मोदी कैबिनेट का विस्तार एक दो दिन में, सोनेवाल, सिंधिया-अनुप्रिया समेत 22 मिनिस्टर्स के शपथ लेने की संभावना

पीएम नरेंद्र मोदी सात या आठ जुलाई को कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। मोदी 2.0 का पहले विस्तार में20-22 मिनिस्टर्स को शपथ दिलायी जा सकती है। अभी  कैबिनेट में अभी 28 मंत्री पद खाली है।बीजेपी की ओर से संभावित एमपी को फोन कर दिल्ली पहुंचने को कहा गया है। 

मोदी कैबिनेट का विस्तार एक दो दिन में, सोनेवाल, सिंधिया-अनुप्रिया समेत 22 मिनिस्टर्स के शपथ लेने की संभावना

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी सात या आठ जुलाई को कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। मोदी 2.0 का पहले विस्तार में20-22 मिनिस्टर्स को शपथ दिलायी जा सकती है। अभी  कैबिनेट में अभी 28 मंत्री पद खाली है।बीजेपी की ओर से संभावित एमपी को फोन कर दिल्ली पहुंचने को कहा गया है। 
कैबिनेट विस्तार में इस बार  जेडीयू, अन्नाद्रमुक, अपना दल को भी मौका मिल सकता है। क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए दूरदराज के राज्य और केंद्र शासित राज्यों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने की संभावना है।मोदी सरकार में 57 मंत्री बनाये गये थे। इनमें 24 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार तथा 24 राज्यमंत्री शामिल थे। हालांकि इनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं। शिवसेना एवं अकाली दल के अलग होने और रामविलास पासवान के निधन के बाद कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गई। है। एक राज्यमंत्री का भी निधन हुआ। इस प्रकार अभी कुल 53 मंत्री ही हैं जबकि संविधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या 79 तक हो सकती है। 
मिनिस्टर्स के लिए कई नाम चर्चा में
मोदी कैबिनेट के के भावी फेरबदल और विस्तार में असम के एक्स सीएम सर्वानंद सोनोवाल, बिहार के एक्स डिप्टी सीएम सुशील मोदी, एमपी ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा, राकेश सिंह, नारायण राणे, हिना गावित, संध्या राय, सुनीता दुग्गल, जनता दल यूनाइटेड कोटे से आरसीपी सिंह और ललन सिंह को कैबिनेट मंत्री और किसी एक को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। बीजेपी के सांसद आरके रंजन सिंह को भी कैबिनेट में जगह मिलने की खबर है।

कई मिनिस्टर्स का बोझ कम होगा
संभावित फेरबदल से मौजूदा आधा दर्जन मंत्री भी प्रभावित हो सकते हैं, जिनके काम का कुछ का बोझ कम होगा। अभी नरेंद्र सिंह तोमर के पास चार मंत्रालय ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण हैं। इनमें खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद उन्हें अतिरिक्त प्रभार के रूप में मिला हुआ है। रविशंकर प्रसाद, डॉ हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी तीन मंत्रालय का कामकाज संभाल रहे हैं। प्रकाश जावड़ेकर को शिवसेना के अरविंद सावंत के सरकार से अलग होने के बाद भारी उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है, जबकि रामविलास पासवान के निधन के बाद पीयूष गोयल को उपभोक्ता और खाद्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

कई मंत्रियों के पास दो मिनिस्टरी
बीमार चल रहे केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीपाद नायक का आयुष मंत्रालय का कामकाज किरण रिजिजू देख रहे हैं। रिजिजू के पास खेल और युवा मंत्रालय पहले से ही है। स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री प्रहलाद पटेल के पास संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय हैं, जबकि हरदीप सिंह पुरी आवासन और शहरी विकास के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी देख रहे हैं। नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और धर्मेंद्र प्रधान के पास तो दो मत्रालय हैं।थावर चंद्र गलौत को कर्नाटक का गवर्नर बनाया गया है। ऐसे में और विभाग खाली हो गया है। 

उत्तर प्रदेश से अपना दल की अनुप्रिया पटेल के साश-साथ बीजेपी से वरुण गांधी, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम के नाम की भी चर्चा है। बिहार से एलजेपी एमपी पशुपति कुमार पारस के नाम की भी की चर्चा है।महाराष्ट्र से बीजेपी एमपी हिना गावित के अलावा भूपेंद्र यादव, नारायण राणे,पूनम महाजन और प्रीतम मुंडे का नाम भी चर्चा में है। लद्दाख से बीजेपी एमपी जामयांग नामग्याल, उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी, कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक, हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी चल रहा है।