नई दिल्ली: 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी

JNU स्टूडेंट यूनयिन के एक्स प्रसिडेंटऔर सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस के शामिल होने की खबरें सामने आ रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।गुजरात से सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और आरडीएएम एमएलए जिग्नेश मेवानी 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे।

नई दिल्ली: 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी

नई दिल्ली। JNU स्टूडेंट यूनयिन के एक्स प्रसिडेंटऔर सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस के शामिल होने की खबरें सामने आ रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।गुजरात से सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और आरडीएएम एमएलए जिग्नेश मेवानी 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे। हालांकि, इसकी अब तक कोई ऑफिसियल जानकारी सामने नहीं आई है।

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लगातार लोकसभा व विधानसभा  चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस की नजर आने वाले विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव पर है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती कमजोर संगठन और उसका नेतृत्व है। इस बीच, राहुल गांधी पार्टी में युवाओं को चाहते हैं। युवाओं को साथ जोड़ने के लिए कांग्रेस हर राज्य में महाअभियान चलाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत पार्टी ऐसे युवाओं को जोड़ने की कोशिश करेगी, जो आंदोलन और संघर्ष से निकले हों। कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी ऐसे ही युवा है। इसलिए पार्टी इन्हें साथ ला रही है।कंग्रेस चुनाव में जीत की दहलीज तक पहुंचने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही। ताकि, 2024 के चुनाव में जीत हासिल की जा सके। कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी को पार्टी में शामिल कराना उसी का हिस्सा है।
कन्हैया कुमार
बिहार के बेगुसराय के कन्हैया कुमार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में किस्मत भी आजमाई थी। बीजेपी के गिरिराज सिंह ने बेगुसराय संसदीय क्षेत्र से कन्हैया कुमार को पराजित किया। बेगुसराय में भूमिहार मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। कन्हैया कुमार भी भूमिहार है। ऐसे में वह खुद को साबित करने में विफल रहे। इसके बावजूद कांग्रेस मानती है कि बिहार में नये चेहरे की जरुरत है। छात्र नेता के तौर पर उन्हें संगठन बनाने का अनुभव है। 
जिग्नेश मेवाणी
गुजरात में वर्ष 2017 के चुनाव में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की तिगड़ी ने अहम भूमिका निभाई थी। हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। अल्पेश ठाकोर बीजेपी में चले गये। पर जिग्नेश मेवाणी ने कभी कोई समझौता नहीं किया। वह लगातार बीजेपीसे लड़ते रहे हैं। गुजरात में सात परसेंट दलित हैं। दलित के लिए 13 सीट आरक्षित हैं। पिछले चुनाव में अधिकतर आरक्षित सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। उस वक्त जिग्नेश मेवाणी अपनी सीट तक सीमित रहे थे। कांग्रेस ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था। पर मेवाणी के कांग्रेस में आने से तस्वीर बदल सकती है।