झारखंड स्थापना दिवस 2025: CM हेमंत सोरेन हुए भावुक, 2050 का विजन पेश

झारखंड स्थापना दिवस 2025: मोरहाबादी मैदान में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने 8799 करोड़ की 1087 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया। CM हेमंत सोरेन हुए भावुक, 2050 तक का विकास विजन पेश किया। धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि।

झारखंड स्थापना दिवस 2025: CM हेमंत सोरेन हुए भावुक, 2050 का विजन पेश
धरती आबा को नमन ।
  • 8799 करोड़ की 1087 योजनाएं समर्पित
  • राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने धरती आबा को किया याद

रांची। झारखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर इतिहास के एक नए अध्याय में प्रवेश कर चुका है। रांची के मोरहाबादी मैदान में शनिवार को आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भावुक हो उठे। उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक मौके पर उनकी अनुपस्थिति मन को विचलित करती है।

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन ने 8799 करोड़ रुपये की 1087 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कुल 4475 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और 4324 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने स्मारिका (सौवेनियर) का भी विमोचन किया।

धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर विशेष श्रद्धांजलि

स्थापना दिवस से पहले राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने खूंटी के उलिहातु स्थित धरती आबा बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पहुंचकर परम्परागत विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कोकर स्थित उनके समाधि स्थल पर भी श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।सरकार ने इस अवसर को “धरती आबा की 150वीं जयंती वर्ष” के रूप में मनाया।

8799 करोड़ की सौगात — 1087 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि:

4475 करोड़ रुपये की 209 योजनाओं का शिलान्यास

4324 करोड़ रुपये की 878 योजनाओं का उद्घाटन

कुल मिलाकर 1087 योजनाएं, जिनकी कुल राशि 8799 करोड़ रुपये, आज जनता को समर्पित की गईं। इनमें ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।

CM हेमंत सोरेन भावुक — “गुरूजी की कमी हमेशा खलती है”

मोरहाबादी मैदान में उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा: “इस बार का स्थापना दिवस मेरे लिए खुशी के साथ-साथ एक खालीपन भी लेकर आया है। दिशोम गुरु शिबू सोरेन हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति आज बहुत महसूस हो रही है।” उन्होंने बताया कि झारखंड का गठन सैकड़ों वर्षों के संघर्ष का परिणाम है और आदिवासी-मूलवासी समाज ने अपनी पहचान बचाने के लिए अनगिनत कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी-मूलवासी समाज ने सदियों पुरानी अपनी पहचान, संस्कृति और अधिकार को बचाने के लिए लंबा संघर्ष किया है। उसी संघर्ष ने इस नई व्यवस्था को जन्म दिया।

2050 तक के झारखंड का खाका — ‘भविष्य बदलने का संकल्प’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अभी से यह तैयारी कर रही है कि वर्ष 2050 का झारखंड कैसा दिखेगा। उनके अनुसार राज्य के पास खनिज संपदा, मेहनतकश मानव संसाधन और समृद्ध संस्कृति है, जिसे अगले 25 वर्षों में भारत की आर्थिक शक्ति में बदलना लक्ष्य है।उन्होंने कहा: “गांवों की तरक्की से राज्य मजबूत होगा।” शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और खेल में झारखंड के युवाओं की उपलब्धियां नया इतिहास रच रही हैं। विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों पर सरकार संतुलित दृष्टिकोण से आगे बढ़ रही है। महिलाओं को बजट का 50% हिस्सा देकर सशक्त बनाने की नीति जारी रहेगी।

वीर शहीदों को नमन, प्रेरणा का संकल्प

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का भविष्य वीर शहीदों की सोच और त्याग पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी प्रतिमाओं और स्मारकों को प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित करने पर काम कर रही है।

मोरहाबादी में चार दिनों तक चलेगा उत्सव

मोरहाबादी मैदान में आयोजित यह भव्य कार्यक्रम लगातार चार दिन चलेगा। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, जनजातीय नृत्य, झारखंड की कला-संस्कृति, हस्तशिल्प और आधुनिक झारखंड की उपलब्धियां इसमें प्रदर्शित की जा रही हैं।झारखंड के 25 वें स्थानपना दिवस में कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यह कार्यक्रम लगातार चार दिन चलेंगे. शनिवार को कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा राज्यपाल संतोष गंगवार, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, मंत्री संजय यादव और वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर शामिल हुए।

निष्कर्ष

झारखंड का 25वां स्थापना दिवस एक ऐतिहासिक पल बन गया। धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और राज्य के 25 वर्षों का सफर एक साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री द्वारा 2050 तक के विकास खाके का संकल्प, योजनाओं की बड़ी सौगात और जनता की उत्साही उपस्थिति यह संदेश दे रही है कि झारखंड अब नई दिशा और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने को तैयार है।