इंडियन आर्मी ने बनाया WhatsApp जैसा मैसेजिंग ऐप SAI, फुलप्रूफ सिक्योर होगा

इंडियन आर्मी ने स्वदेशी मैसेजिंग ऐप SAI डेवलप किया गया है। इस ऐप को आने वाले दिनों में लॉन्च किया जाएगा। इस ऐप की टक्कर मैसेजिंग ऐप WhatsApp से होगी। यह मैजेसिंग ऐप पूरी तरह से सुरक्षित होगा। आर्मी इस ऐप का इस्तेमाल आपसी कम्युनिकेशन के लिए करेगी।

इंडियन आर्मी ने बनाया WhatsApp जैसा मैसेजिंग ऐप SAI, फुलप्रूफ सिक्योर होगा
  • सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट ऐप एंड टू एंड सिक्योर वॉयस टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सर्विस को सपोर्ट करेगा
  • यह ऐप एंड्रॉइड बेस्ड इंटरनेट सर्विस इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन के लिए होगा

नई दिल्ली। इंडियन आर्मी ने स्वदेशी मैसेजिंग ऐप SAI डेवलप किया गया है। इस ऐप को आने वाले दिनों में लॉन्च किया जाएगा। इस ऐप की टक्कर मैसेजिंग ऐप WhatsApp से होगी। यह मैजेसिंग ऐप पूरी तरह से सुरक्षित होगा। आर्मी इस ऐप का इस्तेमाल आपसी कम्युनिकेशन के लिए करेगी। सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट (SAI) एप डेवलप कर इंडियन आर्मी ने पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 
WhatsApp, Telegram, SAMVAD और GIMS मैसेजिंग ऐप से होगी टक्कर

इंडियन आर्मी के मैसेजिंग ऐप का नाम SAI (सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट) होगा। यह ऐप एंड टू एंड सिक्योर वॉयस, टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सर्विस को सपोर्ट करेगा। यह ऐप एंड्रॉइड बेस्ड इंटरनेट सर्विस इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन के लिए होगा। मिनिस्ट्री ऑफ फिडेंस की तरफ एक जारी बयान में बताया गया कि इंडियन आर्मी का मैसेजिंग ऐप SAI भारत में पहले से कमर्शियली उपस्थित मैसेजिंग एप्लीकेशन WhatsApp, Telegram, SAMVAD और GIMS जैसा होगा। यह ऐप एंड टू एंड इंस्क्रिप्शन मैजेसिंग प्रोटोकॉल का उपयोग करेगा।

फुलप्रूफ सिक्योर ऐप

गवर्नमेंट की तरफ से बताया गया है कि आर्मी का मैसेजिंग ऐप SAI पूरी तरह से फुलप्रूफ सिक्योर होगा। इसमें लोकल इन-हाउस सर्वर और कोडिंग वाले सिक्योरिटी फीचर को उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें जरूरत के हिसाब से बदला किया जाता रहेगा। 

आर्मी साइबर ग्रुप ने ऐप निर्माण की दी इजाजत 

मिनिस्टरी की ओर से जारी बयान के अनुसार इस एप्लीकेशन को CERT-in पैनल में शामिल ऑडिटर और आर्मी साइबर ग्रुप की तरफ से जांच के बाद इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। अब इस ऐप को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट (IPR) के सामने पेटेंट फाइलिंग के लिए प्रस्तावित किया गया है। इस ऐप के iOS वर्जन पर अभी काम जारी है।