Lok Sabha Election 2024: EC का बड़ा एक्शन, झारखंड- बिहार समेत छह स्टेट्स के होम सेकरेटरी हटाये बंगाल के DGP पर भी गिरी गाज

लोकसभा चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक बड़ा एक्शन लिया है। चुनाव आयोग ने छह स्टेट्स गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में होम सेकरेटरी को हटाने के आदेश जारी किये हैं। मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस डीजीपी को भी हटाने के आदेश दिये हैं। 

Lok Sabha Election 2024: EC का बड़ा एक्शन, झारखंड- बिहार समेत छह स्टेट्स के होम सेकरेटरी हटाये बंगाल के DGP पर भी गिरी गाज
  • विवेक सहाय को मिली कमान

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक बड़ा एक्शन लिया है। चुनाव आयोग ने छह स्टेट्स गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में होम सेकरेटरी को हटाने के आदेश जारी किये हैं। मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस डीजीपी को भी हटाने के आदेश दिये हैं। 

यह भी पढ़ें:Jharkhand: चतरा के बाद जामताड़ा में JPSC पेपर लीक,  एग्जाम सेंटर के बाहर भरवाये जा रहे थे उत्तर पुस्तिका, हंगामा
झारखंड व बिहार में नये होम सेकरेटरी की होगी नियुक्ति
झारखंड कैडर के 2008 बैच के आईएएस अफसर अरवा राजकमल मुख्यमंत्री के सचिव के अलावा नगर विकास एवं आवास विभाग उत्पाद एवं मध्य निषेध विभाग जुडको के निदेशक ग्रेटर रांची विकास एजेंसी के प्रबंध निदेशक और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव के पद पर थे। बिहार कैडर के 1991 बैच के आईएएस अफसर इस सिद्धार्थ गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के अलावा कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का भी पद संभाल रहे थे। बिहार सरकार में गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी आईएएस एस सिद्धार्थ हैं। आईएएस प्रणव कुमार सेक्रेटरी हैं।आईपीएस के. सुहिता अनुपम स्पेशल सेक्रेटरी हैं। वहीं, आईएएस अनिमेष पांडे एडिशनल सेक्रेटरी हैं।
विवेक सहाय को पश्चिम बंगाल का नया DGP बनाया
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को हटाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की है। वहीं,  चुनाव आयोग ने बृहन्मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्तों, उपायुक्तों को हटाने का आदेश दिए। विवेक सहाय को पश्चिम बंगाल का नया DGP बनाया गया है। आयोग ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) कमिश्नर इकबाल सिंह चहल और मिजोरम के एक IAS अफसर को भी हटाने को कहा है। महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन पहले चुनाव आयोग से BMC कमिश्नर को तबादले से छूट देने की अपील की थी। हालांकि, ECI ने ये अपील खारिज कर दी।
उत्तर प्रदेश के रहने वाले 1989 बैच के आईपीएस अफसर राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के डीजीपी बनने से पहले कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे। वे पूर्व में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी काम रह चुके हैं। राजीव कुमार ने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। वे पश्चिम बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स और CID में भी रह चुके हैं। राजीव कुमार डीजीपी के अलावा आईजी का काम देख रहे थे। इनके खिलाफ शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई जांच चल रही है।
उत्तर प्रदेश कैडर के 1995 बैच के आईएएस अफसर संजय प्रसाद राज्य के प्रमुख सचिव गृह और प्रमुख सचिव सूचना के अलावा वीजा, पासपोर्ट और सतर्कता विभाग के भी प्रभार में थे।गुजरात कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी पंकज जोशी सीएमओ में एसीएस के अलावा गृह सचिव के भी प्रभार में थे। महाराष्ट्र कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह चहल पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव आयोग के निर्देश को नहीं माना था उन पर कोरोना काल के दौरान मेडिकल उपकरणों मशीनों की खरीद फरोख्त के नाम पर 100 करोड रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है।उत्तराखंड कैडर के 2002 बैच के आईएएस अधिकारी शैलेश बगोली के पास गृह विभाग के अलावा कारागार विभाग भी था। हिमाचल प्रदेश में 2002 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक जैन सेक्रेटरी सीएम भी थे वहीं हिमाचल के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिक्षा सचिव डॉ अभिषेक जैन के बीच काफी समय से मीडिया में अनबन की खबरें सामने आ रही थीं राजीव कुमार पहले थे कोलकाता के सीपी

आयोग ने सभी राज्य सरकारों को भेजे निर्देश 
मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया है। आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जो तीन साल पूरे कर चुके हैं या अपने गृह जिलों में हैं। आयोग ने बीएमसी और अतिरिक्त/उपायुक्तों को आज शाम 6 बजे तक रिपोर्ट करने के निर्देश के साथ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। जिन सात राज्यो में अधिकारियों को ड्यूटी से हटाया गया है। उनके पास दोहरे प्रभार थे,जो संभावित रूप से चुनावी प्रक्रिया के दौरान आवश्यक निष्पक्षता और तटस्थता से समझौता कर सकते थे।