उत्तराखंड: 20 दिन से बंद पड़ी थी सड़क, दूल्हे राजा ने यूं जताया गुस्सा, धरना पर बैठ गये

उत्तराखंड में हैड़ाखान से लेकर रीठासाहिब तक लगभग 200 गांवों की रोड 15 नवंबर के बाद से बंद पड़ी है। इससे हजारों ग्रामीणों को संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य रोड को जल्द सुचारू करने की मांग को लेकर मंगलवार सुबह 10 बजे कांग्रेसियों के साथ धरने पर बैठे।

उत्तराखंड: 20 दिन से बंद पड़ी थी सड़क, दूल्हे राजा ने यूं जताया गुस्सा, धरना पर बैठ गये

हल्द्वानी। उत्तराखंड में हैड़ाखान से लेकर रीठासाहिब तक लगभग 200 गांवों की रोड 15 नवंबर के बाद से बंद पड़ी है। इससे हजारों ग्रामीणों को संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य रोड को जल्द सुचारू करने की मांग को लेकर मंगलवार सुबह 10 बजे कांग्रेसियों के साथ धरने पर बैठे।

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हैड़ाखान रोड बंद होने के कारण मंगलवार दूल्हेय संग पूरी बरात को पैदल रास्ताद पार करना पड़ा। इसके बाद दूल्हान भी नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व अन्य कांग्रेसियों के साथ धरने पर बैठ गया। यह खबर आग की तरह शहर में फैल गई। हर ओर इसकी चर्चा होने लगी। इससे पहले सोमवार को भीमताल एमएलए राम सिंह कैड़ा ने वन विभाग व लोनिवि के अधिकारियों के साथ रोड का निरीक्षण कर कहा कि वैकल्पिक मार्ग बरसात में बंद हो जायेंगे। इसलिए पुरानी रोड पर ही ज्यादा फोकस किया जाए।

काठगोदाम से दो किमी दूरी पर हैड़ाखान रोड पर 15 नवंबर को भारी मात्रा में भूस्खलन हुआ था। 380 मीटर सड़क मलबे से पट गई थी। लोनिवि ने मलबा तो साफ कर दिया, लेकिन स्थायी ट्रीटमेंट को लेकर लंबे अध्ययन के बाद ही काम होने का हवाला दिया। ऐसे में ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई। निरीक्षण को पहुंचे एमएलए राम सिंह कैड़ा ने कहा कि वैकल्पिक रास्ते सिंगल होने के कारण वाहन फंस रहे हैं। इसके अलावा बरसात होने पर यहां से गुजरना मुश्किल हो जायेगा। इसलिए मुख्य मार्ग को ही सुचारू किया जाए। काम में बजट की कमी नहीं होने दी जायेगी।

निरीक्षण के दौरान डीएफओ बाबूलाल, रेंजर बीएस मेहता, एई मनोज पांडे समेत ग्रामीण मौजूद थे। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष संग अन्य कार्यकर्ता भी क्षतिग्रस्त मार्ग को जल्द दुरुस्त करने की मांग को लेकर धरने पर जुटेंगे। सड़क से मलबा हटने के बाद लोनिवि ने पहाड़ी की स्थिति को देखते हुए भूस्खलन की आशंका जताई थी। पहले दिन पैदल और बाइक सवार यहां से निकले तो विभाग ने खाई खोदान के साथ मिट्टी से एक छोर को ऊंचा कर दिया था। सोमवार को निरीक्षण के दौरान एमएलए के कहने पर मिट्टी हटा दी, ताकि लोग पैदल निकल सकें। इसके अलावा एलाइनमेंट बदल वन भूमि क्षेत्र से रोड को निकालने पर भी मंथन चल रहा है।