जम्मू कश्मीर: गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी बनायी, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा नाम

गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी का एलान कर दिया है। गुलाम बनी की नई पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी होगा।  आजाद ने कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। हम राजनीतिक दलों की नीतियों का विरोध कर सकते हैं।

जम्मू कश्मीर: गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी बनायी, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा नाम

जम्मू। गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी का एलान कर दिया है। गुलाम बनी की नई पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी होगा। 
आजाद ने कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। हम राजनीतिक दलों की नीतियों का विरोध कर सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी में आजाद शब्द से मतलब उनका नाम नहीं बल्कि स्वतंत्र है। यानी उनकी पार्टी पूरी तरह स्वतंत्रत लोकतांत्रिक पार्टी होगी जो जम्मू व कश्मीर के लोगों से जुड़ी होगी। आजाद ने पार्टी का नाम घोषित करने के बाद पत्रकारों के समक्ष पार्टी के झंडे को भी लहराया।
झंडे का किया अनावरण
गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया है। उन्होंने कहा, झंडे का पीला रंग रचनात्मकता, एकता और विविधता को दर्शाता है। सफेद रंग शांति और नीला रंग स्वतंत्रता, खुले विचार, कल्पना और सागर की गहराई से आकाश की ऊंचाई तक को दिखाता है। आजाद ने कहा, लोगों ने उर्दू, संस्कृति, हिंदी में नाम सुझाए थे। हालांकि हम ऐसा नाम चाहते थे जिसमें डेमोक्रेटिक, शांति और स्वतंत्र तीनों बाते हों। 
गुलाम नबी आजाद (73) ने 26 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा उन्होंने सोनिया गांधी को लंबा चौड़ा पत्र भी लिखा था और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था। गुलाम नबी आजाद जी-23 नेताओं में शामिल थे। उनके पार्टी छोड़ने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला ने भी उन्हें ऑफर दिया था और कांग्रेस की आलोचना की थी। 
आजाद के आवास पर दिन भर बैठकों का दौर चला। इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, डा. मनोहर लाल शर्मा, जीएम सरूरी, अब्दुल मजीद वानी, बलवान सिंह, गौरव चोपड़ा, जुगल किशोर आदि शामिल हुए। इस दौरान पार्टी के नाम पर चर्चा की गई। जम्मू का दो दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद आजाद 27 सितंबर को श्रीनगर का रुख करेंगे। वह दो दिन तक कश्मीर में पार्टी नेताओं से बैठकें करेंगे। आजाद अनुच्छेद 370 पर अपनी राय को स्पष्ट कर चुके है कि यह अनुच्छेद फिर से वापिस नहीं आ सकता क्योंकि इसके लिए संसद में दो तिहाई बहुमत चाहिए। वह कह चुके है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां व भूमि के अधिकार सुरक्षित करने के लिए संघर्ष करेंगे।