यूपी:  बलरामपुर में दलित छात्रा के साथ गैंगरेंप, आरोपी जेल गये , हाथरस जैसी हैवानियत ,गैंगरेप के बाद उसकी कमर और दोनों पैर तोड़ दिये

बलरामपुर में भी हाथरस जैसी हैवानियत सामने आयी है।  बलरामपुर गैसड़ी कोतवाली एरिया में 22 साल की दलित छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद उसकी कमर और दोनों पैर तोड़ दिये गये। इसके बाद पीड़िता को रिक्शे में बिठाकर घर भेज दिया गया, जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है।

यूपी:  बलरामपुर में दलित छात्रा के साथ गैंगरेंप, आरोपी जेल गये , हाथरस जैसी हैवानियत ,गैंगरेप के बाद उसकी कमर और दोनों पैर तोड़ दिये
  • पीड़िता को रिक्शे में बिठाकर घर भेज दिया, जहां कुछ देर बाद हो गयी मौत

 लखनऊ। बलरामपुर में भी हाथरस जैसी हैवानियत सामने आयी है।  बलरामपुर गैसड़ी कोतवाली एरिया में 22 साल की दलित छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद उसकी कमर और दोनों पैर तोड़ दिये गये। इसके बाद पीड़िता को रिक्शे में बिठाकर घर भेज दिया गया, जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है।

 मृतक छात्रा की की मां का आरोप है कि उसकी बेटी को इंजेक्शन लगाकर हैवानियत की गयी।  कमर और दोनों टांगों को तोड़कर रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया गया। वह कुछ भी बोल नहीं पा रही थी। वह सिर्फ इतना कह पाई, 'बहुत दर्द है अब मैं बचूंगी नहीं। हालांकि बलरामपुर एसपी देव रंजन वर्मा ने कहा है कि हाथ पैर और कमर तोड़ने वाली बात गलत है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

 दोस्ती के बहाने रेप का आरोप

बताया जाता है कि गैगरेप के बाद छात्रा के आंतरिक और बाहरी अंगों में काफी चोटें आई थी। जिससे उसकी मौत हो गई। एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि मामले में दो आरोपियों शाहिद और साहिल को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है। दोनों गैंसड़ी के रहने वाले हैं। दोस्ती के बहाने दलित युवती से रेप का आरोप है।

 मरणासन्न स्थिति में रिक्शे से घर भेजा

बलरामपुर के गैसड़ी कोतवाली एरिया की  22 साल की दलित छात्रा 29 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे बीकॉम में एडमिशन कराने घर से निकली थी। शाम तक वह घर नहीं लौटी। खोजबीन शुरू हुई तो शआम लगभग सात बजे पीड़ित युवती एक रिक्शे से बुरी तरह से घायल अवस्था में घर पहुंची। घर वालों ने पूछताछ करने की कोशिश की तो वह दर्द से कराहने लगी। उसकी हालत खराब थी और खून से लथपथ थी।  गांव के दो डॉक्टरों को दिखाने के बाद परिजन जिला मुख्यालय पर इलाज करवाने के लिए निकले लेकिन कुछ दूरी पर ही छात्रा की मौत हो गई।

रिक्शे में मिले खून के धब्बे

 बताया जा रहा है कि जब छात्रा घर पहुंची तो कीचड़ से लथपथ थी। उसके हाथ में ग्लूकोज चढ़ाने वाला वीगो लगा था। परिजनों ने जब गांव में पता की तो पता चला की गांव के ही एक डॉक्टर को गांव के ही एक लड़के ने एक घर में युवती की इलाज के लिए बुलाया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि जब छात्रा पचपेड़वा के विमला विक्रम कॉलेज से एडमिशन कराकर लौट रही थी तो गांव के ही पांच-छह लड़कों ने उसका किडनैप कर लिया। गांव के ही एक घर में ले जाकर गैंगरेप किया। जिस रिक्शे पर युवती को बैठकर घर पहुंचाया गया उसपर खून के धब्बे और रास्ते में उसकी जूती भी मिली।

 किसानों को जागरुक करती थी मेधावी छात्रा

जघन्य गैंगरेप की शिकार पीड़ित दलित छात्रा मेधावी थी। करीब दो साल वह एक संस्था के जरिए किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए जागरूक करने का काम भी करती थी। पुलिस ने युवती के बॉडीकी पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों सौंप दिया है।संयुक्त जिला चिकित्सालय स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस में चार डॉक्टरों के पैनल ने छह घंटे तक युवती का पोस्टमार्टम किया।