पूर्वोतर के पांच विद्रोही ग्रुप ने सेंट्रल गवर्नमेंट के साथ कार्बी आंगलांग समझौते पर किया साइन, 1000 उग्रवादी करेंगे सरेंडर

पूर्वोत्तर के पांच विद्रोही ग्रुप ने सेंट्रल गवर्नमेंट के साथ ऐतिहासिक कार्बी आंगलांग समझौते पर साइन किया है। होम मिनिस्टरी के दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में समझौते के समय होम मिनिस्टर अमित शाह और असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा भी मौजूद थे।

पूर्वोतर के पांच विद्रोही ग्रुप ने सेंट्रल गवर्नमेंट के साथ कार्बी आंगलांग समझौते पर किया साइन, 1000 उग्रवादी करेंगे सरेंडर

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के पांच विद्रोही ग्रुप ने सेंट्रल गवर्नमेंट के साथ ऐतिहासिक कार्बी आंगलांग समझौते पर साइन किया है। होम मिनिस्टरी के दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में समझौते के समय होम मिनिस्टर अमित शाह और असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा भी मौजूद थे। 
समझौते के बाद सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा कि मैं सभी जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि पांच संगठन और असम सीएम समझौते के सभी शर्तों को समय रहते पूरा करेंगे। इससे कार्बी अनलांग क्षेत्र में लंबे समय तक शांति बनी रहेगी। असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि इस समझौते के तहत 1,000 उग्रवादी आत्मसमर्पण करेंगे। कई आर्म्स भी सरेंडर किये जायेंगे। फिर से शांति बहाली होगी। यह एक बड़ी उपलब्धि है।  

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होम मिनिस्टर ने कहा 'जहां तक कार्बी-आंगलोंग का सवाल है असम सरकार विकास के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। ये बहुत बड़ी बात है। आज जब समझौता हो रहा है तो मैं यह जरूर कहता हूं कि नरेंद्र मोदी गवर्नेमेंट की नीति है कि जो समझौते को हम करते हैं उसकी सभी शर्तों को हमारे ही समय में पूरा करते हैं।  ये हमारा रिकॉर्ड है. चाहे बोडोलैंड का समझौता हो, ब्रू समझौता हो, चाहे त्रिपुरा के एनएलएफटी का समझौता हो इनकी 80 परसेंट शर्तें पूरी हो चुकी हैं और बोडोलैंड में सबकुछ पूरा हो चुका है।

कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समूह है, जो कई गुटों और टुकड़ों से घिरा हुआ है। कार्बी समूह का इतिहास 1980 के दशक के उत्तरार्ध से हत्याओं, जातीय हिंसा, अपहरण और कराधान से जुड़ा रहा है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने समझौते के बाद कहा कि कार्बी आंगलोंग समझौते पर साइन असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। नए समझौते के तहत, पहाड़ी जनजाति के लोग भारतीय संविधान की अनुसूची 6 के तहत आरक्षण के हकदार होंगे।