रांची: बिल्डर के पैसे हड़पने के लिए जमीन कारोबारी ने खुद पर करायी थी फायरिंग, मोबाइल और पैसे लुटवाया और बेच दी

झारखंड की राजधानी रांची में कांके एरिया के रिंग रोड स्थित आइटीबीपी कैंप के पास जमीन कारोबारी दिलीप साहू पर हुई फायरिंग मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुलिस ने मामले में संलिप्त दो क्रिमिनलों  मांडर निवासी एनुल अंसारी व खुर्शीद आलम को अरेस्ट किया है। इनके पास से घटना में प्रयुक्त देशी कट्टा, खोखा, बाइक और मोबाइल बरामद किया गया है। दोनों गिरफ्तारी के साथ ही यह खुलासा हुआ कि दिलीप साहू ने अपने ऊपर खुद गोली चलवाई थी। इसके पीछे मकसद एक बिल्डर का पैसा हड़पना था और झूठे केस में फंसाना था। 

रांची: बिल्डर के पैसे हड़पने के लिए जमीन कारोबारी ने खुद पर करायी थी फायरिंग, मोबाइल और पैसे लुटवाया और बेच दी
  • दो आरोपी अरेस्ट
  • जांघ में लगी थी गोली, बोला दाएं से घुसी
  • जांच में बाईं ओर मिली और खुल गया साजिश का राज
  • जमीन कारोबारी खुद हिरासत में, चल रही पूछताछ

रांची। झारखंड की राजधानी रांची में कांके एरिया के रिंग रोड स्थित आइटीबीपी कैंप के पास जमीन कारोबारी दिलीप साहू पर हुई फायरिंग मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुलिस ने मामले में संलिप्त दो क्रिमिनलों  मांडर निवासी एनुल अंसारी व खुर्शीद आलम को अरेस्ट किया है। इनके पास से घटना में प्रयुक्त देशी कट्टा, खोखा, बाइक और मोबाइल बरामद किया गया है। दोनों गिरफ्तारी के साथ ही यह खुलासा हुआ कि दिलीप साहू ने अपने ऊपर खुद गोली चलवाई थी। इसके पीछे मकसद एक बिल्डर का पैसा हड़पना था और झूठे केस में फंसाना था। 

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एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि दिलीप साहू पर हमला पहले दिन से ही संदेहास्पद थी। बाद में आरोपित वह खुद बन गया। पकड़े गयेआरोपितों का पूर्व अपराधिक इतिहास रहा है। ऐनुल के खिलाफ मांडर और नामकुम में पांच मामले दर्ज हैं। कारोबारी ने बताया था कि जब वह ड्राइविंग सीट पर था, तब उसकी कार रोककर उसे दाईं ओर से गोली मारी गई थी, जो छेद होकर निकल गई थी। लेकिन जांच में पता चला कि गोली दायीं जांघ के बाईं ओर से सटाकर मारी गई थी। गाड़ी में गोली का कोई दाग नहीं मिला। घटनास्थल से खोखा तक बरामद नहीं हुआ था। इतना ही नहीं, दिलीप ने मोबाइल और 30 हजार रुपये लूट की बात भी कही थी। जो मोबाइल लूटा गया था, उसे दिलीप ने ही रिसेट करके छह हजार रुपये में बेच दिया था। इस तरह पुलिस की जांच में दिलीप खुद फंस गया। अपने ही ओर से दर्ज एफआइआर में वह खुद एक्युज्ड  बन गया। पुलिस उसे कस्टडी में ले ली है। इस षड्यंत्र में दिलीप की मदद इमरान ने की है।
खुद पर हमला कराने के लिए दिये 50 हजार रुपये सुपारी 
दिलीप ने अपने ऊपर हमला कराने के लिए 50 हजार रुपये की सुपारी दी थी। इस रकम में से 10 हजार रुपये पुलिस द्वारा अरेस्ट किये गये दोनों क्रिमिनलों को मिले थे। दोनों क्रिमिनलों को दिलीप के कहने पर इमरान ने रुपये देकर गोली मारने की जिम्मेवारी दी थी। उन्हें समझाया गया था ऐसे गोली मारना है, कि हड्डी को नुकसान न हो। गोली बाहर निकल जाए। इसके अलावा दिलीप का लूटा गया मोबाइल उसने इमरान को ही बेचने के लिए दिया था। उसने छह हजार रुपये में रिशु नाम के युवक को बेच दिया था। मोबाइल की जांच में भी पुलिस को अहम सुराग मिले। पुलिस टीम डीएसपी हेडक्वार्टर( वन) नीरज कुमार, कांके थानेदार बृज कुमार, एसआइ मोहित कुमार, अभिजीत रंजन, कांस्टेबल राजू सहित अन्य शामिल थे।