Niraj Singh Murder Dhanbad: झरिया के एक्स MLA संजीव सिंह रिनपास से डिस्चार्ज, हुआ जोरदार स्वागत

धनबाद के झरिया से एक्स बीजेपी एमएलएल और नीरज सिंह मर्डर केस में आठ साल चार माह से जेल में बंद संजीव सिंह को सोमवार को रिनपास से डिस्चार्ज कर दिया गया। रिनपास बाहर निकलते ही समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।

Niraj Singh Murder Dhanbad: झरिया के एक्स MLA संजीव सिंह रिनपास से डिस्चार्ज, हुआ जोरदार स्वागत
संजीव सिंह व रागिनी सिंह।
  • आठ साल बाद आज जेल से बाहर आये संजीव
  • मामा बने जमानतदार

धनबाद। कोयला राजाधनी धनबाद के बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में जेल में बंद  झरिया के एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह बाहर आ गये हैं। सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने के बाद आठ वर्ष चार माह से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद संजीव ने सोमवार को रिहा हो गये। रांची रिनपास में इलाज के लिए एडमिट संजीव को डिस्चार्ज कर दिया गया।
यह भी पढ़ें:Shibu Soren Shradh Jharkhand: संथाली और हिंदी में छपा ब्रह्मभोज कार्ड, 16 अगस्त को संस्कार भोज के साथ समापन
रिनपास से बाहर निकलने के बाद समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। समर्थकों ने संजीव सिंह जिंदाबाद, देखो-देखो कौन आया, शेर आया-शेर आया का नारा लगा रहे थे। रिनपास से निकलते ही संजीव सिंह ने अपनी एमएलए वाइफ रागिनी सिंह के गाड़ी से सीधे रांची आवास चले गये। संजीव सिंह गाड़ी में बीच सीट पर व उनकी वाइफ आगे सीट पर बैठी थी। बीमार चल रहे संजीव काफी दुबले लग रहे थे। बाल भी काफी बढ़ा हुआ है। मुंह में मास्क लगाये हुए थे। संजीव सिंह को फिलहाल धनबाद जाने पर पाबंदी है, इसलिए वह अभी रांची में विधायक आवास में ही रहेंगे। बेहतर इलाज के लिए संजीव को बाहर ले जाने की तैयारी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उन्हें बेल दी है जिसमें धनबाद जिले में प्रवेश न करना और गवाहों को प्रभावित न करना शामिल है। संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में थे।संजीव के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया कि सोमवार को दोपहर तीन बजे मुकदमे का ट्रायल कर रहे दुर्गेश चन्द्र अवस्थी की अदालत ने सजीव को जमानत पर मुक्त करने का आदेश जेल प्रशासन को भेज दिया है। संजीव सिंह इलाज के लिए न्यायिक हिरासत में फिलवक्त रांची के रिनपास में एडमिट थे।सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई, न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन और जस्टिस एनबी अंजारिया की बेंच ने वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे व सन्नी चौधरी की दलीलें सुनने के बाद संजीव सिंह को आठ अगस्त 2025 शुक्रवार को जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया था।
सबूतों से नहीं करेंगे छेड़छाड़
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश मे कहा था कि संजीव सिंह धनबाद जिले में तब तक प्रवेश नहीं करेंगे, जब तक कि सुनवाई कर रही अदालत में उसकी उपस्थिति आवश्यक न हो। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि संजीव सिंह किसी भी तरह से गवाहों को प्रभावित नहीं करेगें या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगें। सुप्रीम कोर्ट का आदेश ट्रायल कोर्ट पहुंचा जिसके बाद उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत बंध पत्र व कोर्ट में हाजिर होने के अलावे मुकदमे की समाप्ति तक धनबाद जिले में प्रवेश नहीं करने का (अंडर टेकिंग) घोषणापत्र अदालत में दायर किया गया। जमानतदार के रूप में संजीव के मामा शिव शंकर सिंह एवं मित्र तुकेश कुमार सिंह जमानतदार बने।
संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। पूर्व मे संजीव सिंह की जमानत अर्जी तीन बार लोअर कोर्ट व  से व तीन बार हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी थी। अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि उनकी ओर से यह तर्क दिया गया था कि इस मामले के आरोपित पिंटू सिंह, संजय सिंह, धनजी सिंह, चंदन सिंह और कुर्बान की बेल सुप्रीम कोर्ट से एवं रिंकू सिंह तथा डबलू मिश्रा की बेल हाई कोर्ट से हो चुकी है। संजीव के विरुद्ध पुलिस ने 28 जून 2017 को आरोपपत्र दायर किया था। तीन जनवरी 19 को कोर्ट  ने संजीव समेत छह के विरुद्ध आरोप का गठन कर दिया था। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 37 गवाहों की गवाही करायी है। वर्तमान समय में मुकदमे में रोजाना सुनवाई चल रही है जिसमें बचाव पक्ष की ओर से लगातार बहस की जा रही है।
सात बीमारियों से ग्रसित हैं संजीव
अधिवक्ता की दलील थी कि संजीव सिंह सात विभिन्न प्रकार की बीमारियों से गसित हैं। अभी तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है, यह उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।वहीं, मामले के सूचक अभिषेक सिंह की ओर से अधिवक्ता पी एस सुधीर ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि आवेदक इस मामले के मुख्य अभियुक्त हैं जो पूर्व में एमएलए भी रह चुके हैं। इन्हें जमानत मिलने पर यह गवाहों को धमका सकते हैं, उन्हें प्रभावित कर सकते हैं जिस पर कोर्ट ने कहा था कि चुकी इस मामले में सभी गवाहों की गवाही हो चुकी है इसलिए उसे किसी भी से तरह प्रभावित करने का कोई प्रश्न नहीं उठता। 
11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में थे झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह
झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में है। संजीव सिंह बीते कई माह से बीमार चल रहे है। संजीव सिंह फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा रांची के रिनपास में इलाजरत हैं। एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर मामले में जेल में बंद दर्जन भर आरोपितों में अब तक अधिकांश को बेल मिल चुकी है। मामले के आरोपी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, संजय सिंह, धनजी सिंह उर्फ धनजय सिंह, चंदन सिंह और कुर्बान अली को सुप्रीम कोर्ट से बले मिल चुकी है।आरोपी राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि उर्फ मृत्युंजय गिरी, धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह व पंकज सिंह को हाईकोर्ट से बेल मिल गयी है।
21 मार्च 2017 की शाम हुई थी चार लोगों की मर्डर
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह 21 मार्च 2017 की शाम अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी चारों तरफ से घेर फायरिंग करनी शुरु कर दिया था। चारों तरफ से नाइन एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 70 से अधिक राउंड फायरिंग की गयी। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गयी थी। नीरज की मर्डर में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे। 
एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत सभी आरोपित जेल में थे बंद
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद थे। धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।
राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि के पकड़े जाने के बाद मिले अहम सुराग
नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी। अभी संजीव सिह रांची के रिनपास में इलाजरत हैं। 
केस के अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी पुलिस
पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहींलगा पायी है। पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पायी है।
फ्लैश बैक
एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को 21 मार्च 2017 की शाम गोलियों से भून दिया गया 
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह 21 मार्च 2017 की शाम अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी चारों तरफ से घेर फायरिंग करनी शुरु कर दिया था। चारों तरफ से नाइन एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 70 से अधिक राउंड फायरिंग की गयी। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। नीरज की मर्डर में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे।
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की लिखित कंपलेन पर ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 48/2017 के तहत एफआइआर दर्ज की गयी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह,अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी।ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद है।धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।