उत्तर प्रदेश: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह और बेटा मुन्नू अंसारी समाजवादी पार्टी में शामिल

मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं।सपा मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने दोनों को पार्टी ती सदस्यता दिलाई।  बलिया जनपद के कद्दावर नेता व एक्स मिनिस्टर अंबिका चौधरी ने बीएसपी छोड़कर घर वापसी कर ली है।

उत्तर प्रदेश: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह और बेटा मुन्नू अंसारी समाजवादी पार्टी में शामिल

लखनऊ। मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं।सपा मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने दोनों को पार्टी ती सदस्यता दिलाई।बलिया जनपद के कद्दावर नेता व एक्स मिनिस्टर अंबिका चौधरी ने बीएसपी छोड़कर घर वापसी कर ली है।

अम्बिका चौधरी भावुक होकर लगे रोने
अम्बिका चौधरी भावुक हो गए और रोने लगे तो अखिलेश ने दिलासा देते हुए कहा कि ना जाने क्यों कुछ मज़बूत रिश्ते यूं ही टूट जाते हैं। अम्बिका चौधरी का स्वागत है पार्टी में।आप के आने से पार्टी मज़बूत हुई है। बहुमत की सरकार बनाने में मदद मिलेगी। नेताजी के जितने पुराने साथी हैं सबको सपा में जोड़ा जायेगा। सही समय पर जो साथ दे वही साथी है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अंबिका चौधरी ने भी लगभग पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। इसकी पटकथा महीनों पहले तय हो गई थी, जब इनके बेटे को समाजवादी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था।अम्बिका चौधरी प्रदेश की मुलायम और अखिलेश सरकार में मिनिस्टर रह चुके है। फेफना विधान सभा सीट से चार बार विधायक रहे चुके हैं। अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार एमएलए रहे। 2017 में बसपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गये। हाल के जिला पंचायत चुनाव में उनके बेटे ने आनंद चौधरी ने द समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और जिला पंचायत अध्यक्ष बने।

आज का दिन उनके लिए पुनर्जन्म

ज्वाइन करने के मौके पर अम्बिका चौधरी भावुक होते हुए  कहा आज का दिन उनके लिए पुनर्जन्म की तरह है।इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भावनात्मक बातों से अम्बिका चौधरी खुद को संभाल नही पाये।  मंच पर अखिलेश यादव के सामने ही रो पड़े। अखिलेश यादव ने कहा कि अम्बिका चौधरी बहुत भावुक हो गये हैं। जो कहना चाह रहे थे वो भी नही कह पा रहे है। इससे तो लगता है कि वह कितने कष्ट से समाजवादी पार्टी को छोड़कर गये होंगे। उन्होंने कहा कि आज मुझे इसका एहसास हुआ है। अब मेरी कोशिश रहेगी नेताजी से जुड़े हुए सभी लोगों को एक साथ लाया जाए। राजनीति में तो उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन सही समय पर जो साथ थे वही साथी है। बलिया के लोगों की सबसे बड़ी पहचान उनकी बात की है। लखनऊ में भी आज जेपीआइसी बिल्डिंग बलिया के लोगों की पहचान है।
अंसारी फैमिली पहले भई रही है एसपी के साथ
मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अलका राय से हारे थे। कौमी एकता दल का गठन करने वाले सिबगतुल्लाह अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। अब लगभग तय है कि उन्हें या उनके बेट को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी।अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। इस परिवार ने कौमी एकता दल नाम से राजनैतिक पार्टी भी बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का विलय सपा में कर दिया था। अखिलेश यादव के विरोध पर पूरे परिवार को बाहर होना पड़ा था। इसके बाद बीएशपी ने उन्हें गले लगाया था। इसके साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। मुख्तार के अलावा किसी को भी जीत नसीब नहीं हुई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एसपी-बीएसपी महागठबंधन की ओर से बीएसपी ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।