झारखंड: विनय सिंह को नहीं मिली राहत! झारखंड हाईकोर्ट ने कहा – “ACB के पास है पूरा केस

झारखंड वन भूमि घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी विनय सिंह की याचिका झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ACB के पास ठोस सबूत हैं। पूरा मामला जानें।

झारखंड: विनय सिंह को नहीं मिली राहत! झारखंड हाईकोर्ट ने कहा – “ACB के पास है पूरा केस
विनय सिंह( फाइल फोटो)।

रांची। झारखंड में चर्चित वन भूमि घोटाला (Forest Land Scam) मामले में गिरफ्तार ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह को झारखंड हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

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विनय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। लेकिन जस्टिस अम्बुज नाथ की एकल पीठ ने सुनवाई के बाद साफ कहा कि — “ACB के पास विनय सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया ठोस और पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।” इस टिप्पणी के साथ अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट में हुई बहस
विनय सिंह की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पैरवी की। वहीं ACB (Anti-Corruption Bureau) की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुमित गड़ोदिया और अभिषेक कृष्ण ने पक्ष रखा। ACB की दलील थी कि विनय सिंह की गिरफ्तारी पूरी तरह सबूतों पर आधारित है। जांच में सामने आया है कि उन्होंने वन भूमि को अवैध तरीके से खरीद-बिक्री में अहम भूमिका निभाई थी।
पृष्ठभूमि: कब और कैसे हुआ मामला
26 सितंबर को ACB की टीम ने हजारीबाग से विनय सिंह को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़े एक मामले में हुई थी। ACB ने इस केस में कांड संख्या 11/2025 दर्ज की है। विनय सिंह की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद, इसी मामले में दूसरे आरोपी विजय सिंह को भी सोमवार को गिरफ्तार किया गया।
क्या है पूरा वन भूमि घोटाला?
सूत्रों के अनुसार, हजारीबाग और आसपास के इलाकों में कई एकड़ सरकारी वन भूमि को फर्जी कागजात के आधार पर निजी नाम पर रजिस्ट्री कराया गया था। इसमें कई स्थानीय दलालों, कारोबारियों और सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता की जांच चल रही है।ACB का दावा है कि इस घोटाले से सरकार को कई करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
अगली कार्रवाई
ACB अब इस मामले में कुछ और नामों पर भी शिकंजा कस सकती है। विनय सिंह से पूछताछ में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर नए आरोपियों की गिरफ्तारी संभव है।

 निष्कर्ष

हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद यह स्पष्ट है कि विनय सिंह को फिलहाल राहत नहीं मिलेगी। अब आगे इस केस की जांच और पूछताछ पर नजरें टिकी हैं।