बिहार: मगध यूनिवर्सिटी VC के घर 17 घंटे चली एसवीयू रेड, अलमारी के नोट गिनने के लिए मंगानी पड़ी मशीन

मगध यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. राजेद्र प्रसाद के बिहार व यूपी के ठिकानों पर रेड में लगभग एक करोड़ रुपये कैश, ज्वेलरी और कई प्लॉट के कागजात मिले हैं। एसवीयू ने रेडकी कार्रवाई से स्टेट गवर्नमेंट  समेत अन्य संबंधित एजेंसियों को जानकारी भेज दी है। 

बिहार: मगध यूनिवर्सिटी VC के घर 17 घंटे चली एसवीयू रेड, अलमारी के नोट गिनने के लिए मंगानी पड़ी मशीन

पटना। मगध यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. राजेद्र प्रसाद के बिहार व यूपी के ठिकानों पर रेड में लगभग एक करोड़ रुपये कैश, ज्वेलरी और कई प्लॉट के कागजात मिले हैं। एसवीयू ने रेडकी कार्रवाई से स्टेट गवर्नमेंट  समेत अन्य संबंधित एजेंसियों को जानकारी भेज दी है। 

Truecaller पर करें इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल्स रिकॉर्डिंग, चुनिंदा यूजर्स को मिल रही है सुविधा 
वीसी पर 30 करोड़ से अधिक के दुरुपयोग के मामले में एसवीयू का शिकंजा कस गया है। सोर्सेंज के अनुसार विजिलेंस टीम ने जब घर की एक आलमारी खोली तो उसमें नोटों की गड्डियां देख वह हैरान रह गई। अफसरों ने पहले खुद ही नोट गिनने का प्रयास किया। बाद में गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। वहीं घर से बरामद जेवरात का आकलन करने के लिए एक सर्राफा कारोबारी को बुलाया गया। ज्वेलरी की कीमत लगभग 15 लाख है। इसके अलावा जमीन के कई प्लॉट के कागजात मिले हैं। आवास में मिले ज्वेलरी, दस्तावेज और गिफ्ट का मूल्यांकन करने के बाद अफसरों ने बेटा व बहू को वापस कर दिया। नकदी व दस्तावेज की कॉपी टीम साथ लेती गई।

तीन महीने पहले हुई थी गाड़ी की चेकिंग
बिहार पुलिस की स्पेशल विजिलेंस यूनिट की नजर डा. राजेंद्र प्रसाद पर कई माह से थी। तीन माह पहले वह गया से सरकारी गाड़ी से गोरखपुर आये थे।उनके पास भारी मात्रा में कैश होने की सूचना पर गोरखपुर पुलिस ने विश्वविद्यालय चौराहा पर गाड़ी रोककर सर्च की लेकिन पता नहीं चला। अचानक हुई चेकिंग से गाड़ी में सवार वीसी हैरान हो गए थे।उन्होंने पुलिस अफसर से गाड़ी चेक करने की वजह भी पूछी थी।तब उन्हें बताया गया कि गलतफहमी में गाड़ी रोक ली गई।

एसवीयू ने लखनऊ की फर्म को लेकर यूनिवर्सिटी को लिखा पत्र
30 करोड़ रुपये की बंदरबांट के मामले में एसवीयू की जद में आये वीसी प्रो. राजेंद्र प्रसाद के साथ कई अन्य यूनिवर्सिटी के अफसर भी रडार पर हैं। एसवीयू को जांच के क्रम में कई अहम जानकारियां प्राप्त हुई हैं। इसके आधार पर अन्य यूनिवर्सिटी से पत्राचार किया गया है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने निविदा प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए मेसर्स एक्सएलआईसीटी सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड और पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट, लखनऊ की जिस कंपनी को मगध यूनिवर्सिटी में सप्लाई का जिम्मा दिया था उस कंपनी पर भी एफाइआर दर्ज किया है। एसवीयू को ऐसे तथ्य मिले हैं कि मेसर्स एक्सएलआइसीटी सॉफ्टवेयर प्रा. लि. का करार मुजफ्फरपुर स्थित भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के साथ भी है। बीआरए विश्वविद्यालय ने मेसर्स एक्सएलआइसीटी सॉफ्टवेयर प्रा. लि. लखनऊ से 2020 में यह एग्रीमेंट किया था, जो 27 अगस्त से एक वर्ष के लिए प्रभावी था। कंपनी के कार्यकलाप के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता था। लखनऊ स्थित इन फर्म को और किन यूनिवर्सिटी में सप्लाई आदि का जिम्मा दिया गया है या नहीं इसे जानने के लिए एसवीयू की ओर से वि यूनिवर्सिटी प्रबंधन को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है।