जम्मू-कश्मीर: एक्स सीएम की बेटी का यासीन मलिक ने किया था किडनैप,  रुबैया सईद ने कोर्ट में पहचाना

जम्मू-कश्मीर के एक्स सीएम दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सई की बेटी रूबैया सईद का अलगवादी नेता यासीन मलिक ने किडनैप किया था। रुबैया सईद शुक्रवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश हुईं। जहां उन्होंने अलगावादी नेता यासीन मलिक को अपने किडनैपर के रूप में पहचान की।

जम्मू-कश्मीर: एक्स सीएम की बेटी का यासीन मलिक ने किया था किडनैप,  रुबैया सईद ने कोर्ट में पहचाना
  • 32 साल पहले रिहाई के बदले छोड़ने पड़े थे पांच आतंकवादी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के एक्स सीएम दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सई की बेटी रूबैया सईद का अलगवादी नेता यासीन मलिक ने किडनैप किया था। रुबैया सईद शुक्रवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश हुईं। जहां उन्होंने अलगावादी नेता यासीन मलिक को अपने किडनैपर के रूप में पहचान की।

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मुफ्ती मोहम्मद सईद ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (PDP) नाम की पार्टी बनाई थी, वे और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती दोनों जम्मू-कश्मीर की सीएम रहीं।जम्मू-कश्मीर के एक्स सीएम महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद का अपरहण करने वालों में अलगाववादी नेता यासीन मलिक भी शामिल था। रुबैया सईद ने शुक्रवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में गवाही के दौरान अपने किडनैपर की पहचान की। रुबैया सईद का आठ दिसंबर 1989 में अपहरण किया गया था।

13 दिसंबर को पांच आतंकवादियों को छोड़े जाने के बाद रुबैया सईद की रिहाई हुई थी। उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद भारत के गृहमंत्री थे।सीबीआई ने 1990 की शुरुआत में किडनैपिंग के इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। यह पहली बार है जब रुबैया सईद को मामले के सिलसिले में कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। रुबैया सईद तमिलनाडु में रहती है। सईद को अभियोजन पक्ष की ओर से बतौर गवाह के रूप में पेश किया गया था।वारदात के लगभग 31 साल से अधिक समय बाद यासीन मलिक और नौ अन्य के खिलाफ कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में आरोप तय किये थे। अब इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त तय की गई है। यासीन मलिक को हाल ही में टेरर फंडिग मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अगली सुनवाई 23 अगस्त को
अब मामले की सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त तय की गई है। अगली तारीख पर रूबिया भी मौजूद रहेंगी। यासीन मलिक ने क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए खुद को व्यक्तिगत तौर पर जम्मू ले जाने की मांग की है। हालांकि यासीन को जम्मू लाया जायेगा या नहीं, इस बात की जानकारी नहीं मिली है।

हॉस्पिटल से अपने घर लौट रही थीं रूबिया
रूबिया सईद के किडनैपिंग श्रीनगर के सदर पुलिस स्टेशन में आठ दिसंबर 1989 को FIR दर्ज कराई गई थी। FIR के अनुसार, वे एक ट्रांजिट वैन में श्रीनगर के एक हॉस्पिटलल से अपने घर नौगाम के लिए जा रही थीं। वे MBBS की पढ़ाई के बाद अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी।वैन लाल चौक से होते हुए जब चानपूरा चौक के पास पहुंची। उसमें सवार तीन लोगों ने बंदूक के दम पर वैन को रोक रूबिया का किडनैप कर लिया। रिहाई के बदले JKLF (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) ने पांच आतंकवादियों हामिद शेख, अल्ताफ अहमद भट्ट, नूर मोहम्मद, जावेद अहमद जरगर व शेर खान को रिहा करने की शर्त रखी थी। शर्त पूरी होने के बाद ही रूबिया को छोड़ा गया।

यासीन मलिक पर कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप
अलगाववादी नेता यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) से जुड़ा है। वह कश्मीर की राजनीति में हमेशा से ही सक्रिय रहा है। उस पर युवाओं को भड़काने और हाथों में बंदूक लेने के लिए प्रेरित करने का आरोप है।यासीन पर पाकिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने के आरोप भी हैं। 1990 में कश्मीरी पंडितों की हत्या कर उन्हें घाटी छोड़ने पर मजबूर करने में भी यासीन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

दो मामलों में उम्रकैद, पांच में 10 साल की कैद

यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। पांच मामलों में 10 साल की सजा दी गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी और अधिकतम सजा उम्रकैद की है। इस तरह ताउम्र यासीन मलिक को जेल काटनी होगी। यासीन मलिक पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, टेरर फंडिंग करने, आतंकी साजिश रचने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे आरोपों में कई मामले दर्ज हैं।