देश में कोरोना की चौथी लहर की संभावना नहीं, BA.4 और BA.5 v/s वायरस नहीं,ओमिक्रोन के सब वैरिएंट

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के (NTAGI) के चेयरमैन डा. एनके अरोड़ा ने देश में कोरोना के चौथी लहर को लेकर इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि  BA.4 और BA.5 v/s वायरस नहीं, ओमिक्रोन के सब वैरिएंट हैं। उन्होंने मंकीपाक्स को कोविड जितना संक्रामक या गंभीर नहीं बताया है।

देश में कोरोना की चौथी लहर की संभावना नहीं, BA.4 और BA.5 v/s वायरस नहीं,ओमिक्रोन के सब वैरिएंट

नई दिल्ली। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के (NTAGI) के चेयरमैन डा. एनके अरोड़ा ने देश में कोरोना के चौथी लहर को लेकर इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि  BA.4 और BA.5 v/s वायरस नहीं, ओमिक्रोन के सब वैरिएंट हैं। उन्होंने मंकीपाक्स को कोविड जितना संक्रामक या गंभीर नहीं बताया है।

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उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट  BA.4 और BA.5के मामले उन लोगों में देखे जा रहे हैं जो पिछले दो वर्षों से अलग थलग थे। लेकिन कोई लोकल प्रकोप नहीं है। इंडिया में ओमिक्रॉन के नये वेरिएंट BA.4 और BA.5 की पुष्टि के बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग तेज कर दी गई है। ये वेरिएंट तमिलनाडु और हैदराबाद में पाये गये हैं। ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.4 और BA.5के मामले उन लोगों में देखे जा रहे हैं जो पिछले दो वर्षों से अलग थलग थे. लेकिन कोई लोकल प्रकोप नहीं है।
डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि ओमिक्रॉन ने पिछले साल जनवरी में भारत में प्रवेश किया था। इंडिया में तब चार लाख से अधिक मामले थे, जिसकी संख्या में बाद में गिरावट देखने को मिली। वहीं, हाल में BA.4 और BA.5 की पुष्टि उन्हीं लोगों में हुई है जो आइसोलेशन में थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू किये गये वेरिएंट का पता लगाने के लिए लगभग 50 स्थानों पर निगरानी की जा रही है। BA.4 और BA.5 पता लगने के बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग को तेज कर दी गई है।

तमिलनाडु और तेलंगाना में मिले संक्रमित
सरकार ने पिछले  रविवार को ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.4 और BA.5 के पहले मरीज की पुष्टि की थी। उस समय तमिलनाडु और तेलंगाना में दो पेसेंट BA.4 और BA.5 से संक्रमित मिले थे। वहीं, हाल में दक्षिण अफ्रीका से गुजरात के वडोदरा आया एक NRI ओमिक्रॉन के बीए 5 से संक्रमित पाया गया था।

मंकीपाक्स के 19 देशों में अब तक 237 मामले सामने आये

उल्लेखनीय है मंकीपाक्स संक्रमण के कुछ और देशों में मामले सामने आये हैं। डब्ल्यूएचओ ने बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए सरकारों से सीमित टीकाकरण शुरू करने को कहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार अब तक 237 संदिग्ध संक्रमित सामने आये हैं। मई की शुरुआत से अब तक 19 देशों में मंकीपाक्स के मामलों की पुष्टि हुई है। यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। राहत वाली बात ये है कि अब तक अधिकांश संक्रमण गंभीर नहीं हुए हैं। इंग्लैंड में मंगलवार को 14 नये केस मिले।  यूएई में मंकीपाक्स का पहला केस मिला है। उधर जर्मनी ने मंकीपाक्स को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर 40 हजार वैक्सीन डोज बनाने का आर्डर दिया है।

कुछ एंटीवायरल दवाएं मंकीपाक्स के लिए कारगर

ब्रिटेन में वर्ष 2018 और 2021 के बीच दुर्लभ संक्रामक रोग मंकीपाक्स से ठीक हुए सात पेसेंट पर किये गये एक अध्ययन से यह पता चला है कि कुछ एंटीवायरल दवाओं में मंकीपाक्स के लक्षणों और रोगी के संक्रमण की अवधि को कम करने की क्षमता हो सकती है। ‘द लान्सेट इन्फैक्शियस डिजीज’ पत्रिका में मंगलवार को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, विश्लेषण किए गए मामले अफ्रीका के बाहर के हैं। शोध से बीमारी के इलाज के लिए दो अलग-अलग एंटीवायरल दवाओं - ब्रिनसीडोफोविर और टेकोविरिमैट - के पहले प्रायोगिक उपयोग पर रोगी की प्रतिक्रिया की भी सूचना मिली।अध्ययन में ब्रिनसीडोफोविर से नैदानिक लाभ के प्रमाण तो बहुत कम मिले, लेकिन यह भी निष्कर्ष निकला कि टेकोविरिमैट की संभावना को लेकर और शोध की आवश्यकता होगी। शोधकर्ताओं ने रक्त और मुंह की लार में मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने की भी रिपोर्ट दी है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस बीमारी के लिए बेहतर संक्रमण नियंत्रण और उपचार रणनीतियां अब तक स्थापित नहीं हुई हैं, अत: अध्ययन के आंकड़े बीमारी की नैदानिक विशेषताओं के साथ-साथ संक्रमण की प्रवृत्ति को और समझने के वैश्विक प्रयासों में मदद कर सकते हैं।