बिहार: नीतीश-तेजस्वी के सामने विजय सिन्हा को खड़ा करेगी BJP ! नेता प्रतिपक्ष के लिए फायर ब्रांड चेहरे की तलाश

बिहार में  बीजेपी अब आरजेडी वाली पुरानी भूमिका यानी विपक्ष की भूमिका में होगी। बीजेपी में अब विधानसभा में विपक्ष के नेता की चर्चा जोर पकड़ ली है। बिहार में तेज तर्रार व फायर ब्रांड चेहरे  की तलाश में बीजेपी इस बार विजय कुमार सिन्हा पर दांव खेल सकती है।

बिहार: नीतीश-तेजस्वी के सामने विजय सिन्हा को खड़ा करेगी BJP ! नेता प्रतिपक्ष के लिए फायर ब्रांड चेहरे की तलाश
  • राय साहब अपने स्वजातीय कुमार साहब के लिए मार रहे हैं हाथ-पांव
  • बोचहां उपचुनाव हराने वाले नेता मार रहे हैं अगड़ा-पिछड़ा का दांव 

पटना। बिहार में  बीजेपी अब आरजेडी वाली पुरानी भूमिका यानी विपक्ष की भूमिका में होगी। बीजेपी में अब विधानसभा में विपक्ष के नेता की चर्चा जोर पकड़ ली है। बिहार में तेज तर्रार व फायर ब्रांड चेहरे  की तलाश में बीजेपी इस बार विजय कुमार सिन्हा पर दांव खेल सकती है।

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बिहार बीजेपी नेताओं की कोर ग्रूप की नई दिल्ली में हुई बैठक में पार्टी विपक्ष के तौर उनकी भूमिका को लेकर चर्चा की है। हालांकि इसको लेकर कोई डिटेल सामने नहीं आ पाई है।नई दिल्ली में बीजेपी प्रसिडेंट जेपी नड्डा व सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह की मौजूदगी में हुई बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, बिहार के प्रभारी, संगठन महामंत्री, सेंट्रल मिनिस्टर गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, संजय जयसवाल, तारकिशोर प्रसाद, सुशील मोदी, मंगल पांडेय समेत अन्य कई नेता शामिल थे। 
बीजेपी को नेता प्रतिपक्ष के लिए कई नामों के कायस
बीजेपी को नेता प्रतिपक्ष के लिए एक तेजतर्रार नेता की तलाश में है जो न केवल तर्कपूर्ण सवालों से सरकार को घेर सके बल्कि उसकी छवि भी इमानदार और दमदार हो। एनडीए की सरकार में तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी दो डिप्टी सीएम थे, लेकिन कहा जा रहा है कि ये दोनों इस भूमिका में फिट नहीं बैठ रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जिस सोच से बीजेपी ने एनडीए की नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार में इन दोनों को डिप्टी सीएम बनाया था, उस कसौटी पर भी ये खरे नहीं उतरे। यही हहाल विधान परिषद में रहा है। आरजेडी से आये नवल किशोर राय को उपनेता बनाया गया। दिलीप जयसवाल को सचेतक बनाया गया लेकिन नतीजा सिफर है। ऐसे में बीजेपी दूसरे नेता की तलाश में है।
नीतीश का मुकाबला करेंगे  विजय कुमार सिन्हा!
बीजेपी सोर्सेज का कहना है कि पार्टी विपक्ष के नेता के जरिए सामाजिक समीकरण दुरूस्त करने की कोशिश में हैं। इस लिहाज से विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को नेता प्रतिपक्ष के पद  पर बैठाया जा सकता है।  वैसे, सिन्हा अभी विधानसभा अध्यक्ष पद पर से इस्तीफा नहीं दिया है। लेकिन कहा जा रहा है, उनका हटना तय है।आरजेडी समेत सभी सत्ताधारी दलों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है। 

कई नामों पर विचार

बीजेपी सोर्सेज का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सिन्हा की छवि तर्कपूर्ण बयानों के साथ विरोधियों को घेरने वाले धैर्यवान नेता के रूप में उभरी है। पिछले दिनों विधानसभा में भी सीएम नीतीश कुमार और अध्यक्ष के बीच जो बहस हुई थी, उसमें भी सिन्हा भारी नजर आ रहे थे। वैसे नेता प्रतिपक्ष के लिए  नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, अमरेन्द्र प्रताप सिंह और नितिन नवीन व संजीव चौरसिया के नामों की भी चर्चा है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी के पास नेताओं की कोई कमी नहीं है। दानों सदन में कई ऐसे नेता हैं जो विपक्ष के नेता की भूमिका संभालने के योग्य हैं।
बीजेपी को एक मजबूत नेता की तलाश
बीजेपी को नेता प्रतिपक्ष के लिए एक ऐसे नेता की तलाश है जो महागठबंधन सरकार को सड़क से सदन तक चुनौती दे सके।दिल्ली में बीजेपी की कोर कमेट की बैठक इस मुद्दे पर डिटेल चर्चा हुई है। सामाजिक समीकरणों के अनुसार विजय सिन्हा के साथ-साथ नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, अमरेन्द्र प्रताप सिंह. नितिन नवीन के नामों पर चर्चा हुई है। इसमें विजय सिन्हा का नाम नेता प्रतिपक्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहा है।  बीजेपी को नेता प्रतिपक्ष पद के लिए एक मजबूत चेहरे की तलाश है. जो 2025 विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा भी बन सके। साथ ही 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी को जीत दिलाने में अहम रोल निभा सके।
बोचहां उपचुनाव के विलेन नेताओं की कुटिलता शुरु
बोचहां उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार के जिम्मेवार चंद नेताओं की कुटिल चाल भी शुरु हो गयी है। नेता प्रतिपक्ष के नाम पर विजय सिन्हा का भीतरी विरोध कर अगड़ा-पिछड़ा का हवा दिया जाने लगा है। नीतीश-तेजस्वी का मुकाबला के लिए ओबीसी पर जोर दिया जा रहगा है। राय साहब अपने स्वजातीय कुमार साहब के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। अगर कुमार साहब नहीं तो राजधानी के एमएलए को मौका दिये जाने की बात कह रहे हैं।