खूंटी:अड़की में ग्राम प्रधान सहित तीन लोगों की मर्डर,गांव छोड़ भागे ग्रामीण

खूंटी जिले के अड़की पुलिस स्टेशन एरिया के मदहातू पंचायत स्थित कोदेलेबे गांव में बुधवार की देर रात अननोन क्रिमिनलों ने ग्राम प्रधान बोयार सिंह मुंडा (55 वर्ष), उनके बेटे सिंगराय मुंडा उर्फ बुधराम (30 वर्ष) और बहू मानी हरिबिना (27 वर्ष) की मर्डर कर दी।

खूंटी:अड़की में ग्राम प्रधान सहित तीन लोगों की मर्डर,गांव छोड़ भागे ग्रामीण
खूंटी। जिले के अड़की पुलिस स्टेशन एरिया के मदहातू पंचायत स्थित कोदेलेबे गांव में बुधवार की देर रात अननोन क्रिमिनलों ने ग्राम प्रधान बोयार सिंह मुंडा (55 वर्ष), उनके बेटे सिंगराय मुंडा उर्फ बुधराम (30 वर्ष) और बहू मानी हरिबिना (27 वर्ष) की मर्डर कर दी।
पुलिस को घटना की जानकारी घटना के 24 घंटे बाद गुरुवार की देर रात मिली। सूचना पर शुक्रवार को एसडीपीओ अमित कुमार, अड़की थाना प्रभारी नरसिंह मुंडा और पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंच छानबीन की।लाठी-डंडों से पीट-पीटकर और धारदार हथियार से मारकर तीनों की मर्डर की गयी है। ट्रिपल मर्डर के बाद से एरिया में भय का माहौल है।
पुलिस शुक्रवार को जब गांव पहुंची, तो गांव में कोई भी नहीं था। सभी लोग घर छोड़ कर गायब हो गये थे। गांव में सिर्फ मृतक के परिजन ही थे। बोयार सिंह मुंडा की पत्नी गोमा देवी ने बताया कि रात में बोयार अपने घर के बाहर बरामदे में सोया था। बेटा सिंगराय, बहू और उसका बच्चा पास के दूसरे घर में सोया था। रात में क्रिमिनलों ने उनकी मर्डर कर दी। घटना के वक्त चीखने की आवाज सुनकर वाइफ बाहर निकली, तो हसबैंड को घर से कुछ दूरी पर मृत अवस्था में पाया। क्रिमिनलों को वहां से जाते देखा। उन्होंने कहा कि उनका किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। न ही डायन-बिसाही से संबंधित कोई मामला था.
 पांच वर्षीय बच्चे को भी किया घायल
 क्रिमिनलों ने सिंगराय के पांच वर्षीय बेटे बोयार सिंह मुंडा को भी जख्मी कर दिया है। बच्चे के सिर पर काफी चोटें आयी है। पुलिस घायल बच्चे को परिजनों के साथ सदर अस्पताल लेकर ले गयी। बच्चे का इलाज करने के बाद वापस घर भेज दिया गया।
गांव में सात परिवार जुड़ें हैं एसी कुटुंब परिवार से 
 घटनास्थल अति दुर्गम क्षेत्र में स्थित है। पुलिस मुचिया चौक से होते होचर गांव तक पहुंची. वहां से लगभग चार किलोमीटर दूरी पर कोदेलेबे स्थित है। कोदेलेबे गांव में लगभग 22 परिवार रहते हैं। इनमें से सात परिवार एसी भारत कुटुंब परिवार से जुड़े हुए हैं। आसपास के भी कई गांव के लोग एसी कुटुंब परिवार से जुड़े हुए हैं। गांव के अन्य 15 परिवार को भी कुटुंब परिवार में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा था।  मर्डर के पीछे इसका भी कारण होने की संभावना जतायी जा रही है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है. बोयार सिंह मुंडा तीन साल पहले ही ग्राम प्रधान बना था।
आशंका व्यक्त की गयी है कि वह लोगों के एसी कुटुंब परिवार में जुड़ने में बाधक बन रहा था। आशंका है कि इसी कारण ग्राम प्रधान का पद रिक्त करने के लिए बोयार सिंह मुंडा और उसके बेटे की मर्डर की गयी होगी। ट्रिपल मर्डर बाद ग्रामीण फरार हो गये हैं। इससे यह संकेत मिल रहा है कि मर्डर को अंजाम देने में ग्रामीणों का भी समर्थन रहा होगा। पुलिस ने नक्सली घटना होने की संभावना से इनकार किया है।, घटना के बाद गांव में बैठक हुई थी, पर इस बैठक में मृतक के परिजन को शामिल नहीं किया गया था।