झारखंड: एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस समेत छह गये जेल, महत्वपूर्ण दस्तावेज से खुलेंगे राज

एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी सहित छह को पूछताछ के बाद रविवार को जेल भेज दिया गया। रांची स्थित ज्वाइंट इंट्रोगेशन सेंटर से सभी को सरायकेला जेल ले जाया गया। इससे पहले सबका लोकल सदर अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गयी। बोस और शीला माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं। सभीको 12 नवंबर के दिन सरायकेला के कांड्रा स्थित गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास अरेस्ट किया गया था।

झारखंड: एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस समेत छह गये जेल,  महत्वपूर्ण दस्तावेज से खुलेंगे राज
  • माओवादी दंपत्ति के पास से मिले दास्तेवेज सेखुल सकते हैं कई राज

रांची। एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी सहित छह को पूछताछ के बाद रविवार को जेल भेज दिया गया। रांची स्थित ज्वाइंट इंट्रोगेशन सेंटर से सभी को सरायकेला जेल ले जाया गया। इससे पहले सबका लोकल सदर अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गयी। बोस और शीला माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं। सभीको 12 नवंबर के दिन सरायकेला के कांड्रा स्थित गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास अरेस्ट किया गया था।

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जिन्हें भेजा गया जेल
प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा (पिता : ज्योतिंद्र नाथ सान्याल), 7/12 सी, विजयगढ़ कॉलोनी, जादवपुर, कोलकाता.

शीला मरांडी (पति : प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, पति : स्व. भादो हांसदा), नावाटांड़, मनियाडीह, धनबाद

बिरेंद्र हांसदा उर्फ जितेंद्र (पिता : मोतिलाल हांसदा), चतरो, खुरखुरा, गिरिडीह

राजू टुडू उर्फ निखिल उर्फ बाजु (पिता : जयसिंह टुडू), करमाटांड़, नौखनिया, पीड़टांड़, गिरिडीह

कृष्णा बाहंदा उर्फ हेवेन (पिता : स्व. चमरा बाहंदा), अमराय कितापी, गोइलकेरा, पश्चिम सिंहभूम

गुरुचरण बोदरा (पिता : गुलाब सिंह), मदन जाहीर, सोनुआ, पश्चिम सिंहभूम

प्रशांत बोस व उनकी पत्नी के पास से चार मोबाइल, दो एसएसडी, एक पेन ड्राइव और 1.51 लाख रुपये कैश बरामद किये गये हैं। बोस ने बताया है कि एसएसडी और पेन ड्राइव में नक्सली संगठन से जुड़े कई दस्तावेज हैं. मामले में सरायकेला के कांड्रा थाना में प्रशांत बोस, इनकी पत्नी सहित छह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है. डीजीपी नीरज सिन्हा ने रांची के खुखरी गेस्ट हाउस में आयोजित प्रेस कांफ्रेस बताया कि प्रशांत बोस माओवादी संगठन के जनक की भूमिका में थे। वह 40-50 वर्षों से संगठन से जुड़े थे। इनकी गिरफ्तारी झारखंड पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के लिए अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

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पुलिस के अनुसार भीमा कोरेगांव हिंसा व पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचने में प्रशांत की भूमिका थी। एनआईए की चार्जशीट में बोस का नाम आया था। सरायकेला के कांड्रा में प्रशांत बोस, शीला मरांडी, गिरिडीह के वीरेंद्र हांसदा, राजू टूडू, गोइलकेरा के कृष्णा बाहंदा और गुरुचरण बोहरा के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा गया। डीजीपी नीरज सिन्हा ने मीडिया को बताया कि प्रशांत ने पूछताछ में माओवादी संगठन के बारे में महासागर जैसी सूचनाएं दी हैं। इनका विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशांत बोस पर झारखंड, बिहार समेत कई स्टेट में मामले दर्ज है। सिर्फ झारखंड में प्रशांत बोस के खिलाफ 50 केस हैं।

मजदूर यूनियन से माओवादी टॉप कमांडर बना प्रशांत

 डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि प्रशांत बोस 60 के दशक में पढ़ाई के दौरान कोलकाता में नक्सली संगठन के मजदूर यूनियन से जुड़ा था। एमसीसीआई के संस्थापक कन्हाई चटर्जी के साथ मिलकर प्रशांत बोस ने संताली नेताओं के द्वारा चलाये जा रहे महाजनी व जमींदारी प्रताड़ना के खिलाफ आंदोलन में भागीदारी की। रतिलाल मुर्मू के साथ मिलकर प्रशांत बोस ने सनलाइट सेना व एमसीसीआई को कई जिलों में मजबूत बनाया। संयुक्त बिहार में रणवीर सेना, ब्रह्मर्षि सेना के खिलाफ एमसीसीआई को मजबूत किया गया। वर्ष 1974 में पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर हजारीबाग जेल भेजा गया था। 1978 में जेल से छूटने के बाद प्रशांत बोस फिर से एमसीसीआई में सक्रिय हो गया। 2004 में एमसीसीआई के पीडब्ल्यूजी में विलय के बाद प्रशांत बोस को ईआरबी का चीफ बनाया गया था। डीजीपी ने बताया कि माओवादी थिंक टैंक के तौर पर प्रशांत बोस देशभर के तमाम बड़े माओवादी वारदातों की सहमति व योजना में शामिल रहा है।

बरामद चिप, पेन ड्राइव व मोबाइल में माओवादी संगठन की सभी जानकारी

आईजी (ऑपरेशन) अमोल वी होमकर ने बताया कि बरामद चिप, पेन ड्राइव व मोबाइल में माओवादी संगठन की सभी जानकारी है। माओवादी संगठन के कई दस्तावेज, सरकार के विरूद्ध पत्र, नक्सली संगठन के समर्थन में पर्चा, संगठन के आंतरिक पत्र समेत अन्य दस्तावेज की साफ्ट कॉपी है। पुलिस को जानकारी मिली है कि सारंडा में हाल के दिनों में कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक प्रशांत बोस करने वाला था। इस बैठक में राज्य के लगभग सभी बड़े माओवादियों को शामिल होना था। सारंडा में बैठक कर संगठन की आगे की रणनीति तय करने के लिए यह बैठक होनी थी। इस बैठक में शामिल होने के लिए पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा ने अपने दो बॉडीगार्ड प्रशांत बोस के पास पारसनाथ भेजे थे। ये दोनों बॉडीगार्ड भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं।

शीला मरांडी एकमात्र माओवादी सेंट्रल कमेटी मेंबर 

प्रशांत बोस की पत्नी शीला मरांडी एकमात्र माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य है। 1980 में मुखिया रमन मुर्मू से प्रभावित होकर शीला मरांडी माओवादियों के अग्र संगठन नारी मुक्ति संघ में शामिल हुई थी। दो साल बाद वह प्रशांत बोस की टीम में शामिल हो गई थी। साल 2006 में राउरकेला से शीला की गिरफ्तारी हुई थी। 2016 में जेल से छूटने के बाद दक्षिणी छोटानागपुर जोन में सक्रिय होकर शीला ने कई कांडों की योजना बनायी। 2018 में सारंडा में ईआरबी की मीटिंग के बाद शीला को सेंट्रल कमेटी सदस्य बनाया गया था।

जैप के 15 जवानों समेत कई पुलिसकर्मियों की शहादत को किया याद

डीजीपी नीरज सिन्हा ने प्रशांत बोस व शीला मरांडी की गिरफ्तारी के बाद जवानों की शहादत को भी याद किया। डीजीपी ने बताया कि साल 2001 में दीपावली के दिन शीला मरांडी के नेतृत्व में माओवादियों ने तोपचांची में हमला कर जैप के कैप को ध्वस्त कर 15 पदाधिकारी- जवानों की हत्या कर दी थी। सभी शहीद जैप के थे। डीजीपी ने बताया कि उस दिन दीपावली थी, मेला लगा था। इसके बाद लगातार पुलिसकर्मियों ने माओवादियों के खिलाफ जंग में शहादत दी।