झारखंड:आजसू पार्टी के गंगा नारायण सिंह बीजेपी में शामिल, मधुपुर उपचुनाव में होंगे पार्टी कैंडिडेट

आजसू पार्टी के गंगा नारायण सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गये।राजधानी रांची स्थित प्रदेश कार्यालय में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, एमएलए रणधीर सिंह, नारायण दास और प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू के समक्ष गंगानारायण ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। गंगा नारायण के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही यह तय हो गया है कि मधुपुर उपचुनाव में वे ही बीजेपी के कैंडिडेट होंगे।

झारखंड:आजसू पार्टी के गंगा नारायण सिंह बीजेपी में शामिल, मधुपुर उपचुनाव में होंगे पार्टी कैंडिडेट

रांची। आजसू पार्टी के गंगा नारायण सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गये।राजधानी रांची स्थित प्रदेश कार्यालय में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, एमएलए रणधीर सिंह, नारायण दास और प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू के समक्ष गंगानारायण ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। गंगा नारायण के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही यह तय हो गया है कि मधुपुर उपचुनाव में वे ही बीजेपी के कैंडिडेट होंगे। बतौर कैंडिडेट उनके नाम की औपचारिक घोषणा शेष है।

राज पलिवार की दावेजारी आउट

मधुपुर उपचुनाव में बीजेपी के सबसे गंभीर कैंडिडेट होने बावजूद राज पलिवार को पार्टी ने कैंडिडेट बनाने का विचार नहीं किया। मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति उनके पक्ष में दिखाई नहीं दे रही है। अगर राज पलिवार को बीजेपी कैंडिडेट बनाती है, तो बहुत संभव है कि एनडीए बिखर जाए। क्योंकि, पिछले चुनाव में आजसू कैंडिडेट के तौर पर चुनाव में उतर चुके गंगा नारायण चुनाव लड़ेंगे ही। यदि ऐसा हुआ तो वोटों का बंटवारा यूपीए कैंडिडेट की राह आसान कर देगा। यही वजह है कि सिंबल बीजेपी का और कैंडिडेट आजसू का जैसे विकल्प पर काम करते हुए गंगा नारायण को आज बीजेपी में शामिल कर लिया गया।

चुनाव समिति की बैठक में कई नामों पर विचार
झारखंड में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की अध्यक्षता में हुई चुनाव समिति की बैठक में सेंट्रल मिनिस्टर अर्जुन मुंडा, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी व एक्स सीएम रघुवर दास समेत शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। चुनाव समिति की बैठक में आधा दर्जन नामों पर विचार किया गया। इनमें त्री राज पलिवार के नाम पर गंभीरता से चर्चा हुई। राज पलिवार के अलावा विशाखा सिंह, संजय यादव व रवि तिवारी का नाम भी सामने आया। हालांकि, पार्टी का पूरा जोर एनडीए को एकजुट रखने पर रहा। मधुपुर के स्थानीय व जातीय समीकरण को देखते हुए इसे जरूरी बताया गया। वोटों का बिखराव उपचुनाव में भी पिछले विधानसभा चुनाव की तरह पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकता है। यही वजह रही कि पिछले चुनाव में आजसू के टिकट पर मधुपुर से चुनाव लड़ चुके गंगा नारायण के नाम पर गंभीरता से चर्चा हुई।