झारखंड: स्टेट गवर्नमेंट असाध्य रोग के इलाज के लिए अब 10 लाख देगी सहायता राशि

झारखंड गवर्नमेंट अब असाध्य रोग के इलाज के लिए अब 10 लाख रुपये सहायता राशि देगी। सीएम हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सीएम हेमंत सोरेन ने प्रभावित सुपात्र व्यक्तियों की चिकित्सा हेतु विभागीय स्तर से चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने एवं पूर्व से स्वीकृत पांच असाध्य रोगों की सूची में 17 अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध करने से संबंधित प्रोपोजल को स्वीकृति दी है। 

झारखंड: स्टेट गवर्नमेंट असाध्य रोग के इलाज के लिए अब 10 लाख देगी सहायता राशि
  • हजारीबाग में जमीन की खरीद बिक्री और म्यूटेशन में नहीं होगी परेशानी
  • रंका में डिग्री कालेज बनेगा
रांची। झारखंड गवर्नमेंट अब असाध्य रोग के इलाज के लिए अब 10 लाख रुपये सहायता राशि देगी। सीएम हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सीएम हेमंत सोरेन ने प्रभावित सुपात्र व्यक्तियों की चिकित्सा हेतु विभागीय स्तर से चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने एवं पूर्व से स्वीकृत पांच असाध्य रोगों की सूची में 17 अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध करने से संबंधित प्रोपोजल को स्वीकृति दी है। 
सिविल सर्जन करेंगे पांच लाख तक अनुशंसा
सीएम ने असाध्य रोग के इलाज के लिए पूर्व में दी जा रही पांच लाख रुपये की राशि को पर्याप्त नहीं मानते हुए राशि में बढ़ोतरी करने का निर्देश दिया था। इसके उपरांत राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने के प्रस्ताव पर सीएम ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब सभी जरुरतमंदों को असाध्य रोग के इलाज में काफी मदद मिलेगी।अभी भी सिविल सर्जन कार्यालय से अधिकतम पांच लाख रुपये तक की मदद की अनुशंसा करने का प्रविधान अभी जारी रखा गया है। वहीं विभागीय स्तर पर यह राशि दोगुना करते हुए 10 लाख रुपये तक कर दिया गया है। अब सर्वेक्षण के आधार पर बीमारियों की संख्या बढ़ाकर 22 तक कर दी गई है। वर्तमान में मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के अंतर्गत राज्य के वैसे व्यक्तियों को सहायता दी जाती है जिनकी वार्षिक आय लगातार तीन वर्षों तक आठ लाख रुपये से कम हो।
अब 80 तरह की बीमारियों का इलाज नहीं
बताय जाता है कि गंभीर बीमारियों में कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण, गंभीर लीवर रोग तथा एसिड अटैक के मरीज शामिल हैं। हार्ट, किडनी, एपेंडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी, ब्रेन ट्यूमर, सीरियस हेड इंज्युरी सहित अन्य 80 तरह की बीमारियों का इलाज नहीं होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत बीपीएल कार्डधारी व जिनकी वार्षिक आय 72 हजार या उससे कम है, को इलाज के लिए पांच लाख रुपए तक की मदद मिलती थी। अब सरकार ऐसे मरीजों को दस लाख रुपये देगी। मालूम हो कि इन बीमारियों की जद में आने के बाद लोग आर्थिक रूप से टूट जाते थे। इसलिए सरकार ने यह पहल की है। सरकार ने लाभ लेने की प्रक्रिया को भी बेहद आसान कर दिया है।
 रंका में डिग्री कालेज बनेगा, सीएम ने दी स्वीकृति
सीएम हेमंत सोरेन ने रंका अनुमंडल मुख्यालय में डिग्री कालेज की स्थापना किए जाने को लेकर तैयार प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। 2008 के पूर्व में रंका गढ़वा सदर अनुमंडल के अधीन था। अब अनुमंडल बनने के बाद रंकावासियों की ओर से डिग्री कालेज की स्थापना को लेकर लगातार मांग की जा रही थी। मिनिस्टर सह गढ़वा एमएलए मिथिलेश ठाकुर और जिलावासियों की मांग को देखते हुए सरकार ने जनहित में डिग्री कालेज की स्थापना का निर्णय लिया है। रंका में डिग्री कालेज शुरू होने से युवाओं को उच्च शिक्षा के कई अवसर प्राप्त होंगे और भविष्य में उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
 हजारीबाग में जमीन की खरीद बिक्री और म्यूटेशन में नहीं होगी परेशानी
सीएम हेमं सोरेन ने हजारीबाग नगरपालिका द्वारा अबतक उपभोग किये जा रहे जमीन्दारी अधिकारों  को बिहार भूमि सुधार अधिनिमय, 1950 के प्रावधानों एवं अपर मुख्य सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की विगत 21 जून को आहुत बैठक में अभिलेखों के हस्तांतरण हेतु दिए गए निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार में निहित किये जाने के प्रोपोजल पर स्वीकृति दी है।
 हजारीबाग शहरवासियों को हो रही थी परेशानी
 उल्लेखनीय  है कि हजारीबाग शहर की करीब आधी भूमि का राजस्व रसीद हजारीबाग नगरपालिका द्वारा निर्गत किया जाता था। वर्ष 2011- 12 में तत्कालीन एसडीओ ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। तब से लेकर अब तक जमीन की खरीद-बिक्री, म्यूटेशन, आदि को लेकर लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिला प्रशासन के पास भी रसीद निर्गत करने का अधिकार नहीं था, जिससे समस्या जटिल होती जा रही थी। इस बाबत पूर्व में विधानसभा में भी सवाल पूछे गये। कई जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने इस समस्या के निराकरण की मांग कई बार पूर्व की सरकारों के समक्ष रखा था। लेकिन समाधान कभी नहीं निकल पाया। सीएम हेमंत सोरेन ने मामले की जानकारी के उपरांत रसीद निर्गत करने की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु राजस्व विभाग को रसीद निर्गत करने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की है।