उत्तर प्रदेश: 18 जिला पंचायत के अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित,17 जिला पर बीजेपी का कब्जा,  एक सीट सपा को मिली

उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में , जेएनएन। प्रदेश की सत्ता के सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में 19 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने गये हैं। इनमें बीजेपी के 17 व एक सपा के हैं। 

उत्तर प्रदेश: 18 जिला पंचायत के अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित,17 जिला पर बीजेपी का कब्जा,  एक सीट सपा को मिली
  • 17 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सिंगल-सिंगल कैंडिडेट ने किया था नॉमिनेशन
  • खिलाफ किसी ने भी नहीं किया नामांकन पत्र दाखिल 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में , जेएनएन। प्रदेश की सत्ता के सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में 19 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने गये हैं। इनमें बीजेपी के 17 व एक सपा के हैं। 

एक सीट पर एसपी कैंडिडेट का नॉमिनेशन कैंसिल
बताया जाता है कि 17 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में शनिवार को सिंगल-सिंगल कैंडिडेट ने ही नॉमिनेशन भरा है।इनके खिलाफ किसी ने भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। एक सीट पर एसपी कैंडिडेट का नॉमिनेशन कैंसिल हो गया। इस तरह स्टेट के कुल 75 जिलों में से जिन 18 जिलों के पंचायत अध्यक्ष का निर्विरोध चुना जाना तय है। इनमें 17 बीजेपी के और मात्र एक समाजवादी पार्टी का होगा। अब 29 जून को नाम वापसी के बाद 18 जिलों के पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की जायेगी। 
जिलों के पंचायत अध्यक्ष के लिए शनिवार को हुए नामांकन में कुल 164 कैंडिडेट ने नॉमिनेशन किया। इनमें से छह प्रत्याशियों के नामांकन पत्र जांच में खारिज हो गये। 29 जून को नाम वापसी के बाद बची हुई सीटों पर तीन जुलाई को वोटिंग होगा।

निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा 29 जून को नाम वापसी के बाद

स्टेट के जिन 18 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन तय है, उनमें मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, बुलंदशहर, वाराणसी व मऊ हैं। इनमें इटावा को छोड़कर अन्य बीजेपी के पास रहेंगी। निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा 29 जून को नाम वापसी के बाद होगी। चुनाव होने वाली 57 सीटों में 41 ऐसी हैं, जिनमें दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला होगा। 11 सीटें ऐसी हैं, जहां पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा। सर्वाधिक पांच उम्मीदवार भदोही में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चार सीटों में चार-चार कैंडिडेट चुनाव मैदान में हैं।

समाजवादी पार्टी अपना गढ़ इटावा बचाने में सफल रही

जिन छह कैंडिडेट के नामांकन रद्द हुए, उनमें मुजफ्फरनगर, अमरोहा, वाराणसी व गोरखपुर से एक-एक व बांदा से दो शामिल हैं। वाराणसी में समाजवादी पार्टी की चंदा यादव का नामांकन पत्र खारिज हो गया। नाम वापसी का समय 29 जून को सुबह 11 बजे से दिन में तीन बजे तक है। इसके बाद चुनाव मैदान में बचे प्रत्याशियों की संख्या अंतिम हो जायेगी। निर्विरोध निर्वाचन के बाद बची हुई सीटों पर तीन जुलाई को दिन में 11 बजे से तीन बजे तक वोटिंग होगी। इसी दिन शाम को काउंटिंग कर रिजल्ट घोषित कर दिए जायेंगे।
बीजेपी के आगरा से मंजू भदौरिया, गाजियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली सिंह, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम, गोंडा से घनश्याम मिश्रा, मेरठ से गौरव चौधरी, बांदा से सुनील पटेल, वाराणसी से पूनम मौर्या तथा अमरोहा से ललित तंवर जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गये हैं। समाजवादी पार्टी अपना गढ़ इटावा बचाने में सफल रही है, जहां पर अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव उर्फ अंशू के खिलाफ किसी ने भी नॉमनेशन नहीं किया।

कुछ ऐसे जिले भी हैं जहां पर बड़ी संख्या में कैडिडेट ने नामांकन दाखिल किया गया है। जौनपुर में बीजेपी व अपना दल की संयुक्त उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह तथा एक्स एमसपी हरिवंश सिंह की बहू नीलम ने भी नामांकन किया है। यहां पर अपना दल से दो प्रत्याशियों ने नामांकन किया है।समाजवादी पार्टी से निशी यादव ने नॉमिनेशन किया  है। नीलम सिंह तथा श्रीकला सिंह निर्दलीय प्रत्याशी हैं। प्रतापगढ़ से चार और उन्नाव ने तीन प्रत्याशी मैदान में हैं। उन्नाव से अरुण सिंह ने भी भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी शकुन सिंह के खिलाफ नामांकन कर दिया है। अयोध्या में भाजपा रोली सिंह व समाजवादी पार्टी से इंदू सेन यादव ने नामांकन किया।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कुल 3050 जिला पंचायत सदस्य चुने गये

उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कुल 3050 जिला पंचायत सदस्य चुने गये थे। इनमें से समाजवादी पार्टी के 747, भारतीय जनता पार्टी के 666, बहुजन समाज पार्टी के 322, कांग्रेस के 77, आम आदमी पार्टी के 64 और 1174 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे। अब 75 जिला पंचायत अध्यक्षों में 17 का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। जिनमें से 16 भाजपा तथा एक समाजवादी पार्टी का है। 75 में से अब 58 जिलों में चुनाव के बाद विजेता तय होगा। मुख्य लड़ाई में बीजेपी तथा समाजवादी पार्टी ही हैं।जिन छह प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त हुए, उनमें मुजफ्फरनगर, अमरोहा, वाराणसी व गोरखपुर से एक-एक व बांदा से दो शामिल हैं। वाराणसी में समाजवादी पार्टी की चंदा यादव का नामांकन पत्र खारिज हो गया।