्यालय में प्रेस कांफ्रेस में बोल रहे थे।मौके पर बीजेपी प्रसिडेंट दीपक प्रकाश, बोकारो एमएलए बिरंची नारायण उपस्थित थे। 

26 माह में सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया
 
बाबूलाल ने कहा झारखंड में हेमंत सोरेन गवर्नमेंट के संरक्षण में कोयला, लोहा, बालू, पत्थर की खुलेआम लूट हो रही है। इसमें पुलिस व अन्य सभी एजेंसियां मिली हुई हैं। पुलिस अवैध कोयला, लोहा, बालू, पत्थर पार करवा रही है।उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के सीएम बने 26 महीने हो गये, लेकिन उन्होंने चुनाव के पहले किया एक भी वादा पूरा नहीं किया।  26 महीनों में 26 लोगों को भी रोजगार व भत्ता सरकार नहीं दे पायी है। संविधान के अनुसार 50 परसेंट से अधिक रिजर्वेशन नहीं हो सकता है। इसके बाद भी झारखंड बनने के बाद हमने रिजर्वेशन का दायरा बढ़ा कर 73 परसेंट किया था। इसमें ओबीसी को 27 परसेंट रिजर्वेशन दिया गया था। लोग जब कोर्ट में गये तो सुप्रीम कोर्ट के नियम के आलोक में फिर रिजर्वेशन 50 परसेंट कर दिया।
पांच माह से गरीबों को पेंशन भी नहीं दे पा रही है सरकार
बाबूलाल ने कहा कि झारखंड में बीजेपी की गवर्नमेंट से ज्यादा हेमंत सरकार को सेंट्रल गवर्नमेंट ने सहयोग किया। झारखंड में रेवन्यू की कमी नहीं है। कोरोना काल में सेंट्रल गवर्नमेंट ने झारखंड सरकार को हर तरह से मदद दी, लेकिन सरकार उन पैसों को खर्च नहीं कर पायी। गरीबों के लिए आया अनाज भी उन्हें ठीक से नहीं दिया गया। सरकार पांच माह से गरीबों को पेंशन भी नहीं दे पा रही है। सेंट्रल मिनिस्टर नितिन गडकरी ने सीएम हेमंत सोरेन से कहा था कि जितनी योजनाएं बना कर भेजना है, भेजें. राशि की कमी नहीं होने देंगे. लेकिन सरकार कोई भी योजना नहीं भेज पायी है। सरकार अगर योजना बनाती और हमलोगों से कहती तो पैसे के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट से मिलकर मदद करते। सरकार की तो मंशा ही ठीक  नहीं
1932 का खतियान के आधार पर स्थानीयता की बात समरसता तोड़ना वाला:दीपक
 
बीजेपी के स्टेट प्रसिडेंट दीपक प्रकाश ने कहा कि बीजेपीसभी भाषाओं का आदर व सम्मान करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को आत्मसात करती है। भाषा नीति बनाने का काम राज्य सरकार का है। इसे अविलंब किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति व नियोजन नीति आदि विषय समाज की समरसता को तोड़ने वाले हैं। झारखंड गवर्नमेंट ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू नहीं की है। बीजेपी सकारात्मक रूप से विपक्ष की भूमिका निभा रही है। झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर चरमरा गयी है। झारखंड जंगल राज की ओर बढ़ रहा है। सत्ताधारी दल के संरक्षण व समर्थन में खनिज संपदा की लूट हो रहा है. पुलिस अवैध कारोबारियों से वसूली कर सत्ताधारी  दल के नेता तक पहुंचा रही है। 
उन्होंने कहा कि स्टेट में तुष्टीकरण की राजनीति चल रही है। सिमडेगा में  बीजेपी कार्यकर्ता को जिंदा जला देने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। हजारीबाग में रूपेश पांडेय की मर्डर के बाद हमलोगों को उनके परिजनों से मिलने से रोका गया। बीजेपी प्रसिडेंट ने कहा कि वर्तमान सरकार को भूमि से काफी प्रेम है. रांची शहर के आसपास जो जमीन कब्जा हो रहा है, वह झामुमो, कांग्रेस व सत्ताधारी दलों के लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली शराब नीति के पीछे हुई साठ-गांठ को उजागर किया जायेगा।