झराखंड: बड़कागांव चिरूडीह हिंसा मामले में योगेंद्र साव और निर्मला देवी दोषी करार, सजा 24 मार्च को

हजारीबाग जिले के बड़कागांव चिरूडीह में हिंसा मामले में रांची के सिविल कोर्ट ने एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव व उनकी वाइफ व एक्स एमएलए निर्मला देवी को दोषी करार दिया है। अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि निर्धारित की है। 

झराखंड: बड़कागांव चिरूडीह हिंसा मामले में योगेंद्र साव और निर्मला देवी दोषी करार, सजा 24 मार्च को
  • 2016 में हुई हिंसा में कई लोगों की गई थी जान
 
रांची। हजारीबाग जिले के बड़कागांव चिरूडीह में हिंसा मामले में रांची के सिविल कोर्ट ने एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव व उनकी वाइफ व एक्स एमएलए निर्मला देवी को दोषी करार दिया है। अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि निर्धारित की है। 
कोर्ट ने योगेंद्र साव के बेटा अंकित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। दोषी करार दिए जाने के बाद निर्मला देवी को ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया है। योगेंद्र साव अभी होटवार जेल में बंद है। सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
2016 में हुई में कई लोगों की हुई थी मौत
 
चिरूडीह माइनिंग एरिया में एनटीपीसी द्वारा किये जा रहे जमीन अधिग्रहण के खिलाफ वर्ष 2016 में निर्मला देवी के नेतृत्व मे कफन सत्याग्रह चल रहा था। एक अक्टूबर 2016 को पुलिस जब सत्याग्रह कर रहे लोगों को रोकने की कोशिश की और निर्मला देवी को कस्टडी में लिया तो हंगामा हो गया। लोग हिंसा पर उतर आये। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर एमएलए निर्मला देवी को पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया। पुलिस-पब्लिक में हिंसक झड़प के बाद पहले लाठीचार्ज और फिर पुलिस ने फायरिंग की। इसमे कई ग्रामीणों की मौत हो गई। जबकि तत्कालीन एएसपी कुलदीप कुमार और सीओ शैलेश कुमार सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गये। कई अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थी। 
इस मामले में एमएलए अंबा के पिता योगेंद्र साव के खिलाफ जिला प्रशासन ने दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज किये थे। इनमें से 11 मामलो में योगेंद्र साव कोर्ट से बरी हो चुके हैं।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी मामले को हजारीबाग से रांची सिविल कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केस की डे  टू डे सुनवाई चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से 20, जबकि आरोपितों ने अपने बचाव में सात गवाह पेश किए। योगेंद्र साव 2017 से जेल में हैं।