धनबाद: बीसीसीएल कुसंडा के कथित लाइजनिंग स्टाफ की वसूली में तेजी, मंदिर के नाम पर भी ठगी

कोयला राजधानी धनबाद में कुसुंडा एरिया से लेकर टाउन तक एक बीसीसीएल स्टाफ की आजकल फिर से चर्चा हो रही है। बीसीसीएल का यह स्टाफ एक आउटसोर्सिंग व चंद जूनियर पुलिस अफसरों का कथित लाइजनर बताकर वसूलीकर रहा है। अं मंदिर के नाम पर भी बीसीसीएल अफसर व कारोबारियों को ठगी का शिकार बना रहा है। 

धनबाद: बीसीसीएल कुसंडा के कथित लाइजनिंग स्टाफ की वसूली में तेजी, मंदिर के नाम पर भी ठगी

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में कुसुंडा एरिया से लेकर टाउन तक एक बीसीसीएल स्टाफ की आजकल फिर से चर्चा हो रही है। बीसीसीएल का यह स्टाफ एक आउटसोर्सिंग व चंद जूनियर पुलिस अफसरों का कथित लाइजनर बताकर वसूलीकर रहा है। अं मंदिर के नाम पर भी बीसीसीएल अफसर व कारोबारियों को ठगी का शिकार बना रहा है। 
बीसीसीएल स्टाफ अभी मंदिर के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा है। बीसीसीएल स्टाफ,कोल कारोबारी व बिजनसमैन से चंदा काट रहा है। स्टाफ व कारोबारियों के बीच एक दूसरे की चुगली कर रहा है।बीसीसीएल की कुसुंडा एरिया में काम करने वाला उक्त शख्स की पहले पुलिस स्टेशन से लेकर डीएसपी लेवल तक दलाली चलती थी। जिले में ईमानदार पुलिस कप्तानों के पहुंचने व डीएसपी के ट्रांसफर के बाद फरजी लाइजनर की मार्केटिंग बंद हो गयी है। एक साल से ज्यादा समय से इस बीसीसीएल स्टाफ की इंट्री पुलिस हाउस तक पहुंच नहीं बन पाया है। पहले यह जूनियर पुलिस अफसरों को केस मुकदमा में लाइजनर बनकर फायदा दिलाता रहा है। 
दही व मिठाई के मिठास से पुलिस वालों को फांसने के तरीका 
सरायढेला इलाके में रहने वाले इस बीसीसीएल स्टाफ के पास न गाय है न भैंस लेकिन वह दो साल पहले तक पुलिस वालों को दही पहुंचाते रहते हैं। घर का दही व मिठाई दिखाकर संपर्क बनाने की कोशिश करता रहा है। लोगों से ठगी किये गये पैसा लेकर वह पुलिस वालों को मिठाई खरीदकर पहुंचा देते थे. दही व मिठाई खाने के बाद एक-दो जूनियर पुलिस अफसर उसके झांसे में आ जाते थे। एक साल से ज्यादा समय से यह तरीका फेल है। 
पुराने अफसरों का नाम लेकर फांसने की कोशिश
बीसीसीएल स्टाफ कंपनी  के दो संगठन के पदाधिकारी हैं। ड्यूटी कम करते हैं लेकिन दलाली में लगे रहते हैं। सुबह से ट्रांसपोर्टर व कारोबारी के घर व ऑफिस का चक्कर लगाते रहते हैं। पहले अपनी कार पुलिस ऑफिस, पुलिस हाउस या पुलिस स्टेशन के बार खड़ी लोगों फोन कर कहते थे कि अभी साहब के पास हैं। लगभग तीन साल  पहले जिले एक एक डीएसपी साहब के नाम पर ठगी के आरोप में बीसीसीएल स्टा्फ को काफी फटकार लगी थी। पहले वह पोस्टिंग के नाम दर्जनों कांस्टेबल से ठगी कर चुके हैं। सीनीयर पुलिस अफसरों का नाम व फोन नंबर दिखकार लोगों का झांसा देते रहते हैं।
सीबीआइ व विजीलेंस में होगी कंपलेन
बीसीसीएल स्टाफ हाजिरी बनाकर वसूली व चुगली में विजी रहता है। कई संगठनों ने इस स्टाफ की कंपलेन सीबीआइ व विजीलेंस तक पहुंचाने की ठानी है। कहा जा रहा है कि एक मामूली स्टाफ बीसीसीएल अफसर, पुलिस व कारोबारियों को कैसे झांसा दे रहा है। ड्यूटी के टाइम बाहर कैसे घूमता रहता है।