नई दिल्ली:कन्हैया कुमार व जिग्नेश मेवाणी आज हो जायेंगे कांग्रेसी, राहुल गांधी दिलायेंगे सदस्यता

जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रसिडेंट सह सीपीआइ नेशनल एक्सक्युटिव कमेटी के मेंबर कन्हैया कुमार और गुजरात के एमएलए सह दलित नेता जिग्नेश मेवाणी 28 सितंबर मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो जायेंगे। भगत सिंह जयंती पर राहुल गांधी दोनों नेताओं को दोपहर तीन बजे एआइसीसी ऑफिस में बंद कमरे में पार्टी की सदस्यता दिलायेंगे।

नई दिल्ली:कन्हैया कुमार व जिग्नेश मेवाणी आज हो जायेंगे कांग्रेसी, राहुल गांधी दिलायेंगे सदस्यता

नई दिल्ली। जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रसिडेंट सह सीपीआइ नेशनल एक्सक्युटिव कमेटी के मेंबर कन्हैया कुमार और गुजरात के एमएलए सह दलित नेता जिग्नेश मेवाणी 28 सितंबर मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो जायेंगे। भगत सिंह जयंती पर राहुल गांधी दोनों नेताओं को दोपहर तीन बजे एआइसीसी ऑफिस में बंद कमरे में पार्टी की सदस्यता दिलायेंगे।

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दोनों को कांग्रेस में शामिल होने के बाद उसका फोटो व वीडियो जारी किया जायेंगे। हालांकि, इसके बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल उनके साथ मीडिया के सामने नहीं आयेंगे। कांग्रेस सोर्सेंज का कहना है कि कन्हैया और जिग्नेश की कांग्रेस में शामिल होने की प्रक्रिया को पार्टी युवाओं में जोश भरने के मौके के तौर पर ले रही है, लेकिन पूरी सावधानी भी बरत रही है। पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों के धुर विरोधी मान जाने वाले दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल करवाकर कांग्रेस मोदी के खिलाफ अपने आक्रमण को धार देने में जुटी है।
कन्हैया और जिग्नेश मेवाणी मंगलवार की दोपहर 2.30 बजे आईटीओ के पास स्थित शहीद पार्क में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जायेंगे। हालांकि यहां इनके साथ राहुल गांधी होंगे या नहीं, इसको लेकर अंतिम फैसला कल ही होने की संभावना है। लेकिन माना जा रहा है कि वह यहां दोनों के साथ रहेंगे।इसके बाद दोनों को कांग्रेस मुख्यालय में तीन बजे राहुल गांधी पार्टी की सदस्यता दिलायेंगे। सदस्यता दिलाने की प्रक्रिया मीडिय के सामने नहीं होगी, सिर्फ इसका फोटो या वीडियो मीडिया के लिए जारी किया जायेंगा। इसके बाद साढ़े तीन बजे कांग्रेस ऑफिस में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें कन्हैया और जिग्नेश के साथ रणदीप सिंह सूरजेवाला, हार्दिक पटेल और केसी वेणुगोपाल होंगे।

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कांग्रेस के नये तेवर का हिस्सा होंगे कन्हैया, जिग्नेश और हार्दिक 
कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी कर रही है। पार्टी की नजर विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव पर है। चुनाव में जीत की दहलीज तक पहुंचने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगायेगी। ताकि, 2024 के चुनाव में जीत हासिल की जा सके।पार्टी की जीत का सवर्ण, दलित और मुसलिम फार्मूला बिखर चुका है। इसलिए, पंजाब में जहां चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर पार्टी दलितों को फिर राजनीतिक बहस के केंद्र में लाई है। वहीं, पीढीगत बदलाव भी किया है। युवाओं को साथ जोड़ने के लिए कांग्रेस हर राज्य में महाअभियान चलाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत पार्टी ऐसे युवाओं को जोड़ने की कोशिश करेगी, जो आंदोलन और संघर्ष से निकले हों। कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी ऐसे ही युवा है। इसलिए, पार्टी इन्हें साथ लेने की कोशिश कर रही है।

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कन्हैया कुमार
कन्हैया कुमार का बिहार के बेगुसराय के रहने वाले है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सीपीआइ कैंडिडेट कन्हैया गिरिराज सिंह से हार गये। बेगुसराय में भूमिहार मतदाताओं की तादाद सबसे ज्यादा है। कन्हैया कुमार भी भूमिहार है। कांग्रेस मानती है कि बिहार में नए चेहरे की जरुरत है। छात्र नेता के तौर पर उन्हें संगठन बनाने का अनुभव है। 
जिग्नेश मेवाणी
गुजरात में वर्ष 2017 के चुनाव में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की तिगड़ी ने अहम भूमिका निभाई थी। हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं, अल्पेश ठाकोर बीजेपी में चले गये। पर जिग्नेश मेवाणी ने कभी कोई समझौता नहीं किया और वह लगातार भाजपा से लड़ते रहे हैं। गुजरात में सात फीसदी दलित हैं और उनके लिए 13 सीट आरक्षित हैं। पिछले चुनाव में अधिकतर आरक्षित सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। उस वक्त जिग्नेश मेवाणी अपनी सीट तक सीमित रहे थे।र कांग्रेस ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था। पर मेवाणी के कांग्रेस में आने से तस्वीर बदल सकती है।

हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल गुजरात के युवा पाटीदार नेता है। पाटीदार की की संख्या 14 परसेंट है। ये विधानसभा व लोकसभा की एक चौथाई सीट पर हार जीत का फैसला करते हैं। हार्दिक ने आंदोलन खत्म होने के बाद लोकसभा से ठीक पहले कांग्रेस का हाथ थामा था, बावजूदपार्टी कोई सीट नहीं जीत पाई। कुछ माह पहले हुए निकाय चुनाव में भी वह अपना असर दिखाने में विफल रहे। पाटीदारों का गढ माने जाने वाले सूरत में कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई। बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाकर पाटीदार मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश की है। ऐसे में उनकी भूमिका बढ गई है।