झारखंड: विनय सिंह का रांची व हजारीबाग शोरूम से नहीं हटेगा ACB का ताला, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
झारखंड हाईकोर्ट ने ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह की याचिका खारिज कर दी। अब रांची और हजारीबाग स्थित उनके शोरूम से ACB का ताला नहीं हटेगा। वन भूमि घोटाले के आरोप में विनय सिंह जेल में बंद हैं।

रांची। झारखंड के चर्चित ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने रांची और हजारीबाग में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) द्वारा सील किये गये उनके शोरूम को खोलने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है।
यह भी पढ़ें:झारखंड पुलिस परीक्षा में फेल की बाढ़! दोबारा जांच के बाद भी सिर्फ 112 हुए पास
जानकारी के मुताबिक, विनय सिंह पर वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री और म्यूटेशन कराने के गंभीर आरोप हैं। इसी सिलसिले में ACB ने उनके दो शोरूम — रांची के डिबडीह स्थित ‘मोटोजेन’ और हजारीबाग के ‘नेक्सजेन महिंद्रा’ — को सील कर दिया था।
हाईकोर्ट का आदेश: ताला नहीं खुलेगा
इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में हुई। अदालत ने एसीबी की कार्रवाई को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया। अब विनय सिंह के दोनों शोरूम पर ACB का ताला बरकरार रहेगा।
किस मामले में फंसे हैं विनय सिंह
विनय सिंह कांड संख्या 9/2025 के तहत आरोपी हैं, जिसमें वन भूमि को गलत तरीके से निजी स्वामित्व में दिखाकर बेचने और उसका म्यूटेशन कराने की बात सामने आई थी। इस मामले में ACB ने जांच के दौरान बड़ी वित्तीय गड़बड़ी और भूमि हस्तांतरण में अनियमितता का खुलासा किया था।
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलील
विनय सिंह की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और ऋषभ कुमार ने दलील दी कि ACB ने बिना वैधानिक प्रक्रिया के शोरूम को सील किया है और इससे कारोबारी नुकसान हो रहा है। वहीं, ACB की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुमित गडोदिया ने कहा कि सीलिंग की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है और शोरूमों से जुड़े दस्तावेज जांच के लिए आवश्यक हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। विनय सिंह का शोरूम कांड संख्या 9/2025 में सील हुआ है. विनय सिंह की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और ऋषभ कुमार ने पक्ष रखा.
आगे की कार्रवाई
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब एसीबी की जांच तेज होने की संभावना है। विनय सिंह पहले से न्यायिक हिरासत में हैं और उनके खिलाफ भूमि घोटाला, सरकारी जमीन पर कब्जा और धन शोधन (Money Laundering) से जुड़ी कई जांचें जारी हैं।