झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने  मामले में जल्द सुनवाई के आग्रह को ठुकराया

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। डीपी के कार्यकाल को लेकर  दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई के आग्रह को ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि एक्सटेंशन देना सरकार का निर्णय है। इसलिए यह मामला इतना अर्जेंसी नहीं है कि इस मामले को तुरंत सुना जाए।  यह कहते हुए याचिकाकर्ता के आग्रह को खारिज कर दिया।

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने  मामले में जल्द सुनवाई के आग्रह को ठुकराया
  • जब तक कोर्ट में सुनवाई नहीं होती, डीजीपी का कार्यकाल जारी रहेगा

नई दिल्ली। झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। डीपी के कार्यकाल को लेकर  दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई के आग्रह को ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि एक्सटेंशन देना सरकार का निर्णय है। इसलिए यह मामला इतना अर्जेंसी नहीं है कि इस मामले को तुरंत सुना जाए।  यह कहते हुए याचिकाकर्ता के आग्रह को खारिज कर दिया।

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झारखंड गवर्नमेंट और डीजीपी के खिलाफ एक लंबित अवमानना याचिका की तत्काल सुनवाई के अनुरोध वाली याचिका दायर की गयी थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि श्री सिन्हा 31 जनवरी को रिटायर होने के बाद भी पुलिस का टॉप पोस्ट पद संभाल रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई 2021 को स्टेट गवर्नमेंट व सीनीयर अफसरों को यूपीएससी के खिलाफ उसके फैसले के कथित उल्लंघन के लिए अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था। बाद में इसमें नीरज सिन्हा को अवमानना याचिका में प्रतिवादी भी बना दिया। अवमानना याचिकाकर्ता राजेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट फैसले के लगातार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि इसे पिछले साल तीनसितंबर से सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

16 जुलाई 2021 को ही नोटिफकेशन जारी कर 11 फरवरी 2023 तक के लिए दिया गया है एक्सटेंशन

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को हेमंत सोरेन गवर्नमेंट ने विगत वर्ष 16 जुलाई को नोटिफकेशन जारी कर 11 फरवरी 2023 तक के लिए एक्सटेंशन दिया था। नीरज सिन्हा अपने पद पर 31 जनवरी के बाद भी बने रहेंगे। इस संबंध में स्टेट गवर्नमेंट ने सेंट्रल को भी अवगत करा दिया है। स्टेट गवर्नमेंट ने नोटिफिकेशन में इस बात का भी उल्लेख किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए ऐसा किया गया है। यही वजह है कि डीजीपी नीरज सिन्हा की रिटायरमेंट व नये डीजीपी को लेकर सरकार व विभाग के स्तर पर न कोई हलचल है और न हीं कोई गतिविधि चल रही है।

1987 बैच के आइपीएस अफसर हैं डीजीपी

झारखंड कैडर के 1987 बैच के आइपीएस अफसर नीरज सिन्हा को झारखंड के डीजीपी के पद पर 11 फरवरी 2021 को पदस्थापित किया गया था। वे 31 जनवरी 2022 को रिटायर होने वाले थे। इस प्रकार अब उन्हें एक साल का एक्सटेंशन मिल गया है।होम डिपार्टमेंट से जारी नोटिफिकेशन में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया गया था। प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार व अन्य के मामले में दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर 2006 को आदेश दिया था कि किसी भी राज्य के डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल का होगा। इसके लिए UPSC से एक इंपैनलमेंट समिति जिन तीन आइपीएस अफसर का नाम राज्य सरकार को भेजेगी, उन्हीं में से एक नाम को डीजीपी बनाया जायेगा। आइपीएस अफसर नीरज सिन्हा को इसी प्रविधान के तहत डीजीपी बनाया गया था।

याचिका पर सुनवाई के लिए SC था तैयार

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को झारखंड गवर्नमेंट व डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ लंबित अवमानना याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हेमा कोहली की तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि वह इस मामले को जल्द सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा। प्रार्थी की याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीरज सिन्हा 31 जनवरी को रिटायर होने के बाद भी पोस्ट पर बने हुए हैं।
2021 सितंबर में सूचीबद्ध करने का दिया गया था आदेश

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इस अवमानना याचिका को पिछले साल सितंबर में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था। लेकिन, यह अब तक सुनवाई के लिए नहीं आई है। इस बीच नीरज सिन्हा अपनी रिटायरमेंट के बाद भी झारखंड के डीजीपी के रूप में काम कर रहे हैं। बेंच कहा कि कोर्ट कोविड के कारण प्रतिबंधित मामलों की ही सुनवाई कर रही है। जल्द सुनवाई के लिए याचिका पर विचार करेगी।
पहले भी बेंच ने कहा था कि यह प्राथमिकता वाली चीज नहीं
प्रार्थी के एडवोकेट अपूर्व खटोर ने कहा कि यह मामला पिछले साल तीन सितंबर को सूचीबद्ध किया गया था। इसे दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था। लेकिन उसके बाद से यह कभी सूचीबद्ध नहीं हुआ। यह मामला झारखंड के डीजीपी के टॉप पोस्ट से संबंधित है। बेंच ने कहा कि यह प्राथमिकता वाली चीज नहीं है। हम जानते हैं कि हम प्रतिबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। इसे हम देखेंगे। जब वकील ने सुनवाई की तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया तो बेंच ने कहा कि आइए देखते हैं।
डीजीपी नीरज सिन्हा पर रिटारमेंट के बाद भी पोस्ट पर बने रहने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट और डीजीपी के खिलाफ एक लंबित अवमानना याचिका की तत्काल सुनवाई के अनुरोध वाली याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि नीरज सिन्हा 31 जनवरी को रिटायर होने के बाद भी डीजीपी का पद संभाल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई 2021 को झारखंड गवर्नमेंट व  उसके टॉप ऑफिसर्स और यूपीएससी के खिलाफ उसके फैसले के कथित उल्लंघन के लिए अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था। बाद में इसमें नीरज सिन्हा को अवमानना याचिका में प्रतिवादी भी बना दिया। अवमानना याचिकाकर्ता राजेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट फैसले के लगातार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि इसे पिछले साल तीन सितंबर से सूचीबद्ध नहीं किया गया है।