राजस्थान: डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस में पुलिस पर कड़ा एक्शन, एसपी हटाये गये, DSP एपीओ, SHO सस्पेंड

राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट में लेडी डॉक्टर डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस में सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को पुलिस अफसरों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। दौसा के एसपी अनिल कुमार को हटा दिया गया है। लालसोट डीएसपी शंकर लाल मीणा को भी एपीओ कर दिया गया है। वहीं, लालसोट एसएचओ अंकित चौधरी को सस्पेंड किया गया है। 

राजस्थान: डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस में पुलिस पर कड़ा एक्शन, एसपी हटाये गये, DSP एपीओ, SHO सस्पेंड
डॉ. अर्चना शर्मा (फाइल फोटो)।

जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट में लेडी डॉक्टर डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस में सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को पुलिस अफसरों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। दौसा के एसपी अनिल कुमार को हटा दिया गया है। लालसोट डीएसपी शंकर लाल मीणा को भी एपीओ कर दिया गया है। वहीं, लालसोट एसएचओ अंकित चौधरी को सस्पेंड किया गया है। 

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CM अशोक गहलोत ने बुधवार शाम हाइ लेवल बैठक में यह निर्देश दिए। CM ने पुलिस अफसरों को निर्देश दिए कि इस घटना में महिला डॉक्टर को सुसाइड के लिए मजबूर करने वालों पर मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करें। सीएम ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने व आवश्यक सुझाव देने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिये हैं।दौसा के लालसोट में मंगलवार को मर्डर का FIR दर्ज होने के बाद लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी। स्टेट में बुधवार को सभी हॉस्पिटल बंद रहे। वहीं  गवर्नमेंट हॉस्पिटलों में भी दो घंटे का कार्य बहिष्कार हुआ। सीएम अशोक गहलोत ने इस पूरे मामले की जांच के लिए संभागीय आयुक्त दिनेश यादव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। वहीं इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एसीएस होम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है।

डॉक्टर पर मर्डर का केस, धमकियों के बाद किया सुसाइड
लालसोट खेमावास निवासी लालूराम बैरवा अपनी पत्नी आशा देवी (22) को डिलीवरी के लिए सोमवार सुबह हॉस्पिटल लेकर आया था। दोपहर में डिलीवरी के दौरान आशा की मौत हो गई। घरवालों ने मुआवजे की मांग को लेकर हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन किया था। डॉ. अर्चना के खिलाफ मर्डर का मामला भी दर्ज कराया था। डिप्रेशन में आकर डॉ. अर्चना शर्मा (42) ने मंगलवार सुबह 11 बजे महिला फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। डॉ. अर्चना और उनके हसबैंड डॉ. सुनीत उपाध्याय (45) का लालसोट में ही आनंद हॉस्पिटल है। 
गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर का सुसाइड नोट- 'मैंने किसी को नहीं मारा, डॉक्टर्स को प्रताड़ित करना बंद करें'
राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा का विधानसभा क्षेत्र लालसोट (दौसा) महिला डॉक्टर का सुसाइड नोट सामने आने के बाद डॉक्टर्स आक्रोशित हैं। वहीं मिनिस्टर परसादी लाल मीणा कहना है कि दुःखद घटना है, पूरे प्रकरण में जिस भी स्तर पर लापरवाही हुई है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

अर्चना शर्मा के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। डॉक्टर ने लिखा है मैंने कोई गलती नहीं की, किसी को नहीं मारा, मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। मैं मेरे हसबैंड, बच्चों से बहुत प्यार करती हूं। कृपया मेरे मरने के बाद इन्हें परेशान नहीं करना। पीपीएच कॉम्पलिकेशन है। इसके लिए डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो। मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। DONT HARASS INNOCENT DOCTORS, Please, LUV U please मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने देना।

धमकियां बर्दाश्त नहीं कर सकी
डॉ.अर्चना शर्मा, एमबीबीएस, एमडी स्त्री रोग, प्रसूति एवं नि:संतानता विशेषज्ञ के अलावा मेडिकल कॉलेज, गुजरात की एसोसिएट प्रोफेसर रही थीं। अचानक सुसाइड से पूरा परिवार सदमे में है। डॉक्टर के हसबैंड डॉ. सुनीत उपाध्याय ने बताया कि अर्चना गोल्ड मेडलिस्ट थीं और अच्छी सर्जन थीं, लेकिन आरोपियों की धमकियों से परेशान व जेल जाने के डर की चिंता में खुद ही जिंदगी हार गईं। वह उसके पापा को गालियां देने वालों को बर्दाश्त नहीं कर पाई। डिप्रेशन में आकर सुसाइड करने को मजबूर हो गई। डॉ. अर्चना और डॉ. सुनीत का एक लड़का(12) और लड़की (आठ) है।

हेल्थ मिनिस्टर ने सीएम से मिलकर  कहा-नहीं दर्ज होना चाहिए था- FIR 
चिकित्सा मंत्री प्रसादी लाल मीणा ने बुधवार को सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने कहा कि जो भी घटना घटी है वह दुखद है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही रही है। महिला डॉक्टर के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज नहीं होना चाहिए था। यह पुलिस अफशरों की पूरी तरह से नासमझी है। नासमझी के चलते महिला डॉक्टर की जान गई है। बहुत दुखद है। अगर यह मुकदमा 302 में दर्ज नहीं होता तो शायद डॉक्टर अर्चना शर्मा की जान नहीं जाती।