नई दिल्ली: कैश कांड में बिजनसमैन अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

कैश कांड में कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहले झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करें. वहां सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि यह क्रिमिनल रिट सुप्रीम कोर्ट में मेंटेनेबल नहीं  है।

नई दिल्ली: कैश कांड में बिजनसमैन अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

नई दिल्ली। कैश कांड में कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहले झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करें. वहां सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि यह क्रिमिनल रिट सुप्रीम कोर्ट में मेंटेनेबल नहीं  है।

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उल्लेखनी है कि कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल को ईडी ने पीआईएल मैनेज करने के लिए लाखों रुपये कैश लेनदेन में आरोपी बनाया है। ईडी अमित अग्रवाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अमित अग्रवाल ने आपराधिक षड्यंत्र कर हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को फंसाया। इसके लिए अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस के अपने कांटैक्ट का सहारा लिया । सोनू अग्रवाल की मदद से जांच प्रभावित करने की कोशिश की।

अमित अग्रवाल ने एजेंसी के खिलाफभी षडयंत्र रचा
 पुलिस ने अमित अग्रवाल की कंपलेन पर बिना एफआइआर जांच किए ही सरकारी अफसर, कोर्ट के अफसर, राजनीतिज्ञों और वकील पर केस किया। ईडी के अनुसार, अमित अग्रवाल ने एजेंसी के विरुद्ध भी षडयंत्र रचा और कहानी गढ़ी कि एडवोकेट राजीव कुमार उनसे पैसों की मांग कर रहे हैं। जबकि उसने खुद पैसों की पेशकश कर राजीव कुमार से बातचीत शुरू की थी। पूरे खुलासे का मकसद राजीव कुमार को ट्रैप करने से ज्यादा पीआईएल संख्या 4290/2021 को प्रभावित करना था। एजेंसी के अनुसार, रिमांड के दौरान लगभग दो दर्जन सवालों के जवाब अमित अग्रवाल से पूछे गये।

ED की एक्शन के खिलाफ बिजनसमैन अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

ईडी एक्शन से कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल टेंशन में हैं। उन्होंने पीआईएल मामले में अरेस्ट किये जाने और उन पर मुकदमा चलाने जाने को लेकर ईडी खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। अमित अग्रवाल की आपराधिक रिट याचिका 410/2022 चीफ जस्टिस यूयू ललित की कोर्ट द्वारा सोमवार, 17 अक्तूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रंजीता रोहतगी की ओर से याचिका दायर की गयी थी। इसमें ईडी डायरेक्टरेट की ओर से की जा रही कार्रवाई पर अंतरिम राहत दिये जाने की मांग की गयी है। 

याचिका में अमित अग्रवाल ने कहाथा कि वह झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस ने एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ अरेस्ट किया था। इस राशि को एडवोकेट ने शेल कंपनी से संबंधित पीआईएल में राहत देने के एवज में वसूला था। अमित अग्रवाल ने कहा कि ईडी ने इस मामले को जांच को अपने हाथ में ले लिया। अग्रवाल के अनुसार कंपलेनेंट होने के बावजूद उन्हें राजीव कुमार के साथ एक आरोपी के रूप में नेम्ड किया गया। उन्होंने कहा कि ईडी का आरोप है कि कोलकाता पुलिस की उसके खिलाफ मिलीभगत है उसे परेशान किया जा रहा है।

झारखंड हाईकोर्ट में  शिव शंकर शर्मा की दायर है की है PIL

झारखंड हाईकोर्ट में अमित अग्रवाल की कंपनी द्वारा शेल कंपनियों में ट्रांजैक्शन करने संबंधी शिव शंकर शर्मा की याचिका दायर है। हाईकोर्ट में दायर याचिका 4290 ऑफ 2021 में अमित अग्रवाल समेत कई अन्य नेताओं के नाम है। इसी मामले में 31 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को  अमित अग्रवाल ने 50 लाख रुपये के साथ कोलकाता पुलिस से अरेस्ट कराया था।

ईडी ने सात अक्तूबर को अमित अग्रवाल को किया था अरेस्ट

ईडी ने सात अक्तूबर को पूछताछ के बाद अमित अग्रवाल को अरेस्टर किया था। ईडी ने 14 अक्तूबर तक अमित अग्रवाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। इसके बाद से अमित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं। उल्लेखनीय इडी ने अमित अग्रवाल, एडवोकेट राजीव कुमार, सोनू अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ प्रोसीक्यूशन चार्जशीट फाइल की है। इसमें बिजनसमैन अमित अग्रवाल को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इतना ही नहीं, एडवोकेट राजीव कुमार की अरेस्टिंग को लेकर ईडी ने चार आइपीएस समेत अन्य के खिलाफ भी अपनी दबिश बढ़ा दी है।

ईडी द्वारा राजधानी के कई महत्वपूर्ण इलाके में अमित अग्रवाल की ओर से किये गये निवेश के कागजात खंगाले जा रहे हैं। . इसकी जानकारी भी पुलिस से मांगी गयी है। ईडी की तरफ से राज्य में हुए एक हजार करोड़ के माइनिंग घोटाले को लेकर वापर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, बिजनसमैन अमित अग्रवाल, जेएमएम लीडर पंकज मिश्रा तथा अन्य के सीडीआर तथा अन्य बिजनस से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गयी है।  ईडी ने अग्रवाल और राजीव कुमार के खिलाफ अभियोजन की शिकायत दर्ज की थी। ईडी के अनुसार  झारखंड में एक 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले का बड़ा हिस्सा अमित अग्रवाल की कई कंपनियों के माध्यम से लांड्रिंग किया गया था।

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