Dhanbad Muthoot Finance Robbery : अंतत: परिजनों ने ही किया शुभम का दाह संस्कार 

कोयला राजधानी धनबाद के बैंक मोड़ में मुथूट फिनकॉर्प में डकैती की कोशिश के दौरान पुलिस एनकाउंटर में मारे गये शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट उर्फ रैबिट (21) का बुधवार को परिजनों ने दाह संस्कार कर दिया। बैंक मोड़ पुलिस ने शुभम का पोस्टमार्टम करा परिजनों को बॉडी सौंप दिया। भूली निवासी शुभम के मां, पिता, बहन व अन्य लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। परिजनों ने शुभम सिंह का बॉडी रिसीव कर लिलोरी स्थान के शमसान घाट पर दाह संस्कार कर दिया।

Dhanbad Muthoot Finance Robbery : अंतत: परिजनों ने ही किया शुभम का दाह संस्कार 
  • दारोगा साहब केवल मेरे बेटे को ही गोली क्यों मारा...
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बैंक मोड़ में मुथूट फिनकॉर्प में डकैती की कोशिश के दौरान पुलिस एनकाउंटर में मारे गये शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट उर्फ रैबिट (21) का बुधवार को परिजनों ने दाह संस्कार कर दिया। बैंक मोड़ पुलिस ने शुभम का पोस्टमार्टम करा परिजनों को बॉडी सौंप दिया। भूली निवासी शुभम के मां, पिता, बहन व अन्य लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। परिजनों ने शुभम सिंह का बॉडी रिसीव कर लिलोरी स्थान के शमसान घाट पर दाह संस्कार कर दिया।

दारोगा साहब केवल मेरे बेटे को ही गोली क्यों मारा... 

शिवम अपने माता-पितार का इकलौता चिराग था। बेटे को डकैती की कोशिश में पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की जानकारी जब मां को लगी, तो वह विश्वास नहीं कर सकी। उसे क्या पता था उसका बेटा क्राइम की दलदल में फंस चुका था। बेटे ने कहा था कि एनडीए में नौकरी लग गयी है। ट्रेनिंग कर रहा है। उसकी नौकरी लगने की खुशी में घरवालों ने अभी कुछ दिन पहले ही मिठाइयां बांटी थी। मां को पता चल गया बेटे ने झूठ बोला था। मां मृत शुभम से लिपट कर पूछ रही थी बेटा परवरिश में ऐसी कौन सी कमी हुई थी, जो तुमने अपराध का दामन थाम लिया था। मां खुद को संभाल नहीं पा रही है। पिता तो बेसुध पड़े है। बहनों का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।  इकलौती उम्मीद बुझ गया। 
बेटे के जाने का दुख तो बेहद है। बावजूद पुलिस एनकाउंटर को सही ठहरा रही है मां। मगर उसके दलि में एक मलाल है। शुभम की मां ने कहा माना मेरा बेटा गलत था। संगती के कारण गलत लाइन में चला गया। दारोगा साहब ने जवाबी कार्रवाई में उसे गोली मार दिए, ठीक किए। बाकी धराये हुए दो क्रिमिनलों को क्यों छोड़ दिएए। दारोगा साहब ने उन्हें गोली क्यों नहीं मारी। उन्हें अचार डालने के लिए रखे हुए है। जब मेरे बेटे को गोली मारे तो उन्हें भी मारे। बाकी जो दो फरार हुए है उन्हें भी पुलिस मारे। चारों को वहीं सजा मिलनी चाहिए  जो मेरे बेटे को मिली है।
मेरा बेटा अच्छा था, उसको फंसाया गया
एनकाउंटर के बाद बेटे की मौत का सदमा नहीं झेल पा रही है मां। पुलिस कार्रवाई को भी सही ठहरा रही है। बेटे को गलत भी नहीं बताई। शुभम की मां का आरोप था कि बेटे के मौत के बाद उसके डेड बॉडी को नहीं दिया गया। बुधवार को भी लगभग पांच-छह घंटे के लंबे इंतजार के बाद बॉडी सौंपा गया। वह सुबह से नौ बजे ही बॉडी के लिए SNMMCH में इंतजार कर रही थी। लगभग सवा तीन बजे बॉड दिया गया।  परिजन चार बजे तक बॉडी को घर ले आये थे। शाम को अंतिम संस्कार लीलोरी स्थान घाट पर किया गया।
गोली लगने के बाद भी बच जाता बेटा
मां ने कहा कि मानती हूं बेटा अपराध कर रहा था। लेकिनइसका मास्टर माइंड कोई और था। उसे मोहरा बनाकर फंसाया गया है। उसे कॉल करके बुलाया गया, मरवाने के लिए। इसकी सजा परिवार वालों को न दें। मरने के बाद पुलिस घर वालों ने को तुरंत सूचना नहीं दी थी। अगर ऐसा करती तो कौन जानता है मेरा बेटा गोली लगने के बाद भी बच जाता!!! भूली निवासी शुभम के घर वालों के जानकारी में यही बात थी कि बेटा बाहर जॉब कर रहा है। लेकिन शिवम  पिछले 10 दिन से धनबाद में ही रह रहा था। घर वालों को भनक नहीं थी।