झारखंड में मॉब लिंचिंग के दोषी को उम्रकैद की सजा का प्रावधान, विधानसभा से विधेयक पास

झारखंड विधानसभा ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग के मामलों से सख्ती से निपटने के लिए 'भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक 2021' को ध्वनिमत से पारित कर दिया। ये विधेयक गवर्नमेंट की स्वीकृति मिलने के बाद कानून बन जायेगा। कानून बनने के बाद मॉब लिंचिंग में शामिल और इसके षड्यंत्रकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा होगी।

झारखंड में मॉब लिंचिंग के दोषी को उम्रकैद की सजा का प्रावधान, विधानसभा से विधेयक पास

रांची। झारखंड विधानसभा ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग के मामलों से सख्ती से निपटने के लिए 'भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक 2021' को ध्वनिमत से पारित कर दिया। ये विधेयक गवर्नमेंट की स्वीकृति मिलने के बाद कानून बन जायेगा। कानून बनने के बाद मॉब लिंचिंग में शामिल और इसके षड्यंत्रकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा होगी।

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विधेयक के कानून बनने पर भीड़ हिंसा के दोषी पाए जाने वालों के लिए जुर्माने और संपत्तियों की कुर्की के अलावा तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। यह कानून “शत्रुतापूर्ण वातावरण” बनाने वालों के लिए भी तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान करता है। शत्रुतापूर्ण वातावरण की परिभाषा में पीड़ित, पीड़ित के परिवार के सदस्यों, गवाह या गवाह/पीड़ित को सहायता प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ धमकी या जबरदस्ती करना शामिल है। इतना ही नहीं नये कानून में पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की भी व्यवस्था की गयी है।

भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए यह विधेयक लाया गया

सदन में विधेयक के पक्ष में सरकार ने कहा कि भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए यह विधेयक लाया गया है। इस कानून के तहत गैर जिम्मेदार तरीके से किसी सूचना को साझा करना, पीड़ितों और गवाहों के लिए शत्रुतापूर्ण माहौल बनाने पर भी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। साथ ही पीड़ितों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था का भी प्रावधान है।संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को “प्रभावी सुरक्षा” प्रदान करना है। संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और भीड़ की हिंसा की रोकथाम भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। 

अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए विधेयक लाने का आरोप

पूर्व विधानसभाध्यक्ष सीपी सिंह ने राज्य सरकार पर हड़बड़ी में अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए यह विधेयक लाने का आरोप लगाया। इससे पहले पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भीड़ हिंसा के खिलाफ कानून बनाये जा चुके हैं।विधेयक पर बहस के दौरान मुख्य विपक्षी बीजेपी ने अनेक संशोधन पेश किये जिन्हें सरकार ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया।

झारखंड में भीड़ हिंसा के अनेक मामले सामने आते रहे हैं। स्टेट में मॉब लिंचिंग 2019 में तब चर्चा में आया जब तबरेज अंसारी (24)को बकरी चोरी के संदेह में सरायकेला खरसावां जिले में भीड़ ने रस्सी से बांधकर जमकर पिटाई की। बाद में तबरेज की मौत हो गयी।