भूपेश बघेल का बीजेपी पर तंज, सेंट्रल ने केंद्र ने हेमंत गवर्नमेंट पर बाउंसर फेंका, नीतीश ने बिहार में लगाया छक्का

छत्तीसगढ़ के सीम  भूपेश बघेल ने बिहार में सत्ता परिवर्तन को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है। बघेल ने बुधवार को रांच में कहा कि कुछ लोग हेमंत सोरेन गवर्नमेंट को गिराने के लिए दिन रात एक किए हुए थे। क्रिकेट की भाषा में कहें तो विकेट गिराने के लिए बाउंसर फेंका गया था, लेकिन बिहार में नीतीश कुमार ने छक्का लगा दिया है।

भूपेश बघेल का बीजेपी पर तंज, सेंट्रल ने केंद्र ने हेमंत गवर्नमेंट पर बाउंसर फेंका, नीतीश ने बिहार में लगाया छक्का
  • रांची में दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव का समापन 

रांची। छत्तीसगढ़ के सीम  भूपेश बघेल ने बिहार में सत्ता परिवर्तन को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है। बघेल ने बुधवार को रांच में कहा कि कुछ लोग हेमंत सोरेन गवर्नमेंट को गिराने के लिए दिन रात एक किए हुए थे। क्रिकेट की भाषा में कहें तो विकेट गिराने के लिए बाउंसर फेंका गया था, लेकिन बिहार में नीतीश कुमार ने छक्का लगा दिया है।

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पड़ोसी राज्यों को ऑक्सीजन और ऊर्जा देने का झारखंड करता है काम
करता है कामझारखंड की राजधानी रांची में दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव समापन समारोह में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने शिरकत की.अब ईडी का काम बिहार में भी बढ़ेगा। पहले तो झारखंड-छत्तीसगढ़ में लगातार मूवमेंट हो रहा था, लेकिन अब बिहार भी जायेंगी ईडी की टीम।उन्होंने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां के जंगल पूरे देश को ऑक्सीजन देने का काम करते हैं। ऑक्सीजन की कीमत और महत्व हम सभी को वैश्विक महामारी कोरोना काल के समय समझ में आयी है। झारखंड और छत्तीसगढ़ देश को न केवल ऑक्सीजन देता है, बल्कि ऊर्जा देने का भी काम करता है।

सीएम ने आदिवासी समुदाय के अधिकार एवं हक की बात कही

छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि विगत दिनों नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में मैंने और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से आदिवासी समाज के हक एवं अधिकारों पर लगी रोक को हटाकर उनके संपूर्ण अधिकार और हक को वापस करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जनजातियों की संस्कृति प्राचीन संस्कृति में से एक है। हम सभी को साथ मिलकर जनजातीय समुदाय की आदि संस्कृति को संरक्षित रखते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है।
आदिवासी है तो जल, जंगल और जमीन है
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आज आदिवासी है, तभी जल, जंगल और जमीन बचा है। लेकिन, इसे भी छीनने का प्रयास लगातार हो रहा है। किसी को यह चिंता नहीं है कि आदिवासी कैसे बचे। बस विकास की दौड़ में जल, जंगल और जमीन से छेड़छाड़ हो रहा है। यही वजह है कि आज ग्लोबल वार्मिंग की विकराल समस्या से हम घिरते जा रहे हैं। अगर सृष्टि बचाना है, तो आदिवासी को बचाना होगा, तभी जल, जंगल और जमीन भी बचेगा।

दूर-दूर तक पहुंचाना है जनजातीय समाज की आवाज को 
उन्होंने कहा कि आज का दिन हम यह संकल्प ले कि जनजातीय समाज की पहचान और उनकी आवाज को दूर-दूर तक पहुंचाएं। हालांकि, इसमें कई चुनौतियां भी आयेगी। संघर्षों का भी सामना करना पड़ेगा, पर आदिवासी समुदाय कभी विचलित नहीं होता है। हम इस चुनौती से निपटने और संघर्षों से विजय होने में निश्चित तौर पर कामयाब होंगे।
दरवाजे पर पहुंच कर आपको हक और अधिकार दे रही सरकार
श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड नदी, जंगलों और पहाड़ -पहाड़ियों से घिरा राज्य है। यहां की आदिवासी आबादी इन जंगलों, पहाड़ों और दुर्गम स्थलों पर रह रही है। इनके पास आज तक न तो कोई सरकारी अधिकारी पहुंचा और ना ही योजनाएं यहां लागू हो सकी। लेकिन, हमारी सरकार ने 'सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के माध्यम से इन दुर्गम और सुदूर इलाकों में रहने वालों के घर पर पहुंचकर उन्हें हक और अधिकार दिया। योजनाओं से जोड़ा और मान- सम्मान भी प्रदान करने का काम किया है।

आप आगे आएं, आपके साथ खड़ी है सरकार

हेमंत ने आदिवासी समुदाय से कहा कि आप आगे आएं. सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, रोजगार और व्यापार समेत सभी क्षेत्रों में आपके विकास और कल्याण के लिए कई योजनाएं सरकार लेकर आयी है। आप आगे बढ़े और इन योजनाओं से जुड़ें, ताकि आपके साथ राज्य को भी अलग पहचान के साथ विकास में मुकाम हासिल हो सके।
सफल और शानदार आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद
श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य बनने के बाद पहली बार झारखंड जनजाति महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। समारोह में ना सिर्फ झारखंड बल्कि देश के विभिन्न राज्यों के जनजातीय समुदायों कलाकारों ने अपने परफॉर्मेंस से हर किसी का दिल जीत लिया। यह तो एक शुरुआत है। अब हर साल जनजातीय महोत्सव का और भी शानदार तरीके से आयोजन होगा। हमारी कोशिश जनजाति समुदाय की कला और संस्कृति को देश-दुनिया अलग पहचान दिलाना है। उन्होंने  इस अवसर पर देश- विदेश से आए मानव शास्त्री, जनजातीय विषय के विशेषज्ञ और शोधकर्ताओं का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सेमिनार जैसे कार्यक्रमों में अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जनजातीय समुदाय की विविध विशेषताओं को सामने लाने की कोशिश की। सीएम ने अपने संबोधन में झारखंड जनजातीय महोत्सव के सफल, शानदार और भव्य आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया।

छत्तीसगढ़ की भाषा में भूपेश बघेल का किया गया स्वागत

झारखंड के भुइंया में हमर पड़ोसी राज्य के मुखिया, माटी पुत्र, छत्तीसगढ़िया सीएम भूपेश बघेल जी के झारखंड के भुइंया में प्रदेश के जम्मो रहवइया डहर ले हार्दिक स्वागत अउ अभिनंदन हे। आपके पांव हमर झारखंड के भुंइया में पड़े ले इहां के जनजातीय समाज ह अब्बड़ गौरव अनुभव करत हे। आप मन छत्तीसगढ़ में जनजातीय संस्कृति, परंपरा और तीज-त्योहार ल राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाए हो आपके आए ले झारखंड के जनजातीय परंपरा अउ संस्कृति के पहचान बनही अउ दोनों राज्य विकास में लगातार आगे बढ़हि। अइसने अपेक्षा अउ उम्मीद करथन।

झारखंड की महिला हॉकी खिलाड़ी हुईं सम्मानित

इस अवसर पर बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2022 में देश को कांस्य पदक जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली झारखंड की महिला हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे, निक्की प्रधान एवं संगीता कुमारी को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल एवं झारखंड हेमंत सोरेन ने सम्मानित किया। मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में नागपुरी गायिका मोनिका मुंडू के गानों एवं छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य से माननीय अतिथियों एवं उपस्थित लोगों का मन मोहा।
जनजातीय कलाकारों ने दिखायी अपनी प्रतिभा

दो दिनों तक चले इस समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से आए जनजातीय कलाकारों ने अपनी प्रतिभा और परफॉर्मेंस से आदिवासी कला-संस्कृति, परंपरा, लोक गीत-नृत्य और संगीत को देश-दुनिया के सामने पहचान दिलाने का काम किया। देश और विदेश से आए मानव शास्त्री, जनजातीय विषय के विशेषज्ञ और शोधकर्ताओं ने आदिवासी दर्शन जीवन शैली और आज उनके सामने पैदा हो रही तरह-तरह की चुनौतियों पर विस्तार से मंथन किया। 

समापन समारोह के अवसर पर मिनिस्टर चंपाई सोरेन, जोबा मांझी, बन्ना गुप्ता, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक सविता महतो, मंगल कालिंदी, लंबोदर महतो, अनूप सिंह, नेहा शिल्पी तिर्की, अंबा प्रसाद, सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे, अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव केके सोन, आदिवासी कल्याण आयुक्त मुकेश कुमार, डीसी रांची राहुल कुमार सिन्हा एवं अन्य वरीय पदाधिकारी, झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार तथा अन्य गणमान्य लोग एवं बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।