Dhanbad Muthoot Finance Robbery: पकड़े गये क्रिमिनलों का“गोल्डन थीप गैंग”से कनेक्शन

मुथूट फिनकॉर्प डकैती की कोशिश में पकड़े गये क्रिमिनलों का संबंध “गोल्डन थीप गैंग” यानी गोल्डन थीप ऑफ इंडिया से कनेक्शन है। इंटर स्टेट क्राइम वर्ल्ड में सुबोध सिंह गैंग को इस नाम से भी जाना जाता है। देश के आधा दर्जन स्टेट की पुलिस के लिए यह गैंग सिर दर्द साबित रहा है। हालांकि गैंग का सरगना सुबोध सिंह वर्ष 2018 से बिहार के पटना बेऊर जेल में बंद है। आरोप है कि वह जेल से ही गैंग संचालित कर रहा है।

Dhanbad Muthoot Finance Robbery: पकड़े गये क्रिमिनलों का“गोल्डन थीप गैंग”से कनेक्शन
  • पटना बेउर जेल में बंद है गैंग लीडर सुबोध सिंह
धनबाद। मुथूट फिनकॉर्प डकैती की कोशिश में पकड़े गये क्रिमिनलों का संबंध “गोल्डन थीप गैंग” यानी गोल्डन थीप ऑफ इंडिया से कनेक्शन है। इंटर स्टेट क्राइम वर्ल्ड में सुबोध सिंह गैंग को इस नाम से भी जाना जाता है। देश के आधा दर्जन स्टेट की पुलिस के लिए यह गैंग सिर दर्द साबित रहा है। हालांकि गैंग का सरगना सुबोध सिंह वर्ष 2018 से बिहार के पटना बेऊर जेल में बंद है। आरोप है कि वह जेल से ही गैंग संचालित कर रहा है।
बिहार के नालंदा जिला का सुबोध सिंह गोल्डन थिप के लिए फेमस है। पुलिस सोर्सेज का कहना है कि इस गैंग ने एक सौ किल से अधिक सोना लूट चुका है। पटना STF ने वर्ष 2018 में जब सुबोध को दबोचा तो पुलिस को उसके ठिकाने से 15 किलो गोल्ड ज्वलरी व कई आर्म्स मिले थे। गोल्डन थिप गैंग के  सरगना सुबोध की अरेस्टिंग की सूचना उस समय पांच स्टेट की पुलिस पटना पहुंची थी। सुबोध गैंग हाईटेक तरीके से काम करता है। जहां भी घटना करना होता है, वहां पहले रेकी करता है। लोकल इनपुट लेता है। इस गैंग के अधिकांश सदस्यों के पास फर्जी ID होता है।
बताया जाता है कि 21 जुलाई 2017 को राजस्थान के मानसरोवर मुथूट फाइनेंस के ऑफिस से 27 किलो सोने की लूट हुई थी। इसमें सुबोध एंड कंपनी का हाथ था। छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और कर्नाटक में भी उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं। मानसरोवर में मुथूट फाइनांस के ब्रांच में पहुंचे बाइक सवार चार क्रिमिनलों ने 20 मिनट में  लूट को अंजाम दे दिया था। कुछ दिन बाद राजस्थान पुलिस ने अन्नू, विक्की और शुभम नामक क्रिमिनल को बिहार से अरेस्ट कर लिया था।
 पकड़ा गया गुंजन निकला लखीसराय का राहुल, मछली गैंग से हैं संबंध
बैंक मोड़ स्थित मुथूट फिनकार्प डकैती के दौरान पुलिस गिरफ्त में आया गुंजन नामक क्रिमिनल का असली नाम  राहुल कुमार उर्फ मछली है। वह लखीसराय जिले के बड़हिया पुलिस अंचल अंतर्गत वीरुपुर पुलिस स्टेशन एरिया के सायरबीघा गांव का रहने वाला है। राहुल के पिता राजीव सिंह उर्फ बद्री सिंह और मां का पूर्व में ही निधन हो चुका है। राहुल दो भाई है। एक भाई राजकुमार भी शार्प शूटर है। दोनों भाइयों ने पहले अपने गांव को अपराध का अड्डा बनाया फिर बाद में उसने लखीसराय सहित अन्य जिलों के क्रिमिनल गैंग से जुड़ गया। 
 राहुल उर्फ मछली के भाई राजकुमार का बेगूसराय जिला में ससुराल है। इस कारण उसने वहां के कई क्रिमिनलों से सांठ-गांठ की। राहुल उर्फ मछली के खिलाफ लखीसराय जिले में कोई केस दर्ज नहीं है। वह अपने भाई के साथ मिलकर बड़हिया टाल क्षेत्र में लोकल क्रिमिनलों से मिलकर आतंक कायम कर रखा है। रंगदारी एवं लूट इस गैंग का मुख्य धंधा है। लखीसराय शहर में एक जनवरी 22 की रात फन्नू सरदार और विकास सिंह की डबल मर्डर मामले में राजकुमार लखीसराय जेल में बंद था। हाल ही में वह बेल पर बाहर आया है। राहुल उर्फ मछली अक्सर का पटना जिले के बाढ़ सहित बिहार के अन्य जिलों और झारखंड के क्रिमिनलों से भी कनेक्शन है।
बताया जाता है कि लगभग दो माह पहले ही बेऊर जेल से निकला है। इस गिरोह का नेटवर्क बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली तक फैला हुआ है। इस गैंग का अपना स्टाइल है। गैंग के सदस्य अपने टार्गेट वाले शहर में कम से कम दस दिन पहले डेरा जमा देते हैं। सभी क्रिमिनलएक साथ नहीं ठहरते। फर्जी ID के सहारे किराया पर मकान लेते हैं और होटल में ठहरते हैं। जिस शहर में रेल और हवाई यात्रा की सुविधा हो, वहां दोनो मार्ग से आना जाना करते हैं। यह गैंग सड़क मार्ग का बहुत कम उपयोग करता है। लूट की घटना को अंजाम देकर भागने के लिए इनके द्वारा प्रायः बाइक का उपयोग किया जाता है। इस गैंग का मुख्य टार्गेट “गोल्ड” लूटना होता है। गिरोह में शार्प शूटर भी हैं।
गुंजन ज्वेल्स में लूट और मुथूट में डकैती के प्रयास का कनेक्शन
धनसार में तीन सितंबर को गुंजन ज्वेल्स में हुई लूट और फिर छह सितंबर को बैंक मोड़ में मुथूट में डकैती के प्रयास मामले सीधा कनेक्शन है। यह पटना बेउर जेल से जुड़ा हुआ है। बेउर जेल में राजीव कुमार सिंह भी झारखंड-बिहार से लेकर बंगाल तक सोना लूट की घटनाओं को अंजाम देता रहा है। इन तीनों राज्यों में अब तक मुथूट फिनकॉर्प में जितनी भी डकैती हुई है, अधिकतर घटनाओं में राजीव कुमार सिंह का ही नाम आया है। इसी राजीव कुमार सिंह का नाम अब धनबाद की दोनों घटनाओं से भी जुड़ गया है। बैंक मोड़ में मुथूट फिनकॉर्प में डकैती के दौरान पकड़ा गया आसिफ गैंग लीडर राजीव का खासमखास है।
पुलिसिया पूछताछ के दौरान आसिफ ने बताया है कि पिछले दिनों धनसार में गुंजन ज्वेलर्स डकैती कांड को अंजाम देने में उसके गैंग लीडर राजीव कुमार सिंह का हाथ है। उस घटना को अंजाम देने के लिए राजीव कुमार सिंह का भतीजा रम्मी कुमार सिंह गैंग के कुछ अन्य सदस्यों के साथ धनबाद आया था। घटना को अंजाम देकर यहां से आसानी से निकल गया। उसके बाद ही राजीव ने दूसरी घटना के लिए उन लोगों को (आसिफ और बाकी लोगों को) दोबारा धनबाद भेजा। उन लोगों ने काफी रेकी करने के बाद के बाद बैंकमोड़ मुथूट फिनकॉर्प में डाका डालने की प्लानिंग की। 
वारदात में शामिल राघव उर्फ गुंजन छह माह पहले ही बेउर जेल से जमानत पर छूटा था। वह बेहतरीन क्रिकेटर भी है। छह माह पूर्व जब वह बेउर जेल के छह नंबर वार्ड में था, उस दौरान राजीव के सीधे संपर्क में था।यह जानकारी आसिफ व गुंजन से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चली है। दोनों ने पुलिस को बताया है कि वारदात को अंजाम देने के लिए वे लोग धनबाद आये तो गोल्डन नाम के युवक ने उन लोगों को मैथन में किराये के मकान में ठहराया था। वहां से जब वह लोग धनबाद शहर में क्राइम करने का टारगेट लेकर पहुंचे तो यहां शंकर उर्फ रमेश ठाकुर ने उन लोगों को गांधी रोड में किराये का मकान दिलवाया। शंकर से किशोर सोनी की पुरानी पहचान थी। किशोर सोनी मूल रूप से गोमो का रहने वाला है। आसिफ ने बताया कि शंकर व छोटू समस्तीपुर से ही उसके साथ आये थे। घटना के दिन मुथूट फिनकॉर्प के मैनेजर को वीडियो कॉल कर धमकाने वाला राजीव कुमार सिंह ही था।आसिफ के बयान के आधार पर धनबाद पुलिस की एक टीम शंकर उर्फ रमेश ठाकुर तथा छोटू की तलाश में समस्तीपुर में उसके घर समेत कई संदिग्ध ठिकानों पर रेड कर रही 
 मर्डर के एक मामले में पटना के बेउर जेल से बाहर आने के बाद से ही राहुल उर्फ मछली अपने अन्य सहयोगी के साथ मिलकर धनबाद में मुथूट फिनकॉर्प लूट की योजना बनाया लेकिन सफल नहीं हो सका। उसका एक साथी पुलिस की गोली से मारा गया। एकअन्य साथी के साथ राहुल पकड़ा गया। जबकि दो भगाने में सफल रहे।