Jharkhand: कल्पना सोरेन की पॉलिटिक्स में एंट्री, हेमंत सोरेन की राजनीतिक विरासत संभाली

झारखंड के गिरिडीह के झंडा मैदान में सोमवार को झामुमो का 51वां स्थापना दिवस समारोह में एक्स सीएम हेमंत सोरेन की वाइफ कल्पना सोरेन ने इस दौरान पार्टी का झंडा लहराते हुए अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। अपनी पॉलिटिकल एंट्री पर कल्पना ने जनसभा को संबोधित किया। गिरिडीह झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के 51वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में सीएम चंपाई सोरेन के साथ कल्पना सोरेन शामिल हुई। 

Jharkhand: कल्पना सोरेन की पॉलिटिक्स में एंट्री, हेमंत सोरेन की राजनीतिक विरासत संभाली
कल्पना सोरेन की पॉलिटिकल एंट्री।

गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह के झंडा मैदान में सोमवार को झामुमो का 51वां स्थापना दिवस समारोह में एक्स सीएम हेमंत सोरेन की वाइफ कल्पना सोरेन ने इस दौरान पार्टी का झंडा लहराते हुए अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। अपनी पॉलिटिकल एंट्री पर कल्पना ने जनसभा को संबोधित किया। गिरिडीह झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के 51वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में सीएम चंपाई सोरेन के साथ कल्पना सोरेन शामिल हुई। 

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जेएमएम के स्थापना दिवस पर कल्पना की पॉलिटिकल एंट्री
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के 51वें स्थापना दिवस पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कल्पना सोरेन ने कहा कि एक साजिश के तहत हेमंत जी को जेल भेजा गया है। उन्होंने रविवार को अपने जन्मदिन वे उनसे मिलने होटवार जेल गयी थीं। इस दौरान हेमंत सोरेन ने उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि मैं जेल हूं, लेकिन जिंदा हूं। घबराना नहीं है। झारखंड कभी किसी के आगे नहीं झुका है। मैं भी नहीं झुकूंगा।

कल्पना सोरेन ने अपने संबोधन से सबको भावुक कर दिया। स्थानीय जनजाति भाषा में कल्पना सोरेन ने अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने  बीजेपी पर जमकर हमला बोला। कल्पना ने कहा कि दिल्ली वालों का दिल है, लेकिन धड़कता नहीं है। वे आदिवासियों को कीड़ा समझते हैं।उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी कुर्सी सिर्फ इसलिए छोड़ दी क्योंकि वे किसी के सामने झुकते नहीं हैं। हमारे जितने विधायक और कार्यकर्ता यहां मौजूद हैं, उनका मनोबल देखकर ऐसा लग रहा है कि हमने दिखा दिया कि झारखंड कभी झुकेगा नहीं। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
कल्पना ने कहा कि आज गिरिडीह की क्रांतिकारी भूमि से जन नायक हेमन्त जी की आवाज बनकर मैं आप सभी के बीच पहुंची। केंद्र की भाजपा सरकार ने हेमन्त जी को जेल में नहीं डाला है, झारखण्ड के स्वाभिमान और आत्म-सम्मान को जेल में डाला है। इसका करारा जवाब मिलेगा। आने वाले वक्त में इसका करारा जवाब दिया जायेगा।कल्पना ने कहा कि मैं सोच कर आयी थी कि जैसा हेमन्त जी ने माननीय विधानसभा में कहा था कि "मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, आंसू वक्त के लिए रखूंगा। केंद्र की भाजपा सरकार के लिए आंसू का कोई मतलब नहीं है। आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक के आंसुओं का इनके सामने कोई मोल नहीं है।", मैं भी आंसू नहीं बहाऊंगी। मगर, आप सभी के अथाह स्नेह और आशीर्वाद के सामने मैं अपने आप को रोक न सकी। न झारखण्ड झुका है, न झारखण्डी झुकेगा।
समारोह में सीएम चंपाई सोरेन के साथ मंच पर मिनिस्टर  हफीजुल हसन, बेबी देवी, राज्यसभा एमपी महुआ माजी, टुंडी एमएलए मथुरा प्रसाद महतो, गिरिडीह एमएलए सुदिव्य कुमार सोनू, गांडेय एक्स एमएलए डॉ सरफराज अहमद, जयप्रकाश वर्मा समेत अन्य मौजूद थे।
सियासी सफर पर कल्पना सोरेन

गिरिडीह की जनसभा में पहुंचने से पहले कल्पना सोरेन पीरटांड़ पहुंचीं और पार्श्वनाथ पर्वत की तलहट्टी में मांझीथान में आराधना कीं। राजनीति में संकेतों और संदेशों का काफी महत्व है। हसबैंड हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद रिक्त हुए स्थान को भरने के लिए कल्पना सोरेन ने जब सार्वजनिक जीवन में उतरने का निर्णय लिया है। पहले उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर तीन मार्च को जेल जाकर हसबैंड से मुलाकात की। इसके बाद झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के यहां पहुंचकर आशीर्वाद लिया। 
कल्पना सोमवार को वह गिरिडीह के पीरटांड में उसी इलाके में थीं, जहां से शिबू सोरेन ने महाजनी प्रथा के विरुद्ध शंखनाद किया था। आदिवासी महिलाओं की पारंपरिक साड़ी पहने कल्पना सोरेन ने जाहेरथान में विधिवत पूजा-अर्चना की। गिरिडीह में झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में भावुकता भरा उनका भाषण समर्थकों ने गंभीरता से सुना। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू भी छलके तो खुद को संभालवा और मुट्ठी भींचकर राजनीतिक विरोधियों पर प्रहार किया।
हेमंत सोरेन की विधानसभा सीट का दौरा करेंगी कल्पना सोरेन
कल्पना सोरेन के लिए राजनीतिक मैदान खुला है। लोकसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा का मिशन भाजपा को उसकी मौजूदा सीटों से पीछे धकेलना है। हालांकि, यह आसान काम नहीं है, लेकिन कल्पना सोरेन का उपयोग मोर्चा के रणनीतिकार बड़े पैमाने पर करेंगे, इतना तय हो चुका है। गिरिडीह के बाद उनका साहिबगंज के बरहेट जाने का कार्यक्रम है। बरहेट विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व हेमंत सोरेन करते हैं। ऐसे में उनका दौरा महत्वपूर्ण होगा। उनकी राजनीतिक कवायद विधानसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास है, जो इस वर्ष के अंतिम महीने में प्रस्तावित है। पिछले विधानसभा चुनाव में सारे आकलन को ध्वस्त करते हुए झामुमो सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। इस बार हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में विधानसभा चुनाव हुए तो इस प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती होगी।