नई दिल्ली: सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने स्टेट को कोरोना के खिलाफ दिये पांच सूत्री प्लान, 31 जुलाई तक पाबंदियों में छूट पर कही 

सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने स्टेट को कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पांच सूत्री प्लान दिया है। टेस्ट, ट्रेसिंग , ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन तथा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को जरूरी बताया है। 

नई दिल्ली: सेंट्रल  होम मिनिस्टरी ने स्टेट को कोरोना के खिलाफ दिये पांच सूत्री प्लान, 31 जुलाई तक पाबंदियों में छूट पर कही 

नई दिल्ली। देश में  कोरोना के थर्ड वेव की आशंकाओं और डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने सभी स्टेट व यूटी को  31 जुलाई तक पांच स्तरीय कोविड नियंत्रण और प्रबंधन के लिए टारगेट बनाकर तेज से कार्रवाई के कार्यान्वयन पर विचार करने का निर्देश दिया है। स्टेट आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आवश्यक उपाय करने होंगे।कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पांच सूत्री प्लान दिया है। टेस्ट, ट्रेसिंग , ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन तथा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को जरूरी बताया गया है। 

होम सेकरेटरी अजय भल्ला ने पत्र में लिखा कि स्टेट व यूटी भी नियमित रूप से प्रति 10 लाख जनसंख्या पर एक्टिव मामलों की अधिक संख्या वाले जिलों की निगरानी करेंगे। क्योंकि यह स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और तर्कशास्त्र की आवश्यकता का अनुमान लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है, ताकि शीघ्र और त्वरित कार्रवाई की जा सके।

पांच स्तरीय रणनीति पर ध्यान रखें,मामले के बढ़ने पर लगाया जा सकता है प्रतिबंध

भल्ला ने कहा है कि कोरोना के प्रभावी प्रबंधन के लिए पांच गुना रणनीति पर निरंतर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि संक्रमण में किसी भी लहर से बचाव के लिए कोविड के प्रति उचित व्यवहार का पालन करना महत्वपूर्ण है। कोविड के उचित व्यवहार में मास्क का अनिवार्य उपयोग, हाथ की स्वच्छता, शारीरिक और सामाजिक दूरी का पालन करना और बंद स्थानों का उचित वेंटिलेशन शामिल हैं। प्रतिबंधों में ढील देते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोविड के उचित व्यवहार के पालन में कोई कमी न हो। उन्होंने यह भी सलाह दी कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नियमित आधार पर जिले को एक प्रशासनिक इकाई मानते हुए कोरोना के मामले की पॉजिटिविटी के आधार पर और बिस्तर पर रहने की निगरानी करनी चाहिए।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि मामले में पॉजिटिविटी और बड़े लेवल बेड के उपयोग में वृद्धि के किसी भी प्रारंभिक संकेत को देखते हुए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के नियंत्रण और विकास के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। उच्च पॉजिटिविटी और बड़े स्तर बेड के उपयोग वाले जिलों के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं।स्टेट  को जिलों को प्रशासनिक इकाइयों के रूप में देखते हुए संक्रमण के मामलों की दर और हॉस्पीटल में बेड के भरे होने की स्थिति पर नियमित नजर रखनी चाहिए। अगर संक्रमण की दर तथा बेड पर पेसेंट की संख्या बढ़ने का पूर्व संकेत मिलता है तो निषिद्ध क्षेत्र (कन्टेनमेंट) बनाने की कार्रवाई की जानी चाहिए।