कर्नाटक: बसवराज बोम्मई होंगे नये सीएम, येदियुरप्पा के बेटे को को बनाया जा सकता है बीजेपी का स्टेट प्रसिडेंट

बसवराज सोमप्पा बोम्मई कर्नाटक के सीएम होंगे। बोम्बई बुधवार को दिन में सीएम पद की शपथ लेंगे। बीजेपी की विधायक दल की बैठक में बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को सीएम पर से इस्तीफा दे दिया था। 

कर्नाटक: बसवराज बोम्मई होंगे नये सीएम, येदियुरप्पा के बेटे को को बनाया जा सकता है बीजेपी का स्टेट प्रसिडेंट

बेंगलुरू। बसवराज सोमप्पा बोम्मई कर्नाटक के सीएम होंगे। बोम्बई बुधवार को दिन में सीएम पद की शपथ लेंगे। बीजेपी की विधायक दल की बैठक में बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को सीएम पर से इस्तीफा दे दिया था। 

बसवराज, येदियुरप्पा सरकार में गृह, संसदीय और कानून मामलों के मंत्री थे। उन्हें एक्स सीएम का करीबी भी माना जाता है। सूत्रों के अनुसार, येदियुरप्पा के बेटे वाय बी विजयेंद्र को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। विजयेंद्र अभी उपाध्यक्ष हैं।
लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं बसवराज
येदियुरप्पा की तरह ही बसवराज भी कर्नाटक में बड़ा वोट बैंक माने जाने वाले लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। कर्नाटक के एक्स सीएम एस आर बोम्मई के बेटे बसवराज ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनत दल के साथ की थी। एच डी देवगौड़ा व रामकृष्ण हेगड़े जैसे दिग्गज नेताओं के साथ काम किया। वर्ष 2008 में जेडी(यू) छोड़कर बसवराज ने बीजेपी ज्वाइन लिया था।
अपनी मेहनत पर भरोसा था और मुझे इसका परिणाम मिला
कर्नाटक का सीएम चुने जाने पर बसवराज बोम्मई ने कहा कि मौजूदा स्थिति में ये एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं पीएम और होम मिनिस्टर के अनुरूप गरीबों के लिए काम करने की कोशिश करूंगा। मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी। हालांकि मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा था। मुझे इसका परिणाम मिला।कर्नाटक में लिंगायतों की आबादी लगभग 17 प्रतिशत है। इन्हें बीजेपी का समर्थक माना जाता है। बसवराज को सीएम चुनकर बीजेपी ने लिंगायत वोटों को अपने पाले में बनाये रखने की कोशिश की है। लिंगायत समुदाय की कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 90-100 सीटों पर निर्णायक भूमिका रही थी। ऐसे में लिंगायत समुदाय से ही आने वाले बसवराज को कर्नाटक की कुर्सी पर बैठाकर बीजेपी, लिंगायत समुदाय की नाराजगी मोल लेने से भी बच गई।
'बाहरी' पर भरोसा
बसवराज बोम्मई की गिनती शक्तिशाली लिंगायत नेता और येदियुरप्पा के करीबी विश्वासपात्रों में होती है। बीएस येदिरप्पाु के इस्तीमफे के बाद उनका चयन सीएम पद के लिए किया गया। येदियुरप्पा ने ही बसवराज के नाम का प्रस्ताेव किया।धर्मेंद्र प्रधान ने उनके नाम की घोषणा की। 61 वर्ष के बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुबली में हुआ था। एक्स सीएम एसआर बोम्मई के पुत्र बसवराज कर्नाटक में भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार हैं। उन्होंने भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से 1982 में बीई की डिग्री ली। बसवराज बोम्मई की पत्नी का नाम चेन्नम्मा हैं। उनके दो बच्चे हैं। बसवराज बोम्मई इस साल के शुरुआत में कर्नाटक के होम मिनिस्टर बनाये गये थे। वे 2004 से 2008 तक कर्नाटक विधानसभा के सदस्य रहे हैं। कर्नाटक के गृह मामले, कानून, संसदीय मामले के मंत्री रहे बोम्मई ने हावेरी और उडुपी के जिला प्रभारी मंत्री के रूप में भी कार्य किया। इससे पहले उन्होंने जल संसाधन और सहकारिता मंत्री के रूप में कार्य किया है।
टाटा ग्रुप में की थी नौकरी

कर्नाटक के एक्स सीएम एसआर बोम्मई के पुत्र बसवराज ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई की है। बसवराज ने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप से की थी। उन्होंने जनता दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वो 2008 में जनता दल से बीजेपी में शामिल हुए थे। उनके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसके बाद बीजेपी और सरकार में महत्विपूर्ण पदों को संभाल रहे हैं। बोम्मई 1998 और 2008 के बीच कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। 

हाल के दिनों में BJP पार्टी प्रमुख पदों पर दूसरी पार्टी से आये लोगों को मौका दे रही है। असम में कांग्रेस से आये हिमंत बिस्व सरमा पर भरोसा जताते हुए सीएम की गद्दी सौंप दी थी।अब कर्नाटक में बसवराज बोम्मई को येदियुरप्पा का राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर फिर एकबार दूसरे दलों से आए नेताओं पर भरोसा जताया है।
सरमा से पहले अर्जुन मुंडा, बीरेन सिंह बन चुके हैं सीएम
असम में हिमंत बिस्व सरमा को नया सीएम बनाकर बीजेपी ने दूसरे दलों से पार्टी में आने वाले नेताओं के लिए नया रास्ता खोल दिया है। पूर्वोत्तर के छोटे राज्यों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश बड़े राज्यों में बीजेपी लीडरशीप सीएम पद के लिए अपने काडर से आने वाले या गैर कांग्रेसी पृष्ठभूमि के नेताओं को ही आगे बढ़ाता रहा है। असम से उसकी यह हिचक टूटी है। पार्टी अब काडर व सामाजिक समीकरण से ज्यादा काबिलियत को अहमियत दे रही है। हालांकि इससे पहले पार्टी ने अर्जुन मुंडा को झारखंड में सीएम बनाया था, जो बीजेपी से पहले जेएमएम में थे। वहीं,2016 में कांग्रेस से बीजेपी में आए एन बीरेन सिंह अगले ही हसाल मणिपुर में सीएम बने थे।
TMC से आये शुभेंदु अधिकारी को सौंपी बंगाल की कमान
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से TMC छोड़ बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी को पार्टी ने विधानसभा में विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी सौंप देगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि भाजपा का ट्रेंड रहा है कि वह महत्वपूर्ण पदों के लिए अपने काडर पर ही भरोसा करती है।

सिंधिया को बनाया सेंट्रल मिनिस्टर
हाल ही में हुए मोदी कैबिनेट के विस्तार में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिनिस्टर बनाया गया है। सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालयकी जिम्मेदारी दी गई। एक खास बात यह भी है कि इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया भी संभाल चुके हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को पिछले साल मार्च में गिराकर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी सरकार की 15 महीने बाद वापसी कराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका रही थी। लगभग सवा साल के इंतजार के बाद यह मौका आया।