झारखंड: रांची पुलिस की किरकिरी, उपद्रवियों का फोटो सार्वजनिक स्थानों पर लगाया, फिर घंटे भर में हटाया

झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड में शुक्रवार 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों द्वारा उपद्रव और हिंसा की घटना के बाद पुलिस अपनी तेवर सख्त करते ही नरमपहो गयी है। पुलिस ने ईंट पत्थर बरसाने वाले दंगाइयों का पोस्टर जारी कर दिया रांची के जाकिर हुसैन पार्क के समीप चौक पर तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाया था। जेएमएम द्वारा पुलिस की इस कार्रवाई पर तत्काल आपत्ति दर्ज करायी गयी। इसके कुछ देर बाद ही पोस्टर हटा दिया गया।

झारखंड: रांची पुलिस की किरकिरी, उपद्रवियों का फोटो सार्वजनिक स्थानों पर लगाया, फिर घंटे भर में हटाया
  • JMM ने जतायी थी आपत्ति

रांची। झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड में शुक्रवार 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों द्वारा उपद्रव और हिंसा की घटना के बाद पुलिस अपनी तेवर सख्त करते ही नरमपहो गयी है। पुलिस ने ईंट पत्थर बरसाने वाले दंगाइयों का पोस्टर जारी कर दिया रांची के जाकिर हुसैन पार्क के समीप चौक पर तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाया था। जेएमएम द्वारा पुलिस की इस कार्रवाई पर तत्काल आपत्ति दर्ज करायी गयी। इसके कुछ देर बाद ही पोस्टर हटा दिया गया।

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पुलिस ने कुछ घंटे बाद ही उतारे उपद्रवियों की फोटो वाले पोस्टर

पोस्टर लगाने की शुरुआत जाकिर हुसैन पार्क के पास के चौराहे से की गयी थी। पोस्टर में निवेदक रांची पुलिस थी। इसमें कहा गया था कि इन आरोपियों के संबंध में किसी को कोई जानकारी हो, तो रांची पुलिस को सूचना दें। सूचना देनेवाले व्यक्ति का नाम और पता गुप्त रखा जायेगा। पोस्टर में सूचना देने के लिए सिटी डीएसपी, कोतवाली डीएसपी, हटिया डीएसपी, डेली मार्केट, कोतवाली, लोअर बाजार तथा डोरंडा थाना प्रभारी का मोबाइल नंबर भी जारी किया गया था।झामुमो की आपत्ति के बाद पोस्टर लगाते ही उतर गया। रांची पुलिस ने इस मामले में अपना पक्ष देते हुए कहा कि पोस्टर में कुछ संशोधन करना है, इस कारण इसे उतारा गया है. इसके बाद फिर से लगाया जायेगा।

पुलिस ने मंगलवार को ही रांची में 10 जून को जुमे की नजाम के बाद सड़क पर उतरकर पथराव, दुकानों, वाहनों के अलावा पुलिस जवानों और अधिकारियों पर हमला करने वाले 33 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए थे। सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर लगाये गये थे। आरोपियों के संबंध में सूचना देने के लिए पुलिस अफशरों का मोबाइल नंबर भी पोस्टर में जारी किया गया था। पुलिस का कहना था कि इससे दंगाइयों की सही तरीके से शिनाख्त हो सकती है। पुलिस ने यह कदम गवर्नरल रमेश बैस के निर्देश के बाद उठाया था। गवर्नर ने सोमवार को झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा समेत कई सीनीयर अफसरों को राजभवन बुलाया था। उन्होंने अफसरों से इस घटना के बारे में जानकारी ली थी। यह भी पूछा था कि इस मामले में उनकी ओर से क्या कार्रवाई की गई। 

देर शाम पुलिस ने इस पोस्टर में संशोधन का हवाला देते हुए फिलहाल इसे हटा लिया है।रांची में हुई हिंसा के मामले में मंगलवार को पुलिस द्वारा लगाये गये उपद्रवियों के पोस्टरों को खुद पुलिस ने ही उतरना शुरू कर दिया है। रांची पुलिस ने इन पोस्टरों में कुछ गलती होने के चलते इन्हें हटाने का फैसला लिया है। पुलिस का कहना है कि सुधार के बाद फिर से पोस्टर लगाये जायेंगे।रांची पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सभी मीडिया बंधुओं और आमजनों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 10.06.2022 को रांची में घटित हिंसक घटना में वॉन्टेड उपद्रवियों का फोटो जारी किया गया था, लेकिन संशोधन हेतु उसे वापस लिया जाता है।

बीजेपी की प्रवक्ता रही नूपुर शर्मा और लीडर नवीन कुमार जिंदल ( अब निष्कासित) द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणी को खिलाफ रांची में शुक्रवार 10 जून को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था। हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनभर पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गये थे। हिंसा के बाद प्रशासन को शहर के कुछ हिस्सों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी थी। इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया था।हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।हजारों लोगों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की गई है।

सार्वजनिक तौर पर किसी को बदनाम करना सही नहीं : जेएमएम
रांची पुलिस की ओर से आरोपियों का पोस्टर लगाने पर झामुमो ने तत्काल आपत्ति दर्ज की। इस संबंध में झामुमो लीडर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इससे यूपी-झारखंड का फर्क मिट जायेगा।जेएमएम केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पोस्टर लगाने से समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। पहले इसका सामाजिक आकलन होना चाहिए। आप जख्म को जितना हरा कीजिएगा, उतनी गंदगी फैलेगी। कार्रवाई करनी है, तो पुलिस उपद्रवियों को चिह्नित कर कार्रवाई करे, उन्हें जेल भेजे। सार्वजनिक तौर पर किसी को बदनाम करना सही नहीं है।