UNGA में इमरान को फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा दुबे का करारा जवाब, कहा- लादेन को पालते हो, जल्दी PoK खाली करो

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में किया। इस बार उनका यह दांव उलटा पड़ गया। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर फिर से कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान को भारत ने राइट टू रिप्लाई के तहत मुंहतोड़ जवाब दिया है। इंडिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मंच का पाकिस्तान ने हमेशा गलत इस्तमाल किया है। 

UNGA में इमरान को फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा दुबे का करारा जवाब, कहा- लादेन को पालते हो, जल्दी PoK खाली करो

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में किया। इस बार उनका यह दांव उलटा पड़ गया। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर फिर से कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान को भारत ने राइट टू रिप्लाई के तहत मुंहतोड़ जवाब दिया है। इंडिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मंच का पाकिस्तान ने हमेशा गलत इस्तमाल किया है। 

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ओसामा बिन लादेन का नाम लेकर भारत ने दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल खोल दी है कि कैसे आतंक का आका आतंकवाद का समर्थन करता रहा है। इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए  कश्मीर का जिक्र कर कहा कि पाक शांति चाहता है।कश्मीर विवाद के समधाना से ही दक्षिण एशिया में शांति स्थापित होगी। 

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राइट टू रिप्लाई के तहत भारत की तरफ से इमरान खान के भाषण पर जवाब देते हुए भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा दुबे ने कहा कि अफसोस की बात है कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए मंचों का दुरुपयोग किया है। वह दुनिया का ध्यान अपने देश की उस स्थिति से हटाने की कोशिश कर रहे हैं जहां आतंकवादी फ्री पास का आनंद लेते हैं। जबकि आम लोगों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों का जीवन वहां उलटा हो जाता है। उनके ऊपर अत्याचार होता है।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के राइट टू रिप्लाई में भारत ने कहा कि पाकिस्तान खुले तौर पर आतंकवादियों का समर्थन करने और उन्हें हथियार देने के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है। पाकिस्तान के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का अपमानजनक रिकॉर्ड है। भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा दुबे ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे भी क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने के लिए कहते हैं।

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर दुनिया को बताया कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली। आज भी पाकिस्तान नेतृत्व आतंकी लादेन को 'शहीद' के रूप में महिमामंडित करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपने घर में आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल उनके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचायेंगे। भारत ने तंज कसते हुए कहा कि हम सुनते रहते हैं कि पाकिस्तान 'आतंकवाद का शिकार' है। आग लगाने वाला पाक नकाब पहनकर खुद को फायर फाइटर बता रहा है। भारतीय प्रतिनिधि ने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए बहुलवाद को समझना बहुत मुश्किल है जो अपने अल्पसंख्यकों को राज्य के उच्च पदों की आकांक्षा से रोकता है। 
दुबे बोलीं, पाक प्रधानमंत्री हमारे आंतरिक मामलों को लाकर वैश्विक मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।

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उन्होंने कहा, 'सदस्य देश इस बात से अवगत हैं कि पाकिस्तान का आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन देने की नीति का इतिहास रहा है। यह एक ऐसा देश है जिसे विश्व स्तर पर राज्य की नीति के रूप में आतंकवादियों का समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और हथियार देने के रूप में मान्यता दी गई है। इसके साथ ही पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का अपमानजनक रिकार्ड भी रखता है।यह एक ऐसा देश (पाकिस्तान) है जो खुद को फायर फाइटर बताकर आगजनी करता है।

इमरान ने बोला
इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया। यह कहते हुए कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है, इमरान खान ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। शांति स्थापित करने का ठिकरा भारत पर फोड़ते हुए उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान के साथ सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र में वर्चुअल संबोधन के दौरान इमरान खान ने अपने अफगानिस्तान और तालिबान पर मसले को भी बढ़कर कर उठाया।
मोदी सरकार को भी इमरान ने घेरा
पहले से रिकॉर्ड किए गए संबोधन में इमरान खान ने एक बार फिर से भारत सरकार के खिलाफ जहर उगला।  भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार को 'फासीवादी' करार दिया। इमरान खान ने कहा कि अमेरिका में 9/11 हमलों के बाद दुनियाभर के दक्षिण पंथियों (राइट विंग) ने मुसलमानों पर हमले शुरू कर दिए और भारत में इसका सबसे ज्यादा असर है। इमरान ने अपने संबबोधन में आरएसएस और बीजेपी को टारगेट किया और कहा कि वे मुस्लिमों के साथ भेदभाव करते हैं। इमरान ने आरोप लगाया कि भारत ने कश्मीर पर जबरन कब्जा कर रखा है। 

गिलानी की मौत पर भी पाक ने की राजनीति
इमरान खान ने पाकिस्तान समर्थक अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत का भी जिक्र किया और कहा कि गिलानी के परिजनों के साथ अन्याय हुआ। इमरान ने कहा कि गिलानी के परिवार ने कहा है कि कश्मीर में अलगाववादी नेता को उचित इस्लामिक तरीके से दफनाने से इनकार करते हुए भारतीय अधिकारियों ने उनके शव को ले लिया। उन्हें उनकी सहमति के बिना दफन कर दिया। मैं इस असेंबली से मांग करता हूं कि गिलानी के परिवार को उनका अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की मंजूरी दी जाए। बता दें कि गिलानी की इस महीने की शुरुआत में 91 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी।
UN में पीएम इमरान के छुड़ाये छक्के
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में हुआ। पाक पीएम इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा, लेकिन इस बार जिस रुख के साथ उसको जवाब दिया गया। वहीं, भारत की जिन जूनियर महिला राजनयिक ने पीएम इमरान को जवाब दिया, उनकी काफी सहारना हो रही है।संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान के भाषण पर राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कड़ा जवाब दिया, जिसके बाद वह सुर्खियां बटोर रहीं हैं। लोगों ने इंटरनेट पर जाकर इस महिला अधिकारी के बारे में जानना शुरू कर दिया है। 

परिवार में पहली सरकारी नौकरी पाई

स्नेहा अपने परिवार में ऐसी पहली थी, जो जूनियर महिला ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दियो हो। स्नेहा दुबे ने वर्ष 2011 में पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की। वह गोवा में पली-बढ़ी और अपने बचपन का अधिकांश समय वहीं बिताया। स्नेहा ने पुणे के फर्ग्यूसन कालेज से स्नातक करने के बाद नई दिल्ली के जवाहरलाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) से भूगोल में परास्नातक किया।स्नेहा को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का बहुत शौक था, चूंकि उनकी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में रुचि थी, इसलिए दुबे ने दिल्ली के जेएनयू में स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की पढ़ाई पूरी की। घूमने-फिरने की शौकीन स्नेहा का मानना है कि आईएफएस बनने से उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का बेहतरीन मौका मिला है। इंटरनेशनल सर्विस के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी। फिर अगस्त 2014 में, उन्हें मैड्रिड में भारतीय दूतावास में नियुक्त किया गया।