Baghmara Mine Collapse : धनबाद में चंद्रप्रकाश चौधरी और सरयू राय से धक्का-मुक्की, इलिगल माइंस धंसी, कई दबे !

कोयला राजधानी धनबाद के बाघमारा पुलिस स्टेशन एरिया के केशरगढ़ जमुनिया में मंगलवार देर शाम हुए इलिगल कोल माइंस में चास धंसने से कई लोगों के दबने की आशंका है। हालांकि पुलिस व बीसीसीएल मैनेजमेंट इस तरह की घटना के इनकार कर रही है। 

Baghmara Mine Collapse : धनबाद में चंद्रप्रकाश चौधरी और सरयू राय से धक्का-मुक्की, इलिगल माइंस धंसी, कई दबे !
मौके पर पहुंची एमपी व एमएलए।
  • एमपी-एमएल का हुआ विरोध
  • माइंस हादसे के बाद बाघमारा में आरोप-प्रत्यारोप|
  • अवैध कोयला लदा ट्रक जब्त 

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बाघमारा पुलिस स्टेशन एरिया के केशरगढ़ जमुनिया में मंगलवार देर शाम हुए इलिगल कोल माइंस में चास धंसने से कई लोगों के दबने की आशंका है। हालांकि पुलिस व बीसीसीएल मैनेजमेंट इस तरह की घटना के इनकार कर रही है। 
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गिरिडीह एमपी चंद्रप्रकाश चौधरी और जमशेदपुर पूर्वी के एमएलए सरयू राय जब जमुनिया नदी किनारे स्थित इलिगल माइनिंग स्थल पर घटना का जायजा लेने पहुंचे, तो उन्हें ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने दोनों नेताओं के खिलाफ नारेबाजी भी की। ग्रामीणों और एमपी समर्थकों के बीच तीखी बहस और झड़पें हुईं। एमपी इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर बाघमारा पुलिस स्टेशन पहुंच कर धरने पर बैठ गये।

एमपी-एमएलए को झेलना पड़ा ग्रामीणों का विरोध 
एमपी चंद्रप्रकाश चौधरी और विधायक सरयू राय जैसे ही घटनास्थल पर पहुंचे, बड़ी संख्या में केशरगढ़ के ग्रामीण वहां जमा हो गये। नेताओं के निरीक्षण का विरोध करने लगे। कुछ ग्रामीणों ने एमपी मुर्दाबाद, सरयू राय मुर्दाबाद, चंद्रप्रकाश सरयू वापस जाओ जैसे नारे भी लगाये। ग्रामीणों का आरोप था कि बीसीसीएल ने उनके गांव को टापू बना दिया है, आवागमन के रास्ते तक नहीं हैं, उन्हें नियोजन नहीं दिया गया और वे आग के बीच रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि आज तक वे उनकी हालत देखने नहीं आये, और अब झूठी घटना की सूचना पाकर यहां क्यों आये हैं।

कुछ ग्रामीण दोनों नेताओं को जबरन अपने गांव ले जाकर समस्या देखने का जोर दे रहे थे। देखते ही देखते, ग्रामीणों और दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच कोयला चोर होश में आओ जैसे नारों के साथ तू-तू मैं-मैं और गाली-गलौज होते-होते भिड़ंत हो गयी। तीन से चार बार दोनों ओर से झड़प हुई। सूचना मिलते ही आसपास पुलिस स्टेशन की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को अलग किया।  इसके बाद नेताओं को उनके सुरक्षा गार्ड व पुलिस ने किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला।विरोध के बाद एमपी का पुलिस स्टेशन में धरना, एमएलए वापस लौटे 
ग्रामीणों के विरोध से आहत एमपी चंद्रप्रकाश चौधरी कार्रवाई की मांग को लेकर बाघमारा पुलिस स्टेशन पहुंचे और धरना पर बैठ गये। उन्होंने आरोप लगाया की ग्रामीणों की शक्ल में कोयला तस्कर उनका विरोध कर रहें थे। कोयला तस्कर व स्थानीय दबंग उन्हें मरवाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। वहीं, एमएलए सरयू राय वापस लौट गये। घटना की जानकारी मिलने के बााद बड़ी संख्या में एमपी समर्थक भी थाना पहुंच गए। शाम करीब छह बजे बाघमारा एसडीपीओ पुरूषोतम सिंह के साथ वार्ता हुई, जिसमें एमपी ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोगों के नाम लिखित कंपलेन किया। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया। एमपी ने दैनिक जागरण अखबार का जिक्र करते हुए कहा की अखबार में मृतकों के नाम भी छप चुके है, फिर भी प्रशासन घटना का सुबूत मांग रहा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से घटना में मृत लोगों का नाम भी लिखित रूप से देते हुए जांच की मांग की है। पुलिस द्वारा घटना पर समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन देने पर वे पुलिस स्टेशन से निकल गये।
अवैध कोयला लदा ट्रक जब्त 
बुधवार सुबह एमपी चंद्रप्रकाश चौधरी के समर्थकों ने जमुनिया से अवैध कोयला लेकर निकली एक ट्रक (जेएच10 डीडी 6555) को खानूडीह चौक से हरिना की ओर जाते हुए पकड़ा। समर्थकों का आरोप था कि यह कोयला जमुनिया शिव मंदिर के समीप अवैध चमगादड़ माइंस से लोड किया गया था। सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रक को जब्त कर लिया।जिसमें करीब 40 टन कोयला लोड बताया जा रहा है। जिसकी बाजार की कीमत लगभग तीन लाख रुपये बतायी जाती है। 
हथियारबंद दस्ते के दम पर कर रहे कारोबार
एमएलए सरयू राय ने बाघमारा में बीसीसीएल की ब्लॉक में हुई घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बाघमारा समेत पूरे धनबाद के कोयला क्षेत्र में अवैध खनन होना आम बात है। अब यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो तस्कर हैं वे हथियारबंद दस्ते के बल पर अवैध कोयला खनन करा रहे हैं। इसके लिए बीसीसीएल, सीआइएसएफ, राज्य सरकार और प्रशासन सीधे तौर पर जिम्मेवार है। लोगों की जिंदगी से हो रहे खिलावाड़ पर रोक लगनी चाहिए।
एमपी ने खुद मृतकों व आरोपियों का नाम लिखा
एमपी ने कहा कि मलबे में दबे लोगों में गिरिडीह जिले के ताराटांड़ थाना क्षेत्र के कुंडलवाडीह निवासी अब्दुल अजीज पिता गनी मियां, गांडेय थाना क्षेत्र का मो अफजल पिता शफीक अंसारी, दिलीप साव पिता बूटन साव, सलीम अंसारी पिता गुल मोहम्मद और जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के पुर्जीवती गांव का जमशेद अंसारी शामिल हैं। एमपी के अनुसार, घटनास्थल से कुछ दूर कोयला लदा ट्रक (जेएच 10डीडी 6555) था, जिसे पकड़ा गया. उन्होंने अपने शिकायत में कहा है कि बाघमारा थाना क्षेत्र की केशरगढ़ बस्ती के पिंटू महथा, दिवाकर महथा, मिथुन महथा, गगन महथा पिता केशर महथा, विपिन महथा पिता केठी महथा के अलावा अन्य पांच-छह लोग इस मामले में शामिल हैं। ये सभी उनके साथ उलझने का प्रयास कर रहे थे। घटना की लीपापोती का प्रयास भी कर रहे थे। एमपी ने घटना की गंभीरता से जांच कर दोषी लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
एमपी ने बाघमारा थानेदार को लगायी फटकार
एमपी ने थाना प्रभारी अजीत कुमार को जमकर फटकार लगायी। एमपी ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें मरवाना चाहती है। उनके सूचना देने के बाद भी पुलिस वहां नहीं पहुंची। उन्होंने कहा कि कोयला माफियाओं का मन इस कदर बढ़ गया कि वे सांसद पर हमला करने लगे हैं, फिर भी पुलिस ने वैसे लोगों को गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस लीपापोती करने में लगी है। मरे लोगों पर मिट्टी डाल लीपापोती की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 10-10 लाख रुपये देकर सौदेबाजी की गयी है। एमपी  चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि कोयला माफियाओं को खुली चुनौती है। हम डरनेवाले नहीं हैं। कोयला चोरों को ना कभी संरक्षण दिया हूं और ना ही देंगे। कोयला चोरी की छूट किसी को नहीं देंगे। अगर कोयला माफिया फरियाने के मूड में हैं, तो एक इशारे पर आजसू कार्यकर्ता खदेड़ कर रख देंगे।
बीसीसीएल के जीएम हैं जिम्मेदार: सरयू राय
एमएलए सरयू राय ने कहा कि सर्वप्रथम बीसीसीएल के जीएम जिम्मेदार हैं, जिनके एरिया में यह इलिगल माइनिंग हो रहा था। सीआइएसएफ और स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी संदेह से परे नहीं है। धनबाद में सीबीआइ का ऑफिस है, उसे स्वतः संज्ञान लेकर मामले की जांच करनी चाहिए। जब शराब घोटाले की जांच सीबीआइ कर सकती है। बड़े-बड़े लोग जेल भेजे जा सकते हैं, तो अवैध खनन मामले की जांच भी सीबीआइ से होनी चाहिए कि वे कौन लोग हैं, जो इस अपराध के पीछे हैं और शासन-प्रशासन सभी उनके आगे नतमस्तक हो जाते हैं। मैं सदन में मामले को उठाऊंगा।
कोयला चोरी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई
बीसीसीएल ब्लॉक दो के जीएम जीसी साहा ने कहा कि प्रबंधन कोयला चोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। अवैध मुहानों की भराई भी की जा रही है। असामाजिक तत्व चेतावनी के बाद भी रात के अंधेरे में मुहानों को खोल देते हैं। इसकी कंपलेन पुलिसस्टेशन में की गयी है।
मामले की छानबीन कर होगी कार्रवाई
बाघमारा एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने कहा कि एमपी चंद्रप्रकाश चौधरी ने पांच नामजद सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है। पुलिस मामले की छानबीन कर कार्रवाई करेगी। बाघमारा थाना प्रभारी अजीत कुमार ने कहा कि सांसद की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गयी है। अवैध खदान में हुई दुर्घटना का जांच चल रहा है। एनडीआरएफ के रेस्क्यू के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
यह है मामला
बाघमारा पुलिस स्टेशन एरिया के ब्लॉक दो प्रोजेक्ट अंतर्गत जमुनिया शिव मंदिर के समीप सी पैच बंद माइंस में इलिगल कोल माइनिंग के दौरान चाल धंस गयी थी। इसमें आधा दर्जन से अधिक मजदूरों की मौत की आशंका जतायी गयी है। यह घटना जमुनिया स्थित हाई वाल माइनिंग के समीप 'चमगादड़ माइंस' (इलिगल कोल कारोबारियों द्वारा रखा गया नाम) में मंगलवार की शाम पांच से सात बजे के बीच हुआ। इसमें लगभग दर्जन भर  मजदूर अवैध उत्खनन के दौरान कोयले का पिलर काट रहे थे।अचानक पानी का तेज बहाव आया और पिलर व उसके आसपास का हिस्सा भरभरा कर धंस गया, जिससे मजदूर मलबे में फंस गये। हालंकि आधा दर्जन मजदूर किसी तरह निकलने में सफल रहे। 
गिरिडीह के चार मजदूरों की मौत की सूचना पर स्वजनों में मातम 
जिन चार मजदूरों की कोयले के ढेर में दबने से मौत की आशंका है, वे गिरिडीह के ताराटांड़ के रहने वाले बताये जा रहे हैं। मंगलवार सुबह वे पिकअप वैन के माध्यम से केशरगढ़ में अवैध कोयला खदान में कोयला काटने गये थे। बदगुंदा पंचायत के मुखिया पुत्र मो. इरशाद व कुंदलवादाह पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता मो. मोबीन ने बताया कि मृतकों में ताराटांड़ के कुंदलवादाह टोला अम्बाबेड़ा के चरकु अंसारी, खान साहब, बुढ़वाशेर गांव के दिलीप साव और बदगुंदा पंचायत के मथुरासिंघा गांव के मो. जमशेद शामिल हैं। हादसे की खबर मिलते ही सभी मजदूरों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, अपनों की तलाश में स्वजन व ग्रामीण केशरगढ़ के लिए निकले थे लेकिन उन्हें घटनास्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया था। जिसके बाद से मृतकों के घर पर मातम पसरा हुआ है।
एमपी चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि घटना के बाद तस्करों ने बचाव का जरा सा भी प्रयास नहीं किया। मलबे में फंसे मजूदरों को निकालने के बजाय पूरा कुनबा इंसानियत को तार तार करते हुए सबूत मिटाने में जुट गया था। घटना के तुरंत बाद, क्षेत्र में सक्रिय कोयला तस्करों के सिंडिकेट ने बड़े पैमाने पर बचाव कार्य चलाने के बजाय, सबूत मिटाने का काम शुरू कर दिया था। तीन जेसीबी मशीनों को लगाकर युद्धस्तर पर इलिगल कोल माइनिंग स्थल के मुहानों को भरा दिया गया। सिंडिकेट के दर्जनों गुर्गे घटनास्थल के चप्पे-चप्पे पर तैनात हो गए और किसी को भी वहां आने-जाने नहीं दे रहे थे। जब कुछ मशीन ऑपरेटरों ने घटना का वीडियो फुटेज बनाने की कोशिश की, तो सिंडिकेट के लोगों ने उनके मोबाइल छीन लिए।आरोप है कि समाचार संकलन करने पहुंचे स्थानीय पत्रकारों को भी भीषण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। तस्करों के गुर्गों ने पत्रकारों की गाड़ियों को रोक दिया था और आगे रास्ता बंद होने की बात कहकर उन्हें वापस लौटने पर मजबूर किया था। जब कुछ पत्रकारों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया, तो उन्हें गोली-बारूद की धमकी भी दी गयी।