Jharkhand : झारखंड पुलिस में ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में बाबूलाल मरांडी ने उठाये गंभीर सवाल

झारखंड में 10 जून को डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर पुलिस हेडक्वार्टर ने आठ आईपीएस अफसरों को एडीशनल चार सौंपा था। लेकिन होम डिपार्टमेंट ने उसे कैंसिल कर “स्पष्टीकरण” मांगा है। अब इस ट्रांसफर-पोस्टिंग पर बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन के सामने गंभीर सवाल उठाये हैं। उन्होंने डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर भी सीएम को घेरा है।

Jharkhand : झारखंड पुलिस में ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में बाबूलाल मरांडी ने उठाये गंभीर सवाल
DGP अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर CM को घेरा।

रांची। झारखंड में 10 जून को डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर पुलिस हेडक्वार्टर ने आठ आईपीएस अफसरों को एडीशनल चार सौंपा था। लेकिन होम डिपार्टमेंट ने उसे कैंसिल कर “स्पष्टीकरण” मांगा है। अब इस ट्रांसफर-पोस्टिंग पर बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन के सामने गंभीर सवाल उठाये हैं। उन्होंने डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर भी सीएम को घेरा है।
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नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर सीएम हेमंत सोरेन को घेरते हुए उनसे सवाल किए हैं। बाबूलाल के मुताबिक, अब राज्य में कुछ बेलगाम अफसर संविधान से नहीं, सत्ता के साथ 'नेटवर्क' से चलते हैं। सोशल मीडिया के जरिए अपनी बातों को उन्होंने शेयर भी किया है। "X" पर पोस्ट करते बाबूलाल ने कहा, “डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं, ना उनपर कोई विभागीय कार्रवाई लागू होती है, ना तो उन्हें वेतन मिल रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनका वेतन रोक सकते हैं। लेकिन पुलिस विभाग के सारे तुगलकी आदेश वही दे रहे हैं। पुलिस कांस्टेबल तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे ले-देकर हो रही है. पता कर लीजिये। कोई नहीं बताये तो हमें कॉल करियेगा, विस्तार से सब बता देंगे।”
बाबूलाल ने कहा कि “10 जून को आठ आईपीएस अफसरोंको डीजीपी पद पर बैठे असंवैधानिक व्यक्ति ने असंवैधानिक तरीके से अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया तो इसमें हैरान होने वाली क्या बात है। बिना UPSC की सूची में नाम वाले व्यक्ति ने बिना मुख्यमंत्री की स्वीकृति, और बिना किसी विधिक अधिकार के ये सब कर दिया तो क्या बुरा किया। सुना है अब गृह विभाग ने उसे रद्द कर “स्पष्टीकरण” मांगा है। उन्होंने पूछा कि “स्पष्टीकरण किससे मांग रहे हैं। उस व्यक्ति से जिसे आप नियमों के दायरे में ला ही नहीं सकते। जब वे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी रहे ही नहीं तो जाहिर है वो अखिल भारतीय सेवा के नियम को क्यों मानेंगे।”
नेता प्रतिपक्ष ने सीएम हेमंत से सवाल करते कहा है कि ये बात आपको कैसे समझ में नहीं आ रही मुख्यमंत्रीजी? आपकी चुप्पी और बेबसी क्या दर्शाती है? या तो आपको पता नहीं, या आप पूरी तरह अयोग्य हैं। या फिर आपको सब पता है कि इस हालात के लिये आप स्वयं दोषी हैं। यह कौन नहीं जानता है कि झारखंड के कुछ बेलगाम अफसर अब संविधान से नहीं।