Jamia Millia Islamia University violence case : 15 स्टूडेंट्स के खिलाफ सख्त एक्शन, तीन छात्र निष्कासित

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पिछले साल हुई हिंसा मामले में 15 स्टूडेंट्स के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है। यूनिवर्सिटी ने 15 स्टूडेंट्स पर सख्त कार्रवाई की है। इसमें तीन स्टूडेंट्स को निष्सित कर दिया गया है। सजा के तौर पर निष्कासन के अलावा, कैंपस में घुसने पर बैन, हॉस्टल सेवं चित करना और अच्छा व्यवहार करने के लिए बॉन्ड भरना शामिल है। 

Jamia Millia Islamia University violence case : 15 स्टूडेंट्स के खिलाफ सख्त एक्शन, तीन छात्र निष्कासित

नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पिछले साल हुई हिंसा मामले में 15 स्टूडेंट्स के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है। यूनिवर्सिटी ने 15 स्टूडेंट्स पर सख्त कार्रवाई की है। इसमें तीन स्टूडेंट्स को निष्सित कर दिया गया है। सजा के तौर पर निष्कासन के अलावा, कैंपस में घुसने पर बैन, हॉस्टल सेवं चित करना और अच्छा व्यवहार करने के लिए बॉन्ड भरना शामिल है। 
यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट का कहना है कि उक्त 15 में से मात्र तीन स्टूडेंट्स को एग्जाम देने की अनुमति मिली है। हालांकि, इन तीनों पर पांच साल तक कैंपस में नहीं घुसने का दंड और कोर्स खत्म होने के बाद यूनिवर्सिटी के किसी भी अन्य कोर्स में एडमिशन नहीं लेने का दंड भी लगाया गया है। जिन छात्रों को निष्कासित किया गया है, उनकी पहचान मुजीबुर रहमान, बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान; सलमान खुर्शीद (बीए प्रोग्राम) और मो. फैसल (एमए सोशल एक्सक्लूजन) के रूप में हुई है।  यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि रहमान और खुर्शीद को 24 अप्रैल को जारी नोटिस में कहा गया कि वे अपने मामले का बचाव करने के लिए अनुशासनात्मक समिति के सामने पेश नहीं हुए। फैसल को दिये गये नोटिस में उल्लेख किया गया है कि समिति ने निलंबन और परिसर प्रतिबंध की अवधि के दौरान उनके द्वारा की गई गतिविधियों को ध्यान में रखा।
इन स्टूडेंट्स पर यूनिवर्सिटी के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने और छात्रों को लड़ाई के लिए उकसाने का आरोप है।जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पिछले साल सितंबर के महीने में स्टूडेंट्स के दो ग्रुपों के बीच हिंसा हुई थी। इसमें एक स्टूडेंट को गोली भी लगी थी। घटना के अगलेही दिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कई स्टूडेंट्स पर शांति भंग के आरोप में कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था। मामले में अनुशासनात्मक कमेटी ने जांच की। कमेटी ने इस हिंसा को काफी गंभीरता से लिया था। जिसके बाद स्टूडेंट्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 
यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स सुहैल नसरुल्ला अंसारी, मोहम्मद शादाब चौधरी, साहिल और नजीम खान को अपना कोर्स पूरा करनेकी अनुमति दी गई है। लेकिन कोर्स खत्म करनेके बाद इन सभी को पांच साल तक कैंपस में नहीं घुसने के लिए कहा गया है। इन सभी को कोई हॉस्टल भी नहीं मिलेगा।जामिया के रजिस्ट्रार नाजिम हुसैन अल जाफरी ने कहा कि अनुशासन समिति ने एक उदाहरण स्थापित करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा।